विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, जयपुर- विभाग द्वारा हर वर्ष पांच दिवसीय आवासीय संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष करोना महामारी के कारण इसे ऑनलाइन आयोजित किया गया। इस शिविर के लिए 436 बच्चो का पंजीकरण हुआ,जिसका आयोजन 17 से 24 मई तक किया गया। इस कैंप के आयोजन में 40 कार्यकर्ताओ ने भाग लिया। कैंप के पूर्व सभी कार्यकर्ताओं का भी गहन प्रशिक्षण हुआ। इस ऑनलाइन शिविर में 200 से अधिक बच्चे नियमित रहे। इनको 8 गणों में विभाजित किया गया- एकनाथ,विवेकानंद,गुरु गोविंद सिंह,महाराणा प्रताप ,शिवाजी,राघव,दामोदर, आञ्जनेय ।
इसके दौरान प्रार्थना,सूर्य नमस्कार,दैनिक जीवन में गीता पठन, खेल,गीत ,कहानी,जयघोष इन सभी विषयों को जाना एवम उत्साह पूर्वक भाग लिया। इसमें बच्चो ने खेल के माध्यम से भारतीय संस्कृति के रामायण ,महाभारत तथा अन्य बहुत सारी देशभक्ति पूर्ण कहानियों से भारतीय इतिहास को जाना। बच्चो ने उत्साह के साथ जयघोष लगाए एवम सूर्य नमस्कार के माध्यम से ऊर्जा प्राप्ति का अभ्यास किया। प्रतिदिन विद्यार्थियों ने जीवन भर अपनाए जाने वाले संकल्प लिए -जैसे जल्दी उठना, माता पिता के चरण स्पर्श करना, अपना सामान व्यवस्थित रखना। परिवार के साथ हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ भी किया। इस शिविर का उद्देश्य बच्चो को भारतीय संस्कृति की जड़ों से जोड़ना व संस्कारित करना रहा , ताकि बच्चे भारत का इतिहास जाने एवम सशक्त राष्ट्र निर्माण में सहयोग दे I इस शिविर में प्रत्येक दिन साक्षी विनायक के रूप में जयपुर विभाग तथा राजस्थान प्रांत के केंद्र कार्यकर्ता जुड़े एवम इस गतिविधि को कैसे और गुणवत्ता पूर्ण बनाया जा सकता है इसके लिए सुझाव दिए। शिविर का समापन 25 मई को हुआ जिसमे संख्या 220 रही एवम इसमें बच्चो ने जो भी कुछ सीखा उसका प्रस्तुतिकरण ,बच्चो,अभिभावकों, साक्षी विनायको के शिविर के अनुभव कथन हुए.अंत में केंद्र के वरिष्ठ कार्यकर्ताओ द्वारा केंद्र गतिविधि से जुड़ने का आह्वान किया गया।
सुनील सैनी
E-समर कैंप संयोजक
इसके दौरान प्रार्थना,सूर्य नमस्कार,दैनिक जीवन में गीता पठन, खेल,गीत ,कहानी,जयघोष इन सभी विषयों को जाना एवम उत्साह पूर्वक भाग लिया। इसमें बच्चो ने खेल के माध्यम से भारतीय संस्कृति के रामायण ,महाभारत तथा अन्य बहुत सारी देशभक्ति पूर्ण कहानियों से भारतीय इतिहास को जाना। बच्चो ने उत्साह के साथ जयघोष लगाए एवम सूर्य नमस्कार के माध्यम से ऊर्जा प्राप्ति का अभ्यास किया। प्रतिदिन विद्यार्थियों ने जीवन भर अपनाए जाने वाले संकल्प लिए -जैसे जल्दी उठना, माता पिता के चरण स्पर्श करना, अपना सामान व्यवस्थित रखना। परिवार के साथ हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ भी किया। इस शिविर का उद्देश्य बच्चो को भारतीय संस्कृति की जड़ों से जोड़ना व संस्कारित करना रहा , ताकि बच्चे भारत का इतिहास जाने एवम सशक्त राष्ट्र निर्माण में सहयोग दे I इस शिविर में प्रत्येक दिन साक्षी विनायक के रूप में जयपुर विभाग तथा राजस्थान प्रांत के केंद्र कार्यकर्ता जुड़े एवम इस गतिविधि को कैसे और गुणवत्ता पूर्ण बनाया जा सकता है इसके लिए सुझाव दिए। शिविर का समापन 25 मई को हुआ जिसमे संख्या 220 रही एवम इसमें बच्चो ने जो भी कुछ सीखा उसका प्रस्तुतिकरण ,बच्चो,अभिभावकों, साक्षी विनायको के शिविर के अनुभव कथन हुए.अंत में केंद्र के वरिष्ठ कार्यकर्ताओ द्वारा केंद्र गतिविधि से जुड़ने का आह्वान किया गया।
सुनील सैनी
E-समर कैंप संयोजक
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