इन तीन दिनों में श्वसन के व्यायाम, शुद्धि क्रिया व खंडीय श्वसन, अनुलोम विलोम, नाड़ी शुद्धि, शीतलक प्राणायाम, भ्रामरी इत्यादि का अभ्यास किया गया ! उपरोक्त प्राणायाम सत्र में आ.शीतल दीदी (प्रान्त संगठक) का विशेष मार्गदर्शन रहा ! प्रत्येक दिन चर्चा सत्र में प्राणायाम संकल्पना ,सामूहिक प्राणायाम के लाभ–अनुभव आधारित, तथा अंतिम दिन स्वयं के नित्य अभ्यास का संकल्प सभी सहभागियों ने लिया ! आगामी समय में भी इस तरह के सत्रों का आयोजन किये जाने की योजना पर भी चिंतन हुआ !
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