Friday, October 21, 2022

Swami Vivekananda's Punyatithi - New Delhi

The Delhi Branch of Vivekananda Kendra Kanyakumari paid tribute to the great Yogi of 19th century Swami Vivekananda on his 120th Punyatithi.

Shri Nikhil Yadav, Prant Yuva Pramukh of Vivekananda Kendra, Uttar Prant, informed us that a 2 hours program was organized at our center in Chanakyapuri in which around 80 people paid tribute to Swamiji. The program started with a youth convention held every Sunday at the center, followed by a geet on Swamiji and pushpanjali with Bharat Mata Aarti. Then, in two groups, we studied the last-day incidences of Swami Vivekananda in the words of Sister Nivedita.

In the study circle, the youth discussed the need to apply Swami Vivekananda's ideas practically in their daily lives.

We are observing the 75th year of Independence, so it is important to know that Swami Vivekananda laid the foundation for the freedom movement, which inspired several freedom fighters.

Monday, October 10, 2022

Universal Brotherhood Day - Munger

 वेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी  शाखा :- मुंगेर में विश्व बंधुत्व दिवस कार्यक्रम दिनाँक :- 10/09/2022 (शनिवार) को किया गया जिसमे  मुख्य अथिति :-  निखिल धनराज (नगर आयुक्त मुंगेर)  मुख्य वक्ता :- आ०विजय कुमार वर्मा (प्रान्त संपर्क प्रमुख)  उपस्थित रहे विशेष उपस्थिति :- प्रो०अनूप सिन्हा जी (DSW MU एवं केंद्र सह संयोजक), प्रो०भावेश चन्द्र पांडेय (महाविद्यलाय निरक्षक MU एवं केंद्र सह संयोजक),  प्रो० जयप्रकाश नारायण जी (नगर संरक्षक) की रही | कुल उपस्थिति 100 के आस-पास रही।

Sunday, October 9, 2022

Universal Brotherhood Day Celebration - Bhagalpur

वेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा भागलपुर के तत्वाधान में विश्व बंधुत्व दिवस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय आनंदराम ढाँढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलाचारण शांति पाठ से हुआ।

मुख्य अतिथि न्यायधीश,भागलपुर  शिव गोपाल मिश्र जी ने  कहा ईश्वर को किसने देखा है? सुक्ष्म चीजें दिखती नहीं है महसूस करने की आवश्यकता है। मनुष्य स्वयं को चैतन्य की ओर ले जाए, मनुष्य यदि स्वयं को जिस कार्य हेतु रमा देते हैं अर्थात परमात्मा में  रमते हैं तो परमात्मा में खो जाते हैं यदि राष्ट्री में रमते हैं तो राष्ट्रीयता उनमें कूट कूट कर भरी जाती है मनुष्य सिर्फ अपने आप पर विश्वास रखें।

महासचिव भानुदास जी ने कहा कि मनुष्य की केवल मनुष्यों की आवश्यकता है किंतु आवश्यकता है वीर्यवान तेजस्वी ,श्रीसंपन्न और पूर्ण प्रमाणित नव युवकों की वह सिंह के समान पूरी समस्या को हल कर देंगे तुम सब अपने में यह विश्वास रखो कि प्रत्येक आत्मा में अनंत शक्ति विद्यमान है यदि सफलता प्राप्त नहीं कर पाता तो उसे पूरा करने के लिए कोई अन्य आएगा और मुझे संघर्ष करते रहने में ही संतोष प्राप्त होगा हमें भारत में बसने वाली सभी जातियों के अंदर प्रवेश करना होगा इसलिए आओ हम एक महान देश को अपनाएं।

उन्होंने  उपनिषद के बारे में बताते हुए कहा कि उपनिषदों में ऐसी प्रचूर शक्ति विद्यमान है कि वह समस्त संसार को तेजस्वी कर सकते हैं। अथवा स्वाधीनता ,दैहिक स्वाधीनता, मानसिक स्वाधीनता , अध्यात्मिक स्वाधीनता यही उपनिषदों का मूल मंत्र है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ विजय वर्मा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की भारत को यदि जीवित रहना है और प्रगति करते हुए अपनी खोई हुए गौरव को प्राप्त करना तो अपनी राष्ट्रीय समस्याओं का हल स्वामी विवेकानंद में ही ढूंढना होगा स्वामी विवेकानंद अपने जीवन और संदेश के माध्यम से पूरे विश्व में 1 युवाओं पर उपस्थित किया है जिसे पूर्ण रूप से विकसित होने में संभवत शताब्दी लग जाएगी।

कार्यक्रम संचालन नगर प्रमुख मिहिर मोहन मिश्र द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यकर्ता सौरभ किशोर सहाय ने किया। कार्यक्रम में नगर के विभिन्न संगठनों एवं गणमान्य(प्रबुद्ध वर्ग) जनों सहित 175 आस-पास उपस्थिति रही।