Friday, January 27, 2017
पटना में पुष्पांजली कार्यक्रम
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी पटना शाखा द्वारा विवेकनन्द जयंती के अवसर पर पटना महानगर में पुष्पांजली कार्यक्रमों का आयोजन किया गया| ये कार्यक्रम नगर के गली, मोहल्लों,चौराहा और पार्कों में आयोजित किये गए | इन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में नगर के नगरवासियों ने भाग लिया साथ ही साथ प्रत्येक स्थान पर केंद्र के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वामी जी की जीवनी पर प्रकाश डाला गया |
नगर के गणमान्य जनों नें पुष्पांजली कार्यक्रमों की सरहाना की और कहा की ये कार्यक्रम अधिक से अधिक स्थानों पर आयोजित होने चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति स्वामी विवेकानन्द के बारे में जाने और उन जैसा बनने का प्रयास करे | पुष्पांजलि कार्यक्रमों को 3 स्थानों पर आयोजित किया गया जिसमें नगर के 6800 से भी अधिक नगर वासियों ने पुष्पांजलि किया कार्यक्रम का समापन भारत माता की जय और स्वामी विवेकानन्द की जय से किया गया |
नगर के गणमान्य जनों नें पुष्पांजली कार्यक्रमों की सरहाना की और कहा की ये कार्यक्रम अधिक से अधिक स्थानों पर आयोजित होने चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति स्वामी विवेकानन्द के बारे में जाने और उन जैसा बनने का प्रयास करे | पुष्पांजलि कार्यक्रमों को 3 स्थानों पर आयोजित किया गया जिसमें नगर के 6800 से भी अधिक नगर वासियों ने पुष्पांजलि किया कार्यक्रम का समापन भारत माता की जय और स्वामी विवेकानन्द की जय से किया गया |
Annual Day, Vivekananda jayanti,, National youth day and Inauguration of Science Center at VKV Vallioor
Vivekananda Jayanthi was observed on 12th January 2017. The combinations of four celebrations (Vivekananda Jayanthi, School Annual Day, National Youth day.
The Inauguration of Mini Science Center) were celebrated together. Sri. NELLAI S. MUTHU Former Scientist, ISRO, NCSTC – National Awardee for Science Popularization was the chief guest. Sri S. Ayyappanji, Secretary of RDP, Vivekananda Kendra Sri. Subramanian, Smt. Shanmuga vadivu, Trustees of Redington foundation were the special guests. Sri. S. Muthu inaugurated the function by lighting the lamp & inaugurated our Mini Science Center, Sponsored by Redington foundation. Speeches on the greatness of Bharath, Views of Swami Vivekananda on Mother Bharat, Greatness of Thirukkural, Aim of students, Discipline of students and the improvement of science were presented by the chief guest. Rs. 10,000/- awarded to the top scorer in std XII (G. Gayathri) by Dr. Muthukrishnan, Eswari Nursing Home, Vallioor in the memory of Dr. Lakshmanan. The prizes were distributed for the outstanding performance of the students in the last academic year. One of our students R. Suman was honoured by the dignitaries for the state level achievement in sports event. Varieties of programmes like drama, dance, yoga, karate, silambam, skit etc. performed by the students exposed their efficiency. Our correspondent Shri. S.K. Subramanian organized the function.
The Inauguration of Mini Science Center) were celebrated together. Sri. NELLAI S. MUTHU Former Scientist, ISRO, NCSTC – National Awardee for Science Popularization was the chief guest. Sri S. Ayyappanji, Secretary of RDP, Vivekananda Kendra Sri. Subramanian, Smt. Shanmuga vadivu, Trustees of Redington foundation were the special guests. Sri. S. Muthu inaugurated the function by lighting the lamp & inaugurated our Mini Science Center, Sponsored by Redington foundation. Speeches on the greatness of Bharath, Views of Swami Vivekananda on Mother Bharat, Greatness of Thirukkural, Aim of students, Discipline of students and the improvement of science were presented by the chief guest. Rs. 10,000/- awarded to the top scorer in std XII (G. Gayathri) by Dr. Muthukrishnan, Eswari Nursing Home, Vallioor in the memory of Dr. Lakshmanan. The prizes were distributed for the outstanding performance of the students in the last academic year. One of our students R. Suman was honoured by the dignitaries for the state level achievement in sports event. Varieties of programmes like drama, dance, yoga, karate, silambam, skit etc. performed by the students exposed their efficiency. Our correspondent Shri. S.K. Subramanian organized the function.
Friday, January 20, 2017
इंदौर विभाग में विवेकानन्द जयंती एवं पुष्पार्पण कार्यक्रम
इंदौर नगर : विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी इंदौर नगर द्वारा दिनांक 12 जनवरी से 23 जनवरी तक इंदौर नगर में पुष्पार्पण के ३०० कार्यक्रम का संकल्प किया है ! इंदौर नगर में दिनांक 12 जनवरी को कुल १२० पुष्पार्पण के कार्यक्रम का आयोजन हॉस्पिटल्स, महाविद्यालय, विद्यालय, योग शिविर, हास्य क्लब, आवासीय सोसाइटीज इत्यादी जगह पर कार्क्रम किये गए ! कार्यक्रम में समाज के सामान्य वर्ग ने लगभग ७००० की संख्या में भाग लिया और संकल्प लिया की मेरा प्रत्येक कार्य, कृति और विचार यह राष्ट्र के अनुरूप होगा ! पुष्पार्पण कार्यक्रम में स्वामी विवेकानन्द के जीवन के घटनाक्रम, जयघोष,स्वामी विवेकानन्द चित्र के सामने पुष्पार्पण और अंत में सामुहित संकल्प लेकर कार्यक्रम समाप्त किया गया !
उज्जैन नगर : विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी उज्जैन नगर द्वारा दिनांक 12जनवरी को पुष्पार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! कार्यक्रममें मुख्या वक्ता के रूप में परमहंस डॉ अवदेशपुरी महाराज काआशीर्वाद प्राप्त हुआ ! उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के कई सारे अनछुए पहलुओं को सभी श्रोतओंके सामने उजागर किया ! कार्यक्रम के मुख्या अतिथि राष्ट्रिय सांदीपनी वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव देवीप्रसाद त्रिपाठी ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन को प्रस्तुत किया ! समाज के सामान्य वर्ग ने लगभग 100 की संख्या में भाग लिया और संकल्प लिया की मेरा प्रत्येक कार्य, कृति
और विचार यह राष्ट्र के अनुरूप होगा ! पुष्पार्पण कार्यक्रम में स्वामी विवेकानन्द के जीवन के घटनाक्रम, जयघोष, स्वामी विवेकानन्द चित्र के सामने पुष्पार्पण और अंत में सामुहित संकल्प लेकर कार्यक्रम समाप्त किया गया !
धार नगर : स्वामी विवेकानन्द के विचारों की प्रासंगिकता सदा बनी रहेगी व वर्त्तमान में विदेशी विचारक श्री स्वामी जी के चिंतन से प्रेरित हो रहे है ! स्वामीजी के जीवन दर्शन से उर्जा प्राप्त कर व्यक्ति अपने आप में बृहद परिवर्तन ला सकता है ! यह उदगार माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने यहाँ विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी शाखा धार की विवेकानन्द व्याख्यानमाला में व्यक्त किये ! मिलन महल त्रिमूर्ति नगर में आयोजित इस व्याख्यानमाला में उन्होने कहा की इतिहास के अनेक अनछुए प्रसंगों को समझकर भारत की विरासत को समझा जा सकता है तथा स्वयं में परिवर्तन से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है ! कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध लेखक डॉ. मुरलीधर चांदनिवाला ने संबोधित करते हुए कहा की स्वामीजी ने शिकागो धर्म सम्मलेन में जो सनातन संस्कृति का अलख जगाया वो आज भी प्रकाश पुंज बनकर बिखरा हुआ है ! पूरी दुनिया में स्वामीजी के विचार “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना को बदल देते है ! उन्होंने उपस्थित श्रोताओं से आव्हान भी किया की राष्ट्र व समाज की उन्नति के लिए अधिक से अधिक देने की प्रवृत्ति होनी चाहिए ! नगर में विगत ४५ वर्षों से यह व्याख्यानमाला आयोजित की जा रही है जिसमे अनेक विद्वान् अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके है ! कार्यकर्म में केंद्र के वरिष्ठ सदस्य श्री हरिशचंद्र पाठकजी का सम्मान उनकी सुदीर्घ सेवाओ के लिए अतिथिओं द्वारा किया गया ! साथ ही स्थानीय आनंद हिन्दू अनाथाश्रम, पीपलखेडा की वार्षिक पत्रिका अश्रमवाणी का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया ! विमोचन समिति अध्यक्ष श्री उदय वडनेरकर, सचिव श्री सरदार सिंह तंवर व सहसचिव श्री भारत सिंह दसौधि ने करवाया ! पूर्व में स्वस्तिवाचन व प्रार्थना राहुल जाटव ने गाया ! अतिथिओं का स्वागत मा.नगर संचालक श्री सरदार सिंह तंवर व सह संचालक श्री सुरेश राजपूतजी ने किया ! प्रेरक गीत श्री सत्येन्द्र जोशी व श्रीमती श्वेता जोशी ने प्रस्तुत किया ! श्रीमती जोशी के साथ हारमोनि संगत श्री दीपक खळतकर व तबला संगत श्री आशीष पुराणिक ने की ! कार्यक्रम का संचालन विवेकानन्द केंद्र के नगर संपर्क प्रमुख श्री नविन राठोर ने किया तथा आभार इंदौर विभाग प्रमुख श्री नंदन जोशी ने किया ! कार्यक्रम स्थल पर स्वामी विवेकानन्द की जीवन पर आधारित प्रदर्शिनी लगायी गयी थी साथ ही साहित्य सेवा स्टाल भी लगाया गया था ! कार्यक्रम में धार नगर ४०० की संख्या में प्रबुद्ध, युवा एवं मातृशक्ति ने भाग लिया !
खंडवा नगर : खंडवा नगर विवेकांनद व्यख्यान माला में विश्वभर में भारतीय संकृति का प्रभाव आज भी है यह विचार विवेकानन्द केंद्र के महाराष्ट्र प्रान्त सह संचालक श्री प्रकाश पाठक ने विवेकानन्द व्याख्यान माला में प्रकट किये ! उन्होंने अपने व्याख्यान में विदेशो के स्कूल कॉलेज स्वामी विवेकानन्द के अनेक पहुओं पर शोध व पी. एच. डी. भी हो रही है ! आज हमें स्वामी विवेकानन्द के सिद्धांतो व आदर्श पर चलने की आवश्यकता है ! स्वामीजी ने शिकागो व्याक्यान में विश्वबंधुत्व की संकल्पना दी ! इसके बाद ही विश्व इस अवधारण पर आगे बडा ! श्री प्रकाशजी ने अपने उद्बोधनमें आगे बतया की मेरा समर्पण मेरे मातृभूमि के प्रति होनी चाहिए ! आज समाज का परिदृश्य बदल रहा है ! हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना और बड़े पदों पर तो पहुचना चाह रहे है लेकिन आज इसमे नैतिकता का और बंधुत्व का अभाव दिखता है ! यह भी समाज के लिए जरुरी है ! उन्होंने संत तुकाराम द्वारा लिखे अर्थ के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा की धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जीवन के हिस्से है ! इसमे अर्थ और काम भी
जीवन से जुडा होना चाहिए ! उन्होंने स्वतंत्रता और समता को भी परिभाषित किया ! कार्यक्रम में खंडवा नगर के ४०० युवा, मातृशक्ति और प्रबुद्ध वर्ग ने भाग लिया !
खंडवा नगर साहित्य सेवा : खंडवा नगर में विवेकानन्द जयंती के अवसर पर 3 दिवसीय दिनांक 12,13,14 जनवरी को विवेकानन्द व्याख्यान माला में साहित्य सेवा स्टाल लगाया गया ! विवेकानन्द व्याख्यान माला में लगभग ५०० की संख्या में खंडवा नगर जन ने भेट दी और साहित्य विक्रय किया !
उज्जैन नगर साहित्य सेवा : उज्जैन नगर में विवेकानन्द जयंती के अवसर पर पुष्पार्पण कार्यक्रम में साहित्य सेवा स्टाल दिनांक 12 जनवरी २०१७ को लगाया गया ! साहित्य सेवा स्टाल पर उज्जैन नगर के कलेक्टर महोदयजी ने भेद देकर साहित्य सेवा स्टाल की गरिमा बढायी !साहित्य सेवा स्टाल पर लगभग उज्जैन के 100 जन सामान्य लोगों ने भेद दी और साहित्य विक्रय किया !
धार नगर साहित्य सेवा : विवेकानन्द जयंती 12 जनवरी २०१७ के अवसर पर धार नगर में विवेकानन्द केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में साहित्य सेवा का स्टाल लगाया गया ! साहित्य सेवा स्टाल पर धार नगर के २०० जन सामान्य लोगों ने भेट दी और साहित्य विक्रय किया! कार्यक्रम के समाप्ति के बाद विवेकानन्द जयंती व्याख्यान के मुख्या वक्ता श्री लाजपत आहूजाजी ने भी भेट दी !
उज्जैन नगर : विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी उज्जैन नगर द्वारा दिनांक 12जनवरी को पुष्पार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ! कार्यक्रममें मुख्या वक्ता के रूप में परमहंस डॉ अवदेशपुरी महाराज काआशीर्वाद प्राप्त हुआ ! उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के कई सारे अनछुए पहलुओं को सभी श्रोतओंके सामने उजागर किया ! कार्यक्रम के मुख्या अतिथि राष्ट्रिय सांदीपनी वेद विद्या प्रतिष्ठान के सचिव देवीप्रसाद त्रिपाठी ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन को प्रस्तुत किया ! समाज के सामान्य वर्ग ने लगभग 100 की संख्या में भाग लिया और संकल्प लिया की मेरा प्रत्येक कार्य, कृति
और विचार यह राष्ट्र के अनुरूप होगा ! पुष्पार्पण कार्यक्रम में स्वामी विवेकानन्द के जीवन के घटनाक्रम, जयघोष, स्वामी विवेकानन्द चित्र के सामने पुष्पार्पण और अंत में सामुहित संकल्प लेकर कार्यक्रम समाप्त किया गया !
धार नगर : स्वामी विवेकानन्द के विचारों की प्रासंगिकता सदा बनी रहेगी व वर्त्तमान में विदेशी विचारक श्री स्वामी जी के चिंतन से प्रेरित हो रहे है ! स्वामीजी के जीवन दर्शन से उर्जा प्राप्त कर व्यक्ति अपने आप में बृहद परिवर्तन ला सकता है ! यह उदगार माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा ने यहाँ विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी शाखा धार की विवेकानन्द व्याख्यानमाला में व्यक्त किये ! मिलन महल त्रिमूर्ति नगर में आयोजित इस व्याख्यानमाला में उन्होने कहा की इतिहास के अनेक अनछुए प्रसंगों को समझकर भारत की विरासत को समझा जा सकता है तथा स्वयं में परिवर्तन से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है ! कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध लेखक डॉ. मुरलीधर चांदनिवाला ने संबोधित करते हुए कहा की स्वामीजी ने शिकागो धर्म सम्मलेन में जो सनातन संस्कृति का अलख जगाया वो आज भी प्रकाश पुंज बनकर बिखरा हुआ है ! पूरी दुनिया में स्वामीजी के विचार “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना को बदल देते है ! उन्होंने उपस्थित श्रोताओं से आव्हान भी किया की राष्ट्र व समाज की उन्नति के लिए अधिक से अधिक देने की प्रवृत्ति होनी चाहिए ! नगर में विगत ४५ वर्षों से यह व्याख्यानमाला आयोजित की जा रही है जिसमे अनेक विद्वान् अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके है ! कार्यकर्म में केंद्र के वरिष्ठ सदस्य श्री हरिशचंद्र पाठकजी का सम्मान उनकी सुदीर्घ सेवाओ के लिए अतिथिओं द्वारा किया गया ! साथ ही स्थानीय आनंद हिन्दू अनाथाश्रम, पीपलखेडा की वार्षिक पत्रिका अश्रमवाणी का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया ! विमोचन समिति अध्यक्ष श्री उदय वडनेरकर, सचिव श्री सरदार सिंह तंवर व सहसचिव श्री भारत सिंह दसौधि ने करवाया ! पूर्व में स्वस्तिवाचन व प्रार्थना राहुल जाटव ने गाया ! अतिथिओं का स्वागत मा.नगर संचालक श्री सरदार सिंह तंवर व सह संचालक श्री सुरेश राजपूतजी ने किया ! प्रेरक गीत श्री सत्येन्द्र जोशी व श्रीमती श्वेता जोशी ने प्रस्तुत किया ! श्रीमती जोशी के साथ हारमोनि संगत श्री दीपक खळतकर व तबला संगत श्री आशीष पुराणिक ने की ! कार्यक्रम का संचालन विवेकानन्द केंद्र के नगर संपर्क प्रमुख श्री नविन राठोर ने किया तथा आभार इंदौर विभाग प्रमुख श्री नंदन जोशी ने किया ! कार्यक्रम स्थल पर स्वामी विवेकानन्द की जीवन पर आधारित प्रदर्शिनी लगायी गयी थी साथ ही साहित्य सेवा स्टाल भी लगाया गया था ! कार्यक्रम में धार नगर ४०० की संख्या में प्रबुद्ध, युवा एवं मातृशक्ति ने भाग लिया !
खंडवा नगर : खंडवा नगर विवेकांनद व्यख्यान माला में विश्वभर में भारतीय संकृति का प्रभाव आज भी है यह विचार विवेकानन्द केंद्र के महाराष्ट्र प्रान्त सह संचालक श्री प्रकाश पाठक ने विवेकानन्द व्याख्यान माला में प्रकट किये ! उन्होंने अपने व्याख्यान में विदेशो के स्कूल कॉलेज स्वामी विवेकानन्द के अनेक पहुओं पर शोध व पी. एच. डी. भी हो रही है ! आज हमें स्वामी विवेकानन्द के सिद्धांतो व आदर्श पर चलने की आवश्यकता है ! स्वामीजी ने शिकागो व्याक्यान में विश्वबंधुत्व की संकल्पना दी ! इसके बाद ही विश्व इस अवधारण पर आगे बडा ! श्री प्रकाशजी ने अपने उद्बोधनमें आगे बतया की मेरा समर्पण मेरे मातृभूमि के प्रति होनी चाहिए ! आज समाज का परिदृश्य बदल रहा है ! हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना और बड़े पदों पर तो पहुचना चाह रहे है लेकिन आज इसमे नैतिकता का और बंधुत्व का अभाव दिखता है ! यह भी समाज के लिए जरुरी है ! उन्होंने संत तुकाराम द्वारा लिखे अर्थ के प्रभाव की चर्चा करते हुए कहा की धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जीवन के हिस्से है ! इसमे अर्थ और काम भी
जीवन से जुडा होना चाहिए ! उन्होंने स्वतंत्रता और समता को भी परिभाषित किया ! कार्यक्रम में खंडवा नगर के ४०० युवा, मातृशक्ति और प्रबुद्ध वर्ग ने भाग लिया !
खंडवा नगर साहित्य सेवा : खंडवा नगर में विवेकानन्द जयंती के अवसर पर 3 दिवसीय दिनांक 12,13,14 जनवरी को विवेकानन्द व्याख्यान माला में साहित्य सेवा स्टाल लगाया गया ! विवेकानन्द व्याख्यान माला में लगभग ५०० की संख्या में खंडवा नगर जन ने भेट दी और साहित्य विक्रय किया !
उज्जैन नगर साहित्य सेवा : उज्जैन नगर में विवेकानन्द जयंती के अवसर पर पुष्पार्पण कार्यक्रम में साहित्य सेवा स्टाल दिनांक 12 जनवरी २०१७ को लगाया गया ! साहित्य सेवा स्टाल पर उज्जैन नगर के कलेक्टर महोदयजी ने भेद देकर साहित्य सेवा स्टाल की गरिमा बढायी !साहित्य सेवा स्टाल पर लगभग उज्जैन के 100 जन सामान्य लोगों ने भेद दी और साहित्य विक्रय किया !
धार नगर साहित्य सेवा : विवेकानन्द जयंती 12 जनवरी २०१७ के अवसर पर धार नगर में विवेकानन्द केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में साहित्य सेवा का स्टाल लगाया गया ! साहित्य सेवा स्टाल पर धार नगर के २०० जन सामान्य लोगों ने भेट दी और साहित्य विक्रय किया! कार्यक्रम के समाप्ति के बाद विवेकानन्द जयंती व्याख्यान के मुख्या वक्ता श्री लाजपत आहूजाजी ने भी भेट दी !
Samarth Bharat Parva and Swami Vivekananda Jayanti Celebration at Borivali Mumbai
Vivekananda Kendra Borivali branch conduct Bhartiya Sanskriti Pariksha 2016 examinations for the students of various schools of Borivali and Dahisar on the life of Swami Vivekananda. The main intention of those examinations was that students should study the life of Swami Vivekananda and get inspirations from his life. We contacted around 15 schools and 8 colleges for this purpose out of which 8 schools and 7 colleges shown their interest in this activity. For each school /college 1st, 2nd and 3rd prizes were announced for two categories i.e. 5th to 9th students and Jr. College. It was further decided to give consolation prizes for the students who studied hard and performed very well but could not secure rank in first three.Papers were set based on the life of Swami Vivekananda. Different papers were set for different standards i.e. for standard 5to 7, 8th and 9th, standard 11th onwards different papers were set. Further those papers were set in 3 languages i.e. Marathi, Hindi and English as per requirements of school /college. We received tremendous response to those examinations from schools /colleges. Around 1700 students had shown their willingness to appear in exams. The books based on which those papers were set were circulated to each and every student of the school /college before Divali vacation and it was decided to conduct exams from 21stNov. to 23rd Nov. 2016 after Diwali as per convenience of school /college. Those books were mainly from Vivekananda Kendra and Ramkrishna Math publications.
The prize Distribution for students was done in 2 phases. Firstly in school / college level where only certificates where given in front of students and teachers, Secondly prizes announced before the exam where given on vivekananda jayanti on 14th jan, 2017 on Makar sankranti day. Venue is shiv seva ground, Rajendra nagar, Borivali East, Mumbai and Time is 5.30 pm to 7.30 pm. The chief guest for the program is shri. Rambrij Yadav ji (Babuji ) , Social worker and chief speaker is Ma. Vishwasji Lapalkar, Sanghatak maharshtra Prant. Program strated with 3 om, prathana. Then 3 Pratyakshik performed on the stage . Suryanamskar by 14 students from Borivali sanskar varg, patriotic street play by 8 students of LN College Borivali –E , Skit on message of Vivekananda by 7 students from Gorai Borivali –W Sanskar varg. Then samuh Patriotic song by 8 Girl students of Gokhale college, Borivali-W. After that Sri Rajendra Bardeji, Sanyojak of Borivali branch given the introduction of vivekananda Kendra and its activities in brief. Then shri. Paranjpe, vivekananda Kendra karyakarta read the report of the Bhartiya sanskrti pariksha 2016 conducted by Borivali branch.After that Ma. Vishwasji lapalkar addressed the public on the message of vivekanada to the youth and their contribution in the nation building. Vishwasjis whole hearted lecture inspired the gathering in which school / college principal were there. Then prizes were distributed to the students by Babuji & Vishwasji. Program is concluded with shanti mantra. On special occasion of Makar sankranti day Tilgul and tea are served to all. Total persons attended the program are 300.The atmosphere during event is energetic. Program arrangement were done by the students who gone to kanyakumari Yuva netrutva vikasan shibir 25-27 Dec 2016 from Borivali branch (2 colleges – LN & Gokhale college and all the karyakartas of VK Borivali.
The prize Distribution for students was done in 2 phases. Firstly in school / college level where only certificates where given in front of students and teachers, Secondly prizes announced before the exam where given on vivekananda jayanti on 14th jan, 2017 on Makar sankranti day. Venue is shiv seva ground, Rajendra nagar, Borivali East, Mumbai and Time is 5.30 pm to 7.30 pm. The chief guest for the program is shri. Rambrij Yadav ji (Babuji ) , Social worker and chief speaker is Ma. Vishwasji Lapalkar, Sanghatak maharshtra Prant. Program strated with 3 om, prathana. Then 3 Pratyakshik performed on the stage . Suryanamskar by 14 students from Borivali sanskar varg, patriotic street play by 8 students of LN College Borivali –E , Skit on message of Vivekananda by 7 students from Gorai Borivali –W Sanskar varg. Then samuh Patriotic song by 8 Girl students of Gokhale college, Borivali-W. After that Sri Rajendra Bardeji, Sanyojak of Borivali branch given the introduction of vivekananda Kendra and its activities in brief. Then shri. Paranjpe, vivekananda Kendra karyakarta read the report of the Bhartiya sanskrti pariksha 2016 conducted by Borivali branch.After that Ma. Vishwasji lapalkar addressed the public on the message of vivekanada to the youth and their contribution in the nation building. Vishwasjis whole hearted lecture inspired the gathering in which school / college principal were there. Then prizes were distributed to the students by Babuji & Vishwasji. Program is concluded with shanti mantra. On special occasion of Makar sankranti day Tilgul and tea are served to all. Total persons attended the program are 300.The atmosphere during event is energetic. Program arrangement were done by the students who gone to kanyakumari Yuva netrutva vikasan shibir 25-27 Dec 2016 from Borivali branch (2 colleges – LN & Gokhale college and all the karyakartas of VK Borivali.
Vivekananda Jayanti Celebration in Kangra
KANGRA : January 12 – The life and teachings of Swami Vivekananda was more relevant today when the nation needed more spiritual strength to combat adverse forces from within and outside and Vivekananda Jayanti here was focused on the younger generation in order to bring them close to their spiritual and cultural roots.
Prof. (Dr.) Yoginder Singh Verma Pro Vice Chancellor said this while addressing a well attended public function in the auditorium of the local Government polytechnic here today organized by Local branch of Vivekananda Kendra Kanayakumari in connection with 154th birthday of Swami Vivekananda. He said that the character of Swami Vivekananda was an inspiration to the youth and his teachings were contemporary. He said that youth could cultivate the qualities of courage and spiritual strength by following his teachings as his thoughts were very scientific in nature.He said that Swami Vivekananda generated spiritual awareness in the society inculcated patriotism among people.
Dr. B.K. Chander Shekhar Director of Education in India for Yoga Samaskrutam University Florida said that Swami Vivekananda is major source of inspiration being a matchless personality. He stressed on memory management which was part of the Vivekananda’s personality.
Swami Premananda of Govind Jeevan Ashram stressed on the youth to adher to his teachings as these teachings were more relevant now in view of the present national and global scenario. He also stressed for becoming useful citizen and render good service to the humanity through this one can realize God.
Ashok Raina of Vivekananda Kendra described the scenes of World Religious conference in his words and said that four Nobel Laureates have wrote about the great saint Swami Vivekananda. He asked youths to come close to the literature of Swami Vivekananda.
Babar Singh, an INA freedom fighter who had been in India’s freedom struggle with Neta Ji Subhash Chander Bose was honoured for his contribution in the freedom struggle. Babar singh 93, was accompanied by his wife Sawatri Devi. He was honoured amid claps and was given standing ovation by the audience.
Fifty six meritorious students of different schools of Kangra and Mandi districts too were given prizes who had ranked among first ten in each class of different schools in the MCQ test organized by the Kendra in November 20, last year in connection with Sadhna Devas.
The program was started with lighting of the lamp by guests amid vedic Chanting following by Swarsati Vandna By Sunil Kumar Director Sangeet Music academy and culminated with Kendra Prathana.
Prof. (Dr.) Yoginder Singh Verma Pro Vice Chancellor said this while addressing a well attended public function in the auditorium of the local Government polytechnic here today organized by Local branch of Vivekananda Kendra Kanayakumari in connection with 154th birthday of Swami Vivekananda. He said that the character of Swami Vivekananda was an inspiration to the youth and his teachings were contemporary. He said that youth could cultivate the qualities of courage and spiritual strength by following his teachings as his thoughts were very scientific in nature.He said that Swami Vivekananda generated spiritual awareness in the society inculcated patriotism among people.
Dr. B.K. Chander Shekhar Director of Education in India for Yoga Samaskrutam University Florida said that Swami Vivekananda is major source of inspiration being a matchless personality. He stressed on memory management which was part of the Vivekananda’s personality.
Swami Premananda of Govind Jeevan Ashram stressed on the youth to adher to his teachings as these teachings were more relevant now in view of the present national and global scenario. He also stressed for becoming useful citizen and render good service to the humanity through this one can realize God.
Ashok Raina of Vivekananda Kendra described the scenes of World Religious conference in his words and said that four Nobel Laureates have wrote about the great saint Swami Vivekananda. He asked youths to come close to the literature of Swami Vivekananda.
Babar Singh, an INA freedom fighter who had been in India’s freedom struggle with Neta Ji Subhash Chander Bose was honoured for his contribution in the freedom struggle. Babar singh 93, was accompanied by his wife Sawatri Devi. He was honoured amid claps and was given standing ovation by the audience.
Fifty six meritorious students of different schools of Kangra and Mandi districts too were given prizes who had ranked among first ten in each class of different schools in the MCQ test organized by the Kendra in November 20, last year in connection with Sadhna Devas.
The program was started with lighting of the lamp by guests amid vedic Chanting following by Swarsati Vandna By Sunil Kumar Director Sangeet Music academy and culminated with Kendra Prathana.
Samarth Bharat Parva Celebration in Mysore
25th December 2016 Rastra Chintana Diwas and inauguration of SAMARTHA BHARATA PARVA CELEBRATION at J S S Hostel ground, Nanjumalige vistar.
25th to 30th December inter school and inter college Patriotic song, Song related to Swami Vivekananda , Devotional Song, Folk Song, Drawing, Rangoli and Quiz competitions held at Kendra, in which 286 students from 31 school and 20 parents participated.
KALPATARU DIWAS: On 1st January, 2017 observed Kalpataru Diwas. Adaraneeya Sri T N Prabhakarji, Retd. Secretary to College Education Dept, Karnataka talked importance of the day and Sri Venkataramnji, Well wisher presided the function. Smt Vasumati Didi sung the song related to Sri Ramakrishna Paramahamsa. At the end prasada distributed.
7 Days SPECIAL YOGA SATRA for Alcohol Addict people at Mare Gowdana Halli, T Narasipura Taluk, in which 88 people attended from 27 villages. Breating exercise, loosening, Suryanamaskara, Assana & Pranayama and prayer and Bhajan are taught to them.
Swadhayaya Examination conducted on 2nd January, at Vivekananda Kendra Vidyalaya, Kallubalu, in which 55 students attended . At Bharati Public school- 100 students, Sri Bharati Public school- 102 students and Vijaya Bharati Public school 6 students wrote the examination on book called “ incidents from the life of Swami Vivekananda”.
YOGA SATRA: 10 Days Yoga Satra started with 89 participants at Bannur Sports Club, t Narsipura taluk on 8th January and concluded on 17th January. Prayers, Breathing, Loosening, Suryanamaskar, Asana, Pranayama, and Guided meditation taught.
VIVEKANANDA JAYANTI: On 11th celebrated at Royal English school Samskara varga, in which 51 students from 2 samskara varga participated. On 11th January, celebrated at Nanjumalige vistara, in which 140 students from 4 Samskara varga and 16 parents attended. Sri Venkataramnji talked on Swami Vivekananda’s message to students. Sri Shivalingayya, presided the programme. Song by students and experience by Ravi Kumar.
On 12th morning celebrated at Bannuru in which 92 people attended. Aravinda Prasad talked on Swamiji, Ma. Ekanathji and Vivekananda Kendra and activities. Programme ended with Kendra prayer. Evening celebrated at Kendra Karyalaya, in which 84 people attended. Sri Laxminaryanji, well wisher and donor presided the function, Smt. Nagaratnammaji and Sri Gangadharanji was the chief guests. Sri Rameshji, Nagar Pramukh talked about Swamiji and Vivekananda Kendra and activities.
On 12th to 17th Swami Vivekananda Jayanti celebrated at 41 colleges as a YUVA SAPTAHA, in which different activities like quiz on Swamiji’s life, essay competition, patriotic song, painting, elocution etc.
25th to 30th December inter school and inter college Patriotic song, Song related to Swami Vivekananda , Devotional Song, Folk Song, Drawing, Rangoli and Quiz competitions held at Kendra, in which 286 students from 31 school and 20 parents participated.
KALPATARU DIWAS: On 1st January, 2017 observed Kalpataru Diwas. Adaraneeya Sri T N Prabhakarji, Retd. Secretary to College Education Dept, Karnataka talked importance of the day and Sri Venkataramnji, Well wisher presided the function. Smt Vasumati Didi sung the song related to Sri Ramakrishna Paramahamsa. At the end prasada distributed.
7 Days SPECIAL YOGA SATRA for Alcohol Addict people at Mare Gowdana Halli, T Narasipura Taluk, in which 88 people attended from 27 villages. Breating exercise, loosening, Suryanamaskara, Assana & Pranayama and prayer and Bhajan are taught to them.
Swadhayaya Examination conducted on 2nd January, at Vivekananda Kendra Vidyalaya, Kallubalu, in which 55 students attended . At Bharati Public school- 100 students, Sri Bharati Public school- 102 students and Vijaya Bharati Public school 6 students wrote the examination on book called “ incidents from the life of Swami Vivekananda”.
YOGA SATRA: 10 Days Yoga Satra started with 89 participants at Bannur Sports Club, t Narsipura taluk on 8th January and concluded on 17th January. Prayers, Breathing, Loosening, Suryanamaskar, Asana, Pranayama, and Guided meditation taught.
VIVEKANANDA JAYANTI: On 11th celebrated at Royal English school Samskara varga, in which 51 students from 2 samskara varga participated. On 11th January, celebrated at Nanjumalige vistara, in which 140 students from 4 Samskara varga and 16 parents attended. Sri Venkataramnji talked on Swami Vivekananda’s message to students. Sri Shivalingayya, presided the programme. Song by students and experience by Ravi Kumar.
On 12th morning celebrated at Bannuru in which 92 people attended. Aravinda Prasad talked on Swamiji, Ma. Ekanathji and Vivekananda Kendra and activities. Programme ended with Kendra prayer. Evening celebrated at Kendra Karyalaya, in which 84 people attended. Sri Laxminaryanji, well wisher and donor presided the function, Smt. Nagaratnammaji and Sri Gangadharanji was the chief guests. Sri Rameshji, Nagar Pramukh talked about Swamiji and Vivekananda Kendra and activities.
On 12th to 17th Swami Vivekananda Jayanti celebrated at 41 colleges as a YUVA SAPTAHA, in which different activities like quiz on Swamiji’s life, essay competition, patriotic song, painting, elocution etc.
भारत भक्ति ही हमारी शक्ति हो
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा विवेक सप्ताह के तहत मकर संक्रांति पर राजाकोठी स्कूल, गुलाबबाड़ी में विवेकानन्द जयन्ती समारोह मनाया गया
विद्यार्थी जीवन में हमारा दायित्व अच्छी तरह पढ़ाई करना है जिस से हम राष्ट्र के एक श्रेष्ठ विद्यार्थी सिद्ध हो सकें और एक अच्छे नागरिक बनकर भारत की भक्ति कर सकें। स्वामी विवेकानंद के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति चाहे अपने उत्कर्ष की पराकाष्ठा पर हो अथवा साधनों के अभाव में जी रहा हो उसे अपनी मातृभूमि के ऋण को कभी भूलना नहीं चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने भारत के दरिद्र नारायण की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और भारत माता के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। मकर संक्रांति के दिन स्वामी जी का जन्म हुआ था और इस दिन को भी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के रुप में मनाया जाता है। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने राजकीय सीनियर सैकंडरी विद्यालय राजा कोठी, गुलाब बाड़ी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर विवेक सप्ताह के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने विद्वार्थियों का आह्वान किया कि आज के दिन हम संकल्प लें कि हमारे जीवन का प्रत्येक कार्य केवल भारत के लिए हो, हमारी पढ़ाई-लिखाई यहां तक कि हमारा सोना, खाना, जागना भी भारत की श्रेष्ठता के लिए हो तभी भारत पुनः विश्वगुरू बन सकता है।
कार्यक्रम के अंत में विवेकानन्द के जीवन पर आधारित प्रश्न पूछे गए जिसमें दिव्या अलूदिया, दुर्गा शेरा, भावना छानवाल, प्रेरणा टांक, भूमिका, तनिशा, नीता राव, सपना, कोमल गुर्जर तथा दित्या धारवाल ने पुरूस्कार प्राप्त किए। इस कार्यक्रम में विवेकानन्द केंद्र की अजमेर शाखा के नगर प्रमुख रविंद्र जैन, सह नगर प्रमुख अखिल शर्मा, कार्यालय प्रमुख राजरानी कुशवाहा एवं रीना सोनी भी उपस्थित थे। इससे पूर्व विद्यालय की प्राचार्य कच्छावा ने विवेकानंद केंद्र के बारे में बताया एवं अतिथियों का स्वागत किया |
विद्यार्थी जीवन में हमारा दायित्व अच्छी तरह पढ़ाई करना है जिस से हम राष्ट्र के एक श्रेष्ठ विद्यार्थी सिद्ध हो सकें और एक अच्छे नागरिक बनकर भारत की भक्ति कर सकें। स्वामी विवेकानंद के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति चाहे अपने उत्कर्ष की पराकाष्ठा पर हो अथवा साधनों के अभाव में जी रहा हो उसे अपनी मातृभूमि के ऋण को कभी भूलना नहीं चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने भारत के दरिद्र नारायण की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और भारत माता के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। मकर संक्रांति के दिन स्वामी जी का जन्म हुआ था और इस दिन को भी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के रुप में मनाया जाता है। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने राजकीय सीनियर सैकंडरी विद्यालय राजा कोठी, गुलाब बाड़ी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर विवेक सप्ताह के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने विद्वार्थियों का आह्वान किया कि आज के दिन हम संकल्प लें कि हमारे जीवन का प्रत्येक कार्य केवल भारत के लिए हो, हमारी पढ़ाई-लिखाई यहां तक कि हमारा सोना, खाना, जागना भी भारत की श्रेष्ठता के लिए हो तभी भारत पुनः विश्वगुरू बन सकता है।
कार्यक्रम के अंत में विवेकानन्द के जीवन पर आधारित प्रश्न पूछे गए जिसमें दिव्या अलूदिया, दुर्गा शेरा, भावना छानवाल, प्रेरणा टांक, भूमिका, तनिशा, नीता राव, सपना, कोमल गुर्जर तथा दित्या धारवाल ने पुरूस्कार प्राप्त किए। इस कार्यक्रम में विवेकानन्द केंद्र की अजमेर शाखा के नगर प्रमुख रविंद्र जैन, सह नगर प्रमुख अखिल शर्मा, कार्यालय प्रमुख राजरानी कुशवाहा एवं रीना सोनी भी उपस्थित थे। इससे पूर्व विद्यालय की प्राचार्य कच्छावा ने विवेकानंद केंद्र के बारे में बताया एवं अतिथियों का स्वागत किया |
Celebration of National Youth Day in Guwahati
Guwahati 12th January 2017: Swami Vivekananda’s Birth Anniversary and National youth Day had been Celebrated in Guwahati Mahanagar by organizing Cycle rally and 28th Road Safety Campaign . Good number of Youth came out of their homes early in the morning at 6:30 am and went around the heart of the town spreading the message of Swami Vivekananda and road safety awareness in Sobha Yatra .The Cycle rally along with Bike and Vehicles went from Bharat Seva Ashram ,Kalapahar and Dighalipukhri area and culminated at a Field of Deepak Sangha Society ,Nabagraha Road ,Silpukhuri . With a large percentage of the road accidents, fatalities and injuries involving road users in the age group of the youth, the road safety awareness programme was aptly held on the National Youth Day( Swami Vivekananda's Janma Jayanti. A large number of youth were present on the occasion and took active part in all the proceedings.
A Cycle Rally was flagged off by Shri Raj Chakrabarty, Chief General Manager & Regional Officer National Highways Authority of India along with members of the Vivekananda Kendra at Dighalipukhuripar and From Kalapahar area near Bharat Seva Ashram ,the Flag off was done by Dr. Saraju Das ,renown Educationist and Social worker . The Cycle rally proceeded through the streets of Guwahati city with display of a Vehicle Decorated with Message of Swamiji and youth Decorated with Bharat Mata. Road Safety banners, placards and distribution of hand bills to the public. The rally congregated at the central location of Silpukhuri where a formal function was held. The function was attended by Shri Ajoy Dutta ,Ex MLA as the Chief Guest and Shri Raj Chakrabarty Chief General Manager (NE), NHAI as the Guest of Honour. The function was hosted by Shri Chinmoy Choudhury, Solicitor- General, Assam.and Sanchalak ,Kamrup Bibhag-,Vivekananda Kendra.
Speaking on the Occasion the Chief guest appealed the youth of India to follow the path fold of Swami Vivekananda and Sister Nivedita . Shri Raj Chakrabarty ,Guest of honor highlighted the importance of the youth in nation building and the necessity of the youth to inculcate moral values and good habits to build a strong character. It was also pointed out that youth of today are the prime road users and the importance of the youth to ride safely was paramount. While safety of the self was important, it was also equally important to look after the safety of the other road users. Any accident adversely affects the family involved socially, economically and psychologically. The slogan for road safety –“ Your Safety Secures Your Family. Be Cautious on Road” was therefore very relevant.
The function resolved that all the traffic rules must be followed. Use of seat belts by car drivers and compulsory wearing of helmet by two wheeler rider and pillion is a must. Drinking and driving are mutually exclusive and must be avoided at all cost. Safety of pedestrians and other vulnerable road users was of utmost importance. Helping road accident victims within the Golden Hour by good samaritans was also highlighted.
Shri Kalyan Dutta ,Sanyojak of the National Youth Day ,while thanking every one requested to follow the Yoga and Pranayam as envisage by Swami Vivekananda .He further stressed that Yoga and Pranayam keep the Human body and Mind in Balance status. So It helps the Driver to Drive the vehicle in a Balanced state of Mind and do not encounter accident .He appealed all road users to practice Yoga and Pranayam at least 1 hour every Day.
The function closed with a pledge to adopt road safety as a part of our daily lives so as to ensure the security of our ownselves, our family and fellow road users.
A Cycle Rally was flagged off by Shri Raj Chakrabarty, Chief General Manager & Regional Officer National Highways Authority of India along with members of the Vivekananda Kendra at Dighalipukhuripar and From Kalapahar area near Bharat Seva Ashram ,the Flag off was done by Dr. Saraju Das ,renown Educationist and Social worker . The Cycle rally proceeded through the streets of Guwahati city with display of a Vehicle Decorated with Message of Swamiji and youth Decorated with Bharat Mata. Road Safety banners, placards and distribution of hand bills to the public. The rally congregated at the central location of Silpukhuri where a formal function was held. The function was attended by Shri Ajoy Dutta ,Ex MLA as the Chief Guest and Shri Raj Chakrabarty Chief General Manager (NE), NHAI as the Guest of Honour. The function was hosted by Shri Chinmoy Choudhury, Solicitor- General, Assam.and Sanchalak ,Kamrup Bibhag-,Vivekananda Kendra.
Speaking on the Occasion the Chief guest appealed the youth of India to follow the path fold of Swami Vivekananda and Sister Nivedita . Shri Raj Chakrabarty ,Guest of honor highlighted the importance of the youth in nation building and the necessity of the youth to inculcate moral values and good habits to build a strong character. It was also pointed out that youth of today are the prime road users and the importance of the youth to ride safely was paramount. While safety of the self was important, it was also equally important to look after the safety of the other road users. Any accident adversely affects the family involved socially, economically and psychologically. The slogan for road safety –“ Your Safety Secures Your Family. Be Cautious on Road” was therefore very relevant.
The function resolved that all the traffic rules must be followed. Use of seat belts by car drivers and compulsory wearing of helmet by two wheeler rider and pillion is a must. Drinking and driving are mutually exclusive and must be avoided at all cost. Safety of pedestrians and other vulnerable road users was of utmost importance. Helping road accident victims within the Golden Hour by good samaritans was also highlighted.
Shri Kalyan Dutta ,Sanyojak of the National Youth Day ,while thanking every one requested to follow the Yoga and Pranayam as envisage by Swami Vivekananda .He further stressed that Yoga and Pranayam keep the Human body and Mind in Balance status. So It helps the Driver to Drive the vehicle in a Balanced state of Mind and do not encounter accident .He appealed all road users to practice Yoga and Pranayam at least 1 hour every Day.
The function closed with a pledge to adopt road safety as a part of our daily lives so as to ensure the security of our ownselves, our family and fellow road users.
Swami Vivekananda Jayanti Program in Badarpur
Puspanjali at 5 places Badarpur nagar, Jumbasti Kalibari, Org. by Sri Pallab Mazumder, Participation – 15, Speech given by Sri Prasanta Chakraborty & Sri Chinmoy Baruah, GRP Colony, Org. by Sri Barnali Das, Participation – 11, Speech given by Sri Barnali Das, Buddha Colony, Org by Rabinda Nath, Participation – 40, Speech given by Sri Sankar Kar, Srinagar Colony, Org. by Sri Bipasa Dey and Sri Sayantan Chanda Participation – 25, Speech given by Sri Prasanta Chakraborty, & Das Para Akhra, Srigouri, , Participation – 41, Speech given by Sri Shyama Prasad Chakraborty, Sri Bipin Das & Sri Jitendra Ingle.
विवेकानन्दपुरम में रामायण दर्शनम् व भारतमाता सदनम् के लोकार्पण समारोह - प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भाषण
Most respected Morari Bapu Ji, President of the Vivekananda Kendra Shri P Parmeshvaran Ji, My ministerial colleague Pon Radhakrishnan Ji , Swami Ji of the Vivekananda Ashram Chaitanyanand Ji, Balakrishna Ji, Bhanudas Ji, Vice President of the Vivekananda Kendra Nivedita Ji and my dear friends!
I would have loved to be in your midst but thanks to the power of technology, we are connected on this occasion. And, in any case, I am no guest but am a part of this family. I am one of your own.
12th January- this is no ordinary day. This is a day etched in history as a day when India was blessed with one of the greatest thinkers, a guiding light and a stalwart who took India’s message to the entire world.
I offer my tributes to the revered Swami Vivekananda. He was a giant, whose powerful thoughts continue to shape several minds.
आज विवेकानन्दपुरम में रामायण दर्शनम, भारत माता सदनम का लोकार्पण हो रहा है। हनुमानजी की 27 फीट ऊंची प्रतिमा की और वो भी एक ही पत्थर की बनी हुई स्थापित की जा रही है। आप लोगों ने इससे संबंधित जो वीडियो मुझे भेजा था, वो मैंने देखा है और इस वीडियो को देख कर मैं कह सकता हूं इसमें दिव्यता भी है-भव्यता भी है।
आज ही विवेकानन्द केंद्र के संस्थापक स्वर्गीय एकनाथ रानडे जी की प्रतिमा (portrait) का भी अनावरण हो रहा है। आप सभी को आज के इस आयोजन के लिए हृदय से बहुत बहुत बधाई देता हूं।
भाइयों और बहनों, आज आप लोग जिस स्थान पर हैं वह सामान्य स्थान नहीं है। यो भूमि इस राष्ट्र की तपोभूमि की तरह है। अगर हनुमान जी को अपना जीवन ध्येय (purpose of life) मिला तो इसी धरती पर मिला। जब उन्हें जांबवंत ने उनसे कहा था कि तुम्हारा तो जन्म ही भगवान श्री राम के कार्य के लिए हुआ है। इसी धरती पर मां पार्वती की कन्याकुमारी का उसको purpose of life मिला। यही वो धरती है जहां महान समाज सुधारक, संत तिरूवल्लूवर को दो हजार वर्ष पूर्व ज्ञान का अमृत मिला। यही वो धरती है जहां स्वामी विवेकानन्द को भी जीवन का उद्देश्य प्राप्त हुआ। यहीं पर तप करने के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य और लक्ष्य प्राप्ति के लिए मार्ग दर्शन मिला था। यही वो जगह है जहां एकनाथ रानडे जी को भी अपने जीवन का, जीवन की जो यात्रा थी उसमें एक नया मोड़ मिला। एक नया लक्ष्य प्रस्थापित हुआ। उन्होंने अपना पूरा जीवन “एक जीवन एक ध्येय” (one life one mission) के रूप में इसी कार्य के लिये आहुत कर दिया। इस पवित्र भूमि को इस तपो भूमि को मेरा शत शत वंदन है, मेरा नमन है।
साल 2014 में जब हम एकनाथ रानडे जी के जन्म शताब्दी मना रहे थे, तब मैंने कहा था- कि ये अवसर युवाओं के मन को जगाने का है। हमारा भारत युवा है- वो दिव्य भी बने और भव्य भी बने। आज दुनिया भारत से दिव्यता की अनुभूति की अपेक्षा कर रही है और भारत का गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित ये भारत की भव्यता की अपेक्षा करता है। और विश्व के लिये दिव्यता तो देश के अंदर के लिये भव्यता और इन दोनों का मेल करके ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में हमें आगे बढ़ना है।
भाइयों बहनों, आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश ( young country) है। युवा देश है। 80 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु (age) की है। स्वामी विवेकानन्द आज हमारे बीच नहीं हैं, साक्षात रूप में नहीं हैं, लेकिन उनके विचारों में इतनी शक्ति (power) है, इतनी ताकत है, इतनी प्रेरणा है कि देश के युवाओं (youth) को संगठित करके राष्ट्र निर्माण (nation building) का रास्ता दिखा रही है।
एकनाथ रानडे जी ने युवाओं की इस शक्ति को एकजुट करने के लिए, विवेकानन्द केंद्र और विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की स्थापना की थी। एकनाथ रानडे जी कहते थे कि हमें स्वामी विवेकानन्द अच्छे लगते हैं सिर्फ इतने भर से कुछ नहीं होगा। देश के लिए स्वामी विवेकानन्द ने जो कल्पना की है, उसे साकार करने के लिए वो सतत योगदान को भी महत्वपूर्ण (important) मानते थे।
एकनाथजी ने जिस एक लक्ष्य के लिए पूरा जीवन लगा दिया था, वो था- स्वामी विवेकानन्द जी जैसे युवकों का निर्माण। उन्होंने युवाओं में राष्ट्रनिर्माण के वही आदर्श स्थापित करने का हमेशा प्रयास किया, जो नीतिमत्ता (ethics) जो मूल्य (Values) स्वामी विवेकानन्द जी के थे। मेरा ये बहुत बड़ा सौभाग्य रहा कि जीवन के अनेक वर्षों तक मुझे एकनाथ जी निकट के साथी के रूप में काम करने का अवसर मिला। इसी धरती पर कई बार आकर के उनके सानिध्य में जीवन को निखारने का मुझे अवसर मिलता था।
एकनाथ जी के जन्मशती पर्व के दौरान ही तय हुआ था कि हमारे संस्कृति (culture) और हमारे विचार प्रवाह (thought process) पर रामायण के प्रभाव को दर्शाती एक प्रदर्शनी शुरू की जाए। आज रामायण दर्शनम भव्य रूप में हम सभी के सामने है। और मुझे विश्वास है देश और दुनिया के जो यात्री रॉक मेमोरियल पर आते हैं। ये रामायण दर्शनम शायद उनको ज्यादा प्रेरित भी करेगा। प्रभावित भी करेगा। श्रीराम भारत के कण कण में हैं। जन जन के मन में हैं। और इसलिये जब हम श्रीराम के विषय में सोचते हैं, तो श्रीराम एक आदर्श पुत्र-भाई-पति,मित्र और आदर्श राजा थे। अयोध्या भी एक आदर्श नगर था तो रामराज्य एक आदर्श शासन व्यवस्था थी। इसलिए भगवान राम और उनके राज्य का आकर्षण समय-समय पर देश की महान शख्सियतों को अपने तरीके से रामायण की व्याख्या करने के लिए प्रेरित करता रहता है। इन व्याख्याओं की झलक अब रामायण दर्शनम में मिलेगी।
महाकवि कम्बन ने कंब रामायणम में कौशल राज्य को एक सुशासित राज्य बताया है। उन्होंने तमिल में जो लिखा, मैं उसका अंग्रेजी में अनुवाद अगर करूं तो उन्होंने लिखा था-
None were generous in that land as None was needy;
None seemed brave as none defied;
Truth was unnoticed as there were no liars;
No learning stood out as all were learned.
Since no one in that City ever stopped learning
None was ignorant and none fully learned;
Since all alike had all the wealth
None was poor and none was rich.
ये कम्बन द्वारा रामराज्य का दर्शन (presentation) है। महात्मा गांधी भी इन्हीं विशेषताओं की वजह से रामराज्य की बात करते थे। निश्चित तौर पर ये एक ऐसा शासन था, जहां व्यक्ति महत्वपूर्ण (Person important) नहीं होता, बल्कि सिद्धांत महत्वपूर्ण (Principle important) हुआ करते थे।
गोस्वामी तुलसीदास ने भी रामचरितमानस में रामराज्य का विस्तार से वर्णन किया है। रामराज्य यानी जहां कोई गरीब न हो, दु:खी ना हो, कोई किसी से घृणा ना करता हो, जहां सभी स्वस्थ और सुशिक्षित हों। जहां प्रकृति और मनुष्य के बीच तालमेल हो। उन्होंने लिखा है-
दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज नहिं काहुहि व्यापा।
सब नर करहिं परस्पर प्रीती, चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।
अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा, सब सुंदर सब बिरुज सरीरा।
नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना, नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना।
राम रावण को हरा कर बड़े नहीं बने। बल्कि राम तब राम बने जब उन्होंने उन लोगों को साथ लिया जो सर्वहारा थे। साधनहीन थे। उन्होंने उन लोगों को आत्म गौरव बहाल किया और उनमें विजय का विश्वास पैदा किया। भगवान राम के जीवन में उस भूमिका को स्वीकार नहीं किया जो उनके वंश द्वारा जो परम्पराएं थीं। एक एक वरों में कई बातें हमलोग जानते हैं। वो अयोध्या से बाहर निकले थे। अभी नगर की सरहद से भी बाहर नहीं निकले लेकिन पूरे विश्व को पूरी मानवता को अपने आप में समाहित करते हुए आदर्श क्या होता है, मूल्य क्या होते हैं, मूल्यों के प्रति जीवन का समर्पण क्या होता है, उसे उन्होंने जीकर के दिखाया था। और इसलिये मैं समझता हूं कि ये रामायण दर्शनम ये अपने आप में विवेकानन्दपुरम में एक प्रासंगिक और हम जानते हैं प्रगति के लिये समाज जितना सबल चाहिए, राज्य भी सुराज्य होना चाहिए।
जब रामजी को देखते हैं तो व्यक्ति का विकास, व्यवस्था का विकास ये बातें सहज रूप से नजर आती हैं।
भाइयों बहनों, एकनाथजी भी हमेशा चाहते थे कि देश की आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) को जगाकर देश की कर्मशक्ति या कार्यशक्ति (working power) को विधायक (constructive) कार्यों में लगाया जाए। आज जब विवेकानन्द केंद्र में हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना हो रही है, तो उनके इस कथन की प्रेरणा (inspiration) का भी पता चलता है।
हनुमानजी यानी सेवा, हनुमान जी यानी समर्पण, भक्ति का वो रूप था। जिसमें सेवा ही परम धर्म बन गया था। जब वो समुद्र को पार कर रहे थे तो मैनाक पर्वत उन्हें बीच में विश्राम देना चाहता था। लेकिन संकल्प सिद्धि से पहले हनुमान जी के लिए शिथिलता की कोई गुंजाइश नहीं थी। अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक उन्होंने आराम नहीं किया।
हनुमानजी के सेवाभाव पर भारत रत्न सी राजगोपालाचारी जी ने भी अपनी रामायण में लिखा है। जब हनुमानजी सीता माता से मिलकर वापस लौटते हैं, भगवान राम जी को माता के सकुशल होने की बात बताते हैं, तो राम जी कहते हैं-
"The deed done by Hanumaan none else in the world could even conceive of attempting-crossing the sea, entering Lanka protected by Raavana and his formidable hosts and accomplishing the task set to him by his king, not only fully but beyond the fondest hopes of all."
राजाजी कहा है कि हनुमान जी ने वो काम किया था, जिसकी कोई उम्मीद तक नहीं कर रहा था। कठिनाइयों के जिस समंदर को हनुमान जी ने पार किया था, वो कोई सोच भी नहीं सकता था।
और इसलिये भाइयों बहनों, हम भी जब ‘सबका साथ, सबका विकास’ ये मार्गदर्शक तत्व (Guiding Principal) पर चल रहे हैं। चाहे गरीब से गरीब व्यक्ति के लिये जनधन योजना के जरिये गरीबों को बैंकिंग व्यवस्था के साथ जोड़ा जाए आज गरीब के पास एक व्यवस्था कर के हमने आगे बढ़ने का प्रयास किया था। और इसलिये बीमा कराने का विकल्प है। किसानों को इसका लाभ मिला है। किसानों को सबसे कम प्रीमियम पर फसल बीमा योजना दी गई है। बेटियों को बचाने के लिए, उन्हें पढ़ाने के लिये अभियान चला रहे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'। गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद के लिये देशव्यापी योजना बनाई गई है। 5 करोड़ परिवार जो लकड़ी का चूल्हा जलाकर माताएं खाना पकाती थीं और एक दिन में चार सौ सिगरेट का धुंआ खाना पकाने से लड़की के चूल्हे से उस मां के शरीर में जाता था, उन माताओं को अच्छा स्वास्थ्य मिले, प्राथमिक सुविधा मिले, इसीलिए 5 करोड़ परिवारों में गैस कनेक्शन (gas connection) का बीड़ा उठाया और डेढ़ करोड़ दे चुके हैं।
दलित, पीड़ित, वंचित की सेवा यही तो जन सेवा प्रभु सेवा का मंत्र देती है। हमारे देश के दलित नौजवानों को stand-up India, start-up India के जरिए सशक्त (empower) किया जा रहा है। छोटे कारोबारियों को कम ब्याज पर कर्ज मिल सके, इसलिए मुद्रा योजना चलाई गई है। गरीब की गरीबी तभी दूर होगी जब उसे सशक्त (empower) किया जाए। जब गरीब सशक्त होगा, तो स्वयं गरीबी को परास्त करके रहेगा। और गरीबी से मुक्ति का वो आनन्द लेगा और एक नई ताकत के साथ वो आगे बढ़ेगा।
रामायण में जब भगवान राम और भरत के बीच शासन को लेकर संवाद हो रहा था तब भगवान राम ने भरत से कहा था -
कच्चिद् अर्थम् विनिश्चित्य लघु मूलम् महा उदयम्।
क्षिप्रम् आरभसे कर्तुम् न दीर्घयसि राघव।।
यानी, हे भरत, ऐसी योजनाएं लागू करो जिनसे कम से कम व्यय में ज्यादा से ज्यादा लोगों का फायदा हो। रामजी ने भरत से ये भी कहा कि इन योजनाओं को लागू करने में बिल्कुल भी देरी न की जाए।
आयः ते विपुलः कच्चित् कच्चिद् अल्पतरो व्यय:।
अपात्रेषु न ते कच्चित् कोशो गच्छति राघव।।
यानी भरत, इस बात का ध्यान रखना की आय ज्यादा हो और खर्च कम। वो इस बात की भी हिदायत देते हैं कि अपात्रों या undeserving को राज्य कोष का फायदा न मिले।
अपात्रों से सरकारी खजाने को बचाना भी सरकार की कार्यसंस्कृति का हिस्सा है। आपने देखा होगा हमने आधार कार्ड से लिंक करके बैंक अकाउंट में सीधे आर्थिक सहायता ट्रांसफर करना, फर्जी राशनकार्ड वालों को हटाना, फर्जी गैस कनेक्शन वालों को हटाना, फर्जी टीचरों को हटाना, दूसरों का अधिकार छीनने वालों को हटाना, ये सब इस सरकार ने मिशन मोड में लिया है।
भाइयों बहनों, आज ही भारतमाता सदन में पंचलौह से बनी मां भारती की प्रतिमा का अनावरण भी हो रहा है। मां भारती के इस प्रतीक का लोकार्पण सौभाग्य की बात है। जो भी व्यक्तिगण इस विशेष यज्ञ में जुटे थे, उन सभी का मैं इस पुण्य कार्य के लिए अभिवादन करता हूं।
साथियों, मैं विवेकानन्द रॉक मेमोरियल के समीप बनी संत तिरूवल्लूवर की प्रतिमा को भी प्रणाम कर रहा हूं। तिरूवल्लूवर जी जो सूत्रवाक्य, जो मंत्र दे गए थे, वो आज भी उतने ही सटीक हैं, relevant हैं। नौजवानों के लिए उनकी सीख थी-
“In sandy soil, when deep you delve, you reach the springs below; The more you learn, the freer streams of wisdom flow.”
यानि रेतीली धरती में जितना गहरा आप खोदते जाएंगे, एक दिन पानी तक जरूर पहुंचेंगे। ठीक वैसे ही जैसे आप जितना ज्यादा सीखते जाएंगे एक दिन ज्ञान की, बुद्धिमत्ता की गंगा तक अवश्य पहुंचेंगे।
आज युवा दिवस पर मेरा देश के नौजवानों से आह्वान है- सीखने की इस प्रक्रिया को, सीखने (learning) की प्रक्रिया (process) को कभी मत रुकने दीजिए। अपने भीतर के इस विद्यार्थी को कभी मरने मत दीजिए। जितना आप सीखेंगे, जितनी आप अपनी आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) को विकसित (develop) करेंगे, जितना आप अपनी कौशल (skills) को विकसित (develop) करेंगे, उतना ही आप का भी विकास होगा और देश का भी।
कुछ लोग आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) की जब बात आती है तो उसको समझ नहीं पाते हैं उसको पंथ के दायरे में देखते हैं। लेकिन spiritual power ये पंथ से परा है, बंधनों से परा है। इसका सीधा संबंध मानवीय मूल्यों से है। दैविक शक्ति से है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति और इसी धरती के सपूत डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम कहा करते थे-
“Spirituality to me is the way we relate to God and the Divine. Staying connected with our spiritual life keep us grounded and always be reminded of the value of life and important values such as honesty, loving our neighbours, and many other important traits that will make the workplace a positive environment”.
मुझे खुशी है कि पिछले कई दशकों से विवेकानन्द केंद्र इसी दिशा में प्रयास भी कर रहा है। आज विवेकानन्द केंद्र की दो सौ से ज्यादा ब्रांच हैं। देशभर में 800 से ज्यादा जगहों पर केंद्र के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण भारत और संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगातार काम कर रहा है।
पटना से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक, कार्बी आंग्लांग से लेकर कश्मीर के अनंतनाग तक, रामेश्वरम से लेकर राजकोट तक उसकी उपस्थिति है। दूर-दराज वाले इलाको में लगभग 28 हजार छात्रों को इस केंद्र के जरिए शिक्षा दी जा रही है।
मैं विशेष तौर पर उत्तर पूर्व के राज्यों में विवेकानन्द केंद्र के कार्यों की सराहना करना चाहूंगा। एकनाथ जी के रहते ही अरुणाचल प्रदेश में 7 रिहाइशी स्कूल खुले थे। आज उत्तर पूर्व में 50 से ज्यादा जगहों पर विवेकानन्द केंद्र सामाजिक कार्यों से जुड़ा है।
अनगिनत छात्र, आईआईटी स्टूडेंट, डॉक्टर और कई प्रोफेशनल्स स्वेच्छा से विवेकानन्द केंद्रों में सेवाव्रती के तौर पर काम करते हैं। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की सैलरी नहीं दी जाती, बल्कि यह सब सेवा भाव से किया जाता है। मैं मानता हूँ कि निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा के लिए ये सेवाव्रती हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। सामान्य जीवन को जीते हुए समाज सेवा का आदर्श उदाहरण है। देश के युवाओं के लिए एक दिशा है, एक मार्ग है।
विवेकानन्द केंद्र से जुड़े लोग आज राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि ये केंद्र आने वाली पीढ़ियों में इसी तरह नए विवेकानन्द का निर्माण करता रहेगा।
आज हर वो व्यक्ति जो राष्ट्र निर्माण में pro-active होकर अपनी duty निभा रहा है, वो विवेकानन्द है। हर वो व्यक्ति जो दलित-पीड़ित-शोषित और वंचितों के विकास (development) के लिए काम कर रहा है, वो विवेकानन्द है। हर वो व्यक्ति जो अपनी ऊर्जा (energy) को, अपने उपाय (ideas), अपने आविष्कार (innovation) को समाज के हित में लगा रहा है, वो विवेकानन्द है।
आप सभी जिस मिशन में जुटे हैं, वो मानवता के लिए, हमारे समाज के लिए, हमारे देश के लिए एक बड़ी तपस्या की तरह है। आप ऐसे ही भाव से देश की सेवा करते रहें, यही कामना है।
विवेकानन्द जी के जन्मदिवस पर, युवा दिवस पर आप सभी को एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बापू को मेरा जय श्रीराम, और वहां परमेश्वरम जी वगैरह सब को नमन करते हुए मैं मेरी वाणी को विराम देता हूं। और मुझे विश्वास है जैसा मुझे निमंत्रण दिया गया कन्याकुमारी आने के लिये। मेरा अपना घर है ये। देखता हूं कब मौका मिलता है| दौड़ता रहता हूं। दौड़ते – दौड़ते कभी एकाद बार बीच में मौका मिल जाएगा। मैं जरूर वहां उस धरती को नमन करने के लिये आ जाऊंगा। आपके बीच कुछ समय बिताऊंगा। मुझे इस अवसर पर मैं वहां रुबरू नहीं आ सका इसका खेद है लेकिन फिर भी दूर से सही। यहां दिल्ली में ठंड है वहां गर्मी है। इन दो के बीच हम नई ऊर्जा और उमंग के साथ आगे बढ़ेंगे। इसी विश्वास के साथ आप सब को इस पावन पर्व पर बहुत बहुत शुभकामनाएं। बहुत बहुत धन्यवाद।
I would have loved to be in your midst but thanks to the power of technology, we are connected on this occasion. And, in any case, I am no guest but am a part of this family. I am one of your own.
12th January- this is no ordinary day. This is a day etched in history as a day when India was blessed with one of the greatest thinkers, a guiding light and a stalwart who took India’s message to the entire world.
I offer my tributes to the revered Swami Vivekananda. He was a giant, whose powerful thoughts continue to shape several minds.
आज विवेकानन्दपुरम में रामायण दर्शनम, भारत माता सदनम का लोकार्पण हो रहा है। हनुमानजी की 27 फीट ऊंची प्रतिमा की और वो भी एक ही पत्थर की बनी हुई स्थापित की जा रही है। आप लोगों ने इससे संबंधित जो वीडियो मुझे भेजा था, वो मैंने देखा है और इस वीडियो को देख कर मैं कह सकता हूं इसमें दिव्यता भी है-भव्यता भी है।
आज ही विवेकानन्द केंद्र के संस्थापक स्वर्गीय एकनाथ रानडे जी की प्रतिमा (portrait) का भी अनावरण हो रहा है। आप सभी को आज के इस आयोजन के लिए हृदय से बहुत बहुत बधाई देता हूं।
भाइयों और बहनों, आज आप लोग जिस स्थान पर हैं वह सामान्य स्थान नहीं है। यो भूमि इस राष्ट्र की तपोभूमि की तरह है। अगर हनुमान जी को अपना जीवन ध्येय (purpose of life) मिला तो इसी धरती पर मिला। जब उन्हें जांबवंत ने उनसे कहा था कि तुम्हारा तो जन्म ही भगवान श्री राम के कार्य के लिए हुआ है। इसी धरती पर मां पार्वती की कन्याकुमारी का उसको purpose of life मिला। यही वो धरती है जहां महान समाज सुधारक, संत तिरूवल्लूवर को दो हजार वर्ष पूर्व ज्ञान का अमृत मिला। यही वो धरती है जहां स्वामी विवेकानन्द को भी जीवन का उद्देश्य प्राप्त हुआ। यहीं पर तप करने के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य और लक्ष्य प्राप्ति के लिए मार्ग दर्शन मिला था। यही वो जगह है जहां एकनाथ रानडे जी को भी अपने जीवन का, जीवन की जो यात्रा थी उसमें एक नया मोड़ मिला। एक नया लक्ष्य प्रस्थापित हुआ। उन्होंने अपना पूरा जीवन “एक जीवन एक ध्येय” (one life one mission) के रूप में इसी कार्य के लिये आहुत कर दिया। इस पवित्र भूमि को इस तपो भूमि को मेरा शत शत वंदन है, मेरा नमन है।
साल 2014 में जब हम एकनाथ रानडे जी के जन्म शताब्दी मना रहे थे, तब मैंने कहा था- कि ये अवसर युवाओं के मन को जगाने का है। हमारा भारत युवा है- वो दिव्य भी बने और भव्य भी बने। आज दुनिया भारत से दिव्यता की अनुभूति की अपेक्षा कर रही है और भारत का गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित ये भारत की भव्यता की अपेक्षा करता है। और विश्व के लिये दिव्यता तो देश के अंदर के लिये भव्यता और इन दोनों का मेल करके ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में हमें आगे बढ़ना है।
भाइयों बहनों, आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश ( young country) है। युवा देश है। 80 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु (age) की है। स्वामी विवेकानन्द आज हमारे बीच नहीं हैं, साक्षात रूप में नहीं हैं, लेकिन उनके विचारों में इतनी शक्ति (power) है, इतनी ताकत है, इतनी प्रेरणा है कि देश के युवाओं (youth) को संगठित करके राष्ट्र निर्माण (nation building) का रास्ता दिखा रही है।
एकनाथ रानडे जी ने युवाओं की इस शक्ति को एकजुट करने के लिए, विवेकानन्द केंद्र और विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की स्थापना की थी। एकनाथ रानडे जी कहते थे कि हमें स्वामी विवेकानन्द अच्छे लगते हैं सिर्फ इतने भर से कुछ नहीं होगा। देश के लिए स्वामी विवेकानन्द ने जो कल्पना की है, उसे साकार करने के लिए वो सतत योगदान को भी महत्वपूर्ण (important) मानते थे।
एकनाथजी ने जिस एक लक्ष्य के लिए पूरा जीवन लगा दिया था, वो था- स्वामी विवेकानन्द जी जैसे युवकों का निर्माण। उन्होंने युवाओं में राष्ट्रनिर्माण के वही आदर्श स्थापित करने का हमेशा प्रयास किया, जो नीतिमत्ता (ethics) जो मूल्य (Values) स्वामी विवेकानन्द जी के थे। मेरा ये बहुत बड़ा सौभाग्य रहा कि जीवन के अनेक वर्षों तक मुझे एकनाथ जी निकट के साथी के रूप में काम करने का अवसर मिला। इसी धरती पर कई बार आकर के उनके सानिध्य में जीवन को निखारने का मुझे अवसर मिलता था।
एकनाथ जी के जन्मशती पर्व के दौरान ही तय हुआ था कि हमारे संस्कृति (culture) और हमारे विचार प्रवाह (thought process) पर रामायण के प्रभाव को दर्शाती एक प्रदर्शनी शुरू की जाए। आज रामायण दर्शनम भव्य रूप में हम सभी के सामने है। और मुझे विश्वास है देश और दुनिया के जो यात्री रॉक मेमोरियल पर आते हैं। ये रामायण दर्शनम शायद उनको ज्यादा प्रेरित भी करेगा। प्रभावित भी करेगा। श्रीराम भारत के कण कण में हैं। जन जन के मन में हैं। और इसलिये जब हम श्रीराम के विषय में सोचते हैं, तो श्रीराम एक आदर्श पुत्र-भाई-पति,मित्र और आदर्श राजा थे। अयोध्या भी एक आदर्श नगर था तो रामराज्य एक आदर्श शासन व्यवस्था थी। इसलिए भगवान राम और उनके राज्य का आकर्षण समय-समय पर देश की महान शख्सियतों को अपने तरीके से रामायण की व्याख्या करने के लिए प्रेरित करता रहता है। इन व्याख्याओं की झलक अब रामायण दर्शनम में मिलेगी।
महाकवि कम्बन ने कंब रामायणम में कौशल राज्य को एक सुशासित राज्य बताया है। उन्होंने तमिल में जो लिखा, मैं उसका अंग्रेजी में अनुवाद अगर करूं तो उन्होंने लिखा था-
None were generous in that land as None was needy;
None seemed brave as none defied;
Truth was unnoticed as there were no liars;
No learning stood out as all were learned.
Since no one in that City ever stopped learning
None was ignorant and none fully learned;
Since all alike had all the wealth
None was poor and none was rich.
ये कम्बन द्वारा रामराज्य का दर्शन (presentation) है। महात्मा गांधी भी इन्हीं विशेषताओं की वजह से रामराज्य की बात करते थे। निश्चित तौर पर ये एक ऐसा शासन था, जहां व्यक्ति महत्वपूर्ण (Person important) नहीं होता, बल्कि सिद्धांत महत्वपूर्ण (Principle important) हुआ करते थे।
गोस्वामी तुलसीदास ने भी रामचरितमानस में रामराज्य का विस्तार से वर्णन किया है। रामराज्य यानी जहां कोई गरीब न हो, दु:खी ना हो, कोई किसी से घृणा ना करता हो, जहां सभी स्वस्थ और सुशिक्षित हों। जहां प्रकृति और मनुष्य के बीच तालमेल हो। उन्होंने लिखा है-
दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम राज नहिं काहुहि व्यापा।
सब नर करहिं परस्पर प्रीती, चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।
अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा, सब सुंदर सब बिरुज सरीरा।
नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना, नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना।
राम रावण को हरा कर बड़े नहीं बने। बल्कि राम तब राम बने जब उन्होंने उन लोगों को साथ लिया जो सर्वहारा थे। साधनहीन थे। उन्होंने उन लोगों को आत्म गौरव बहाल किया और उनमें विजय का विश्वास पैदा किया। भगवान राम के जीवन में उस भूमिका को स्वीकार नहीं किया जो उनके वंश द्वारा जो परम्पराएं थीं। एक एक वरों में कई बातें हमलोग जानते हैं। वो अयोध्या से बाहर निकले थे। अभी नगर की सरहद से भी बाहर नहीं निकले लेकिन पूरे विश्व को पूरी मानवता को अपने आप में समाहित करते हुए आदर्श क्या होता है, मूल्य क्या होते हैं, मूल्यों के प्रति जीवन का समर्पण क्या होता है, उसे उन्होंने जीकर के दिखाया था। और इसलिये मैं समझता हूं कि ये रामायण दर्शनम ये अपने आप में विवेकानन्दपुरम में एक प्रासंगिक और हम जानते हैं प्रगति के लिये समाज जितना सबल चाहिए, राज्य भी सुराज्य होना चाहिए।
जब रामजी को देखते हैं तो व्यक्ति का विकास, व्यवस्था का विकास ये बातें सहज रूप से नजर आती हैं।
भाइयों बहनों, एकनाथजी भी हमेशा चाहते थे कि देश की आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) को जगाकर देश की कर्मशक्ति या कार्यशक्ति (working power) को विधायक (constructive) कार्यों में लगाया जाए। आज जब विवेकानन्द केंद्र में हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना हो रही है, तो उनके इस कथन की प्रेरणा (inspiration) का भी पता चलता है।
हनुमानजी यानी सेवा, हनुमान जी यानी समर्पण, भक्ति का वो रूप था। जिसमें सेवा ही परम धर्म बन गया था। जब वो समुद्र को पार कर रहे थे तो मैनाक पर्वत उन्हें बीच में विश्राम देना चाहता था। लेकिन संकल्प सिद्धि से पहले हनुमान जी के लिए शिथिलता की कोई गुंजाइश नहीं थी। अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक उन्होंने आराम नहीं किया।
हनुमानजी के सेवाभाव पर भारत रत्न सी राजगोपालाचारी जी ने भी अपनी रामायण में लिखा है। जब हनुमानजी सीता माता से मिलकर वापस लौटते हैं, भगवान राम जी को माता के सकुशल होने की बात बताते हैं, तो राम जी कहते हैं-
"The deed done by Hanumaan none else in the world could even conceive of attempting-crossing the sea, entering Lanka protected by Raavana and his formidable hosts and accomplishing the task set to him by his king, not only fully but beyond the fondest hopes of all."
राजाजी कहा है कि हनुमान जी ने वो काम किया था, जिसकी कोई उम्मीद तक नहीं कर रहा था। कठिनाइयों के जिस समंदर को हनुमान जी ने पार किया था, वो कोई सोच भी नहीं सकता था।
और इसलिये भाइयों बहनों, हम भी जब ‘सबका साथ, सबका विकास’ ये मार्गदर्शक तत्व (Guiding Principal) पर चल रहे हैं। चाहे गरीब से गरीब व्यक्ति के लिये जनधन योजना के जरिये गरीबों को बैंकिंग व्यवस्था के साथ जोड़ा जाए आज गरीब के पास एक व्यवस्था कर के हमने आगे बढ़ने का प्रयास किया था। और इसलिये बीमा कराने का विकल्प है। किसानों को इसका लाभ मिला है। किसानों को सबसे कम प्रीमियम पर फसल बीमा योजना दी गई है। बेटियों को बचाने के लिए, उन्हें पढ़ाने के लिये अभियान चला रहे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'। गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद के लिये देशव्यापी योजना बनाई गई है। 5 करोड़ परिवार जो लकड़ी का चूल्हा जलाकर माताएं खाना पकाती थीं और एक दिन में चार सौ सिगरेट का धुंआ खाना पकाने से लड़की के चूल्हे से उस मां के शरीर में जाता था, उन माताओं को अच्छा स्वास्थ्य मिले, प्राथमिक सुविधा मिले, इसीलिए 5 करोड़ परिवारों में गैस कनेक्शन (gas connection) का बीड़ा उठाया और डेढ़ करोड़ दे चुके हैं।
दलित, पीड़ित, वंचित की सेवा यही तो जन सेवा प्रभु सेवा का मंत्र देती है। हमारे देश के दलित नौजवानों को stand-up India, start-up India के जरिए सशक्त (empower) किया जा रहा है। छोटे कारोबारियों को कम ब्याज पर कर्ज मिल सके, इसलिए मुद्रा योजना चलाई गई है। गरीब की गरीबी तभी दूर होगी जब उसे सशक्त (empower) किया जाए। जब गरीब सशक्त होगा, तो स्वयं गरीबी को परास्त करके रहेगा। और गरीबी से मुक्ति का वो आनन्द लेगा और एक नई ताकत के साथ वो आगे बढ़ेगा।
रामायण में जब भगवान राम और भरत के बीच शासन को लेकर संवाद हो रहा था तब भगवान राम ने भरत से कहा था -
कच्चिद् अर्थम् विनिश्चित्य लघु मूलम् महा उदयम्।
क्षिप्रम् आरभसे कर्तुम् न दीर्घयसि राघव।।
यानी, हे भरत, ऐसी योजनाएं लागू करो जिनसे कम से कम व्यय में ज्यादा से ज्यादा लोगों का फायदा हो। रामजी ने भरत से ये भी कहा कि इन योजनाओं को लागू करने में बिल्कुल भी देरी न की जाए।
आयः ते विपुलः कच्चित् कच्चिद् अल्पतरो व्यय:।
अपात्रेषु न ते कच्चित् कोशो गच्छति राघव।।
यानी भरत, इस बात का ध्यान रखना की आय ज्यादा हो और खर्च कम। वो इस बात की भी हिदायत देते हैं कि अपात्रों या undeserving को राज्य कोष का फायदा न मिले।
अपात्रों से सरकारी खजाने को बचाना भी सरकार की कार्यसंस्कृति का हिस्सा है। आपने देखा होगा हमने आधार कार्ड से लिंक करके बैंक अकाउंट में सीधे आर्थिक सहायता ट्रांसफर करना, फर्जी राशनकार्ड वालों को हटाना, फर्जी गैस कनेक्शन वालों को हटाना, फर्जी टीचरों को हटाना, दूसरों का अधिकार छीनने वालों को हटाना, ये सब इस सरकार ने मिशन मोड में लिया है।
भाइयों बहनों, आज ही भारतमाता सदन में पंचलौह से बनी मां भारती की प्रतिमा का अनावरण भी हो रहा है। मां भारती के इस प्रतीक का लोकार्पण सौभाग्य की बात है। जो भी व्यक्तिगण इस विशेष यज्ञ में जुटे थे, उन सभी का मैं इस पुण्य कार्य के लिए अभिवादन करता हूं।
साथियों, मैं विवेकानन्द रॉक मेमोरियल के समीप बनी संत तिरूवल्लूवर की प्रतिमा को भी प्रणाम कर रहा हूं। तिरूवल्लूवर जी जो सूत्रवाक्य, जो मंत्र दे गए थे, वो आज भी उतने ही सटीक हैं, relevant हैं। नौजवानों के लिए उनकी सीख थी-
“In sandy soil, when deep you delve, you reach the springs below; The more you learn, the freer streams of wisdom flow.”
यानि रेतीली धरती में जितना गहरा आप खोदते जाएंगे, एक दिन पानी तक जरूर पहुंचेंगे। ठीक वैसे ही जैसे आप जितना ज्यादा सीखते जाएंगे एक दिन ज्ञान की, बुद्धिमत्ता की गंगा तक अवश्य पहुंचेंगे।
आज युवा दिवस पर मेरा देश के नौजवानों से आह्वान है- सीखने की इस प्रक्रिया को, सीखने (learning) की प्रक्रिया (process) को कभी मत रुकने दीजिए। अपने भीतर के इस विद्यार्थी को कभी मरने मत दीजिए। जितना आप सीखेंगे, जितनी आप अपनी आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) को विकसित (develop) करेंगे, जितना आप अपनी कौशल (skills) को विकसित (develop) करेंगे, उतना ही आप का भी विकास होगा और देश का भी।
कुछ लोग आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) की जब बात आती है तो उसको समझ नहीं पाते हैं उसको पंथ के दायरे में देखते हैं। लेकिन spiritual power ये पंथ से परा है, बंधनों से परा है। इसका सीधा संबंध मानवीय मूल्यों से है। दैविक शक्ति से है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति और इसी धरती के सपूत डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम कहा करते थे-
“Spirituality to me is the way we relate to God and the Divine. Staying connected with our spiritual life keep us grounded and always be reminded of the value of life and important values such as honesty, loving our neighbours, and many other important traits that will make the workplace a positive environment”.
मुझे खुशी है कि पिछले कई दशकों से विवेकानन्द केंद्र इसी दिशा में प्रयास भी कर रहा है। आज विवेकानन्द केंद्र की दो सौ से ज्यादा ब्रांच हैं। देशभर में 800 से ज्यादा जगहों पर केंद्र के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण भारत और संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगातार काम कर रहा है।
पटना से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक, कार्बी आंग्लांग से लेकर कश्मीर के अनंतनाग तक, रामेश्वरम से लेकर राजकोट तक उसकी उपस्थिति है। दूर-दराज वाले इलाको में लगभग 28 हजार छात्रों को इस केंद्र के जरिए शिक्षा दी जा रही है।
मैं विशेष तौर पर उत्तर पूर्व के राज्यों में विवेकानन्द केंद्र के कार्यों की सराहना करना चाहूंगा। एकनाथ जी के रहते ही अरुणाचल प्रदेश में 7 रिहाइशी स्कूल खुले थे। आज उत्तर पूर्व में 50 से ज्यादा जगहों पर विवेकानन्द केंद्र सामाजिक कार्यों से जुड़ा है।
अनगिनत छात्र, आईआईटी स्टूडेंट, डॉक्टर और कई प्रोफेशनल्स स्वेच्छा से विवेकानन्द केंद्रों में सेवाव्रती के तौर पर काम करते हैं। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की सैलरी नहीं दी जाती, बल्कि यह सब सेवा भाव से किया जाता है। मैं मानता हूँ कि निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा के लिए ये सेवाव्रती हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। सामान्य जीवन को जीते हुए समाज सेवा का आदर्श उदाहरण है। देश के युवाओं के लिए एक दिशा है, एक मार्ग है।
विवेकानन्द केंद्र से जुड़े लोग आज राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि ये केंद्र आने वाली पीढ़ियों में इसी तरह नए विवेकानन्द का निर्माण करता रहेगा।
आज हर वो व्यक्ति जो राष्ट्र निर्माण में pro-active होकर अपनी duty निभा रहा है, वो विवेकानन्द है। हर वो व्यक्ति जो दलित-पीड़ित-शोषित और वंचितों के विकास (development) के लिए काम कर रहा है, वो विवेकानन्द है। हर वो व्यक्ति जो अपनी ऊर्जा (energy) को, अपने उपाय (ideas), अपने आविष्कार (innovation) को समाज के हित में लगा रहा है, वो विवेकानन्द है।
आप सभी जिस मिशन में जुटे हैं, वो मानवता के लिए, हमारे समाज के लिए, हमारे देश के लिए एक बड़ी तपस्या की तरह है। आप ऐसे ही भाव से देश की सेवा करते रहें, यही कामना है।
विवेकानन्द जी के जन्मदिवस पर, युवा दिवस पर आप सभी को एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बापू को मेरा जय श्रीराम, और वहां परमेश्वरम जी वगैरह सब को नमन करते हुए मैं मेरी वाणी को विराम देता हूं। और मुझे विश्वास है जैसा मुझे निमंत्रण दिया गया कन्याकुमारी आने के लिये। मेरा अपना घर है ये। देखता हूं कब मौका मिलता है| दौड़ता रहता हूं। दौड़ते – दौड़ते कभी एकाद बार बीच में मौका मिल जाएगा। मैं जरूर वहां उस धरती को नमन करने के लिये आ जाऊंगा। आपके बीच कुछ समय बिताऊंगा। मुझे इस अवसर पर मैं वहां रुबरू नहीं आ सका इसका खेद है लेकिन फिर भी दूर से सही। यहां दिल्ली में ठंड है वहां गर्मी है। इन दो के बीच हम नई ऊर्जा और उमंग के साथ आगे बढ़ेंगे। इसी विश्वास के साथ आप सब को इस पावन पर्व पर बहुत बहुत शुभकामनाएं। बहुत बहुत धन्यवाद।
Friday, January 13, 2017
Green Rameswaram December Newsletter
Shri.Satish Kumar famous editor of Resurgence and Ecologist writes “Wholeness and harmony are the foundation stones of a new world view”. My existence is a network of influences. I exist in a web of relationships: in reciprocity, mutuality and community. I am because earth, air, fire and water are. I am because my parents, my teachers and my friends are. I am because Buddha, Krishna and Christ are: they are part of my thinking. Shakespeare is, therefore I am. Beethoven is, therefore I am. Van Gogh is, therefore I am. Gandhi is, therefore I am. You are therefore I am. Worms are, therefore I am.
Buddhists call it co-dependent arising. Hindus call it Soham: “That is me”, and “I am that”. In South Africa they call it Ubuntu: “I am because we are”.
This view of a world of relationships is the underlying theme of ‘Green Rameswaram’ project. In executing this, we seek everybody’s cooperation. This month has the following highlights.
Shri.Narendra Joshi in his series ‘Rameshwaram – The Anchor of Indian Renaissance’ quotes extensively Sri Aurobindo on the temple Architecture and highlights Rameshwaram temple
Dr.Ramaratnam writes that the real solution to the Energy problem is Smart Micro Grids
Hand in Hand India continues their Awareness programmes on waste management for different stakeholders
Shri.Karthik of C.P.R Environmental Educational Center writes about Nakshatra Vanam and finally work to build the Social Capital.
Buddhists call it co-dependent arising. Hindus call it Soham: “That is me”, and “I am that”. In South Africa they call it Ubuntu: “I am because we are”.
This view of a world of relationships is the underlying theme of ‘Green Rameswaram’ project. In executing this, we seek everybody’s cooperation. This month has the following highlights.
Shri.Narendra Joshi in his series ‘Rameshwaram – The Anchor of Indian Renaissance’ quotes extensively Sri Aurobindo on the temple Architecture and highlights Rameshwaram temple
Dr.Ramaratnam writes that the real solution to the Energy problem is Smart Micro Grids
Hand in Hand India continues their Awareness programmes on waste management for different stakeholders
Shri.Karthik of C.P.R Environmental Educational Center writes about Nakshatra Vanam and finally work to build the Social Capital.
A workshop for Maths teachers at VKV Dibrugarh
A workshop for Maths teachers was organised on 8 and 9 January 2017 at VKV Dibrugarh. It was organised with the objective of strengthening / enriching our own resource. Besides the resource persons like Sri B. M. Naidu, Vice Principal, VKV Dibrugarh, Kum. Sudipta Saha, VKV Tinsukia, Sri Dhan Pradhan, VKV (NEEPCO) Umrangso and Smt. Moniparna Gogoi, VKV Golaghat, 12 teachers teaching Maths in class VI and/or VII participated from 8 Vidyalayas namely- VKV Tinsukia(2), VKV Sadiya(1), VKV- NEEPCO- Bokuloni(2), VKV-NEC- Baragolai(1), VKV Tingrai (1), VKV Dibrugarh (2), VKV Dhemaji (1) and V V Jirikindeng (2).
5 Chapters from class VI covered in the workshop besides two sessions on teaching Maths using technology. Basically teachers approach on a particular chapter i.e. how to teach, what to teach and what not to teach etc were main area of focus. Active participation of teachers was seen as resource persons were also our own teachers.
On 8th January at 10 am, in the inaugural session of the workshop Ma. Pravin Dabholkar ji Joint General Secy, VK Kanyakumari motivated the teacher emphasizing on teachers creative efforts should be there for eliminating the Maths phobia from the minds of students as well as parents.
5 Chapters from class VI covered in the workshop besides two sessions on teaching Maths using technology. Basically teachers approach on a particular chapter i.e. how to teach, what to teach and what not to teach etc were main area of focus. Active participation of teachers was seen as resource persons were also our own teachers.
On 8th January at 10 am, in the inaugural session of the workshop Ma. Pravin Dabholkar ji Joint General Secy, VK Kanyakumari motivated the teacher emphasizing on teachers creative efforts should be there for eliminating the Maths phobia from the minds of students as well as parents.
Celebration of Swami Vivekananda Jayanti at Thiruvananthapuram
Vivekananda Kendra Thiruvananthapuram organized Kutumba Milan as the part of Swami Vivekananda Jayanti celebration on 8th Jan 2017 Sunday at Sri Ramakrishna Ashrama,Nettayam. Swami Mokshavratanandaji Maharaj, The president of Sri Ramakrishna Mission and Ashram Shastamangalam and Adharaneeya Radha didi were the chief guests of the day. Swami Mokshavratanandaji Maharaj gave margadarshan to the gathering and Adharaneeya Radha didi introduced Vivekananda Kendra to the audience. The program included Yoga (sookshma vyayam) and then games for children and a group discussion on Adarsha Bharatiya Griha for elders. A Yoga Instructor Certificate was issued to Kum.Nidhika.A.R, who successfully completed 6 months YCC at Vivekananda Kendra Kanyakumari. About 80 people participated in the 3 hours program.
Sri Ramayana Darshanam - Bharatmata Sadanam Inauguration
Vivekananda Kendra Kanyakumari cordially invites your goodself for the
formal Inauguration of Ramayana Dharshanm, Bharatmata Sadanam and 27th
feet height Veer Hanuman statue in the Vivekanandapuram campus of
Kendra, on 12th January 2017 at 5:00 p.m. by Sri Narendra Modi, the
Hon'ble 'Prime Minister of India, through video conferencing. Poojya Sri
Morari Bapuji, well known Ramayana Katha Guruji will grace the function
and light the lamp in Ram Darbar and offer flowers. Sri Pon
Radhakrishanan, Union Minister of State for Road Transport and Highways,
will be the Chief Guest and switch on the Eletric lamp at the statue of
Veer Hanumanji and offer flowers. Mananeeya P. Parameswaranji preside
over the function and light the lamp at Bharat Mata Sadanam and offer
flowers. Revered Swami Chaitanyanandaji, Vivekananda Ashramam,
Vellimalai will unveil the portrait of Swargeeya Eknathi Ranade, the
Founder and Soul behind the Vivekananda Rock Memorial and Vivekananda
Kendra, in the “Arise Awake” Exhibition. Kendra heartily invites you for
this auspicious programme.
The event will be live on DD and ANI, It will be live on PM’s YouTube and Facebook also.
watch live on YouTube
The event will be live on DD and ANI, It will be live on PM’s YouTube and Facebook also.
watch live on YouTube
http://www.moraribapu.org
Monday, January 9, 2017
3rd Social Science Exploratory Project 2016
Vivekananda Kendra Shiksha Prasar Vibhag organised 3 days “3rd Social Science Exploratory Project” at Vivekananda Kendra Vidyalaya,Tingrai from 28th December to 30th December 2016. In this entire Project 19 VKVs from all over Assam & Nagaland including 2021 students participated and surveyed 2648 families. The total number 26 Villages and 09 Sattras were shown through power point presentation by our students.
Mahaprabhu Sri Sri Nanigopaldev Goswami, Sr Sri Sattradhikar of Dakhinpath Sattra, Majuli was adorned as the Chief Guest,the expert & the academician Sri Sristidhar Dutta, Faculty of Social Sciences, Rajiv Gandhi University graced this occasion as the Guest of Honour, Sri Pranjit Kumar Deka, General Manager of Oil India Limited, Duliajan was the special Guest, Sri Pravin Dhabolkar, Joint GeneralSecretary of Vivekananda Kendra, Kanyakumari was also present in the inaugural ceremony of 3rd Social Science Exploratory Project whic was conducted at 4.00 p.m. on 28th of December. The two days power point presentation was followed by Panel discussionon villages under the guidance of Dr. Balin Hazarika, Retd. Professor of Political science, J.B.College, Jorhat.
The second day started with prath smaran and yogaabhyas. It was followed by PPT presentation of Villages. The 26 villages were presented by the evening. There Bhanjan Sandhya which vibrated a devotional and positive energy among all the participants. The third day was the presentation of 09 Sattras.
In addition to that a few cultural programme was also presented by the students Vivekananda Kendra Vidyalaya,Tingrai, that was appreciated by all the present there. The Valedictory Programme was conducted at 4.00 p.m. on 30th of December in which Dr. Balin Hazarika, Retd. Professor of Political science, J.B.College, Jorhat, Dr. Sovarani Sarma, Prant Pramukh, Assam Prant, Vivekananda Kendra , Sri Dilip Kumar Das, PRO( Head) Oil India Ltd. Duliajan, Sri R.N.Pathak were graced this occasion.
Sri Kishor Chandra Moharana, Principal of the host School Vivekananda Kendra Vidyalaya,Tingrai and co-ordinator of 3rd Social Science Exploratory Project presented the Project Report in details, Then the students were given away the Proficiency and Appreciation Prizes. VKV, Golaghat, VKV, Ramnagar, Silchar, VKV, Bokuloni were given Best Performer Award. At last Su. Reboti Devi, Joint Secretary of VKSPV, Guwahati cast the vote of thanks. It was concluded with shanti mantra.
Mahaprabhu Sri Sri Nanigopaldev Goswami, Sr Sri Sattradhikar of Dakhinpath Sattra, Majuli was adorned as the Chief Guest,the expert & the academician Sri Sristidhar Dutta, Faculty of Social Sciences, Rajiv Gandhi University graced this occasion as the Guest of Honour, Sri Pranjit Kumar Deka, General Manager of Oil India Limited, Duliajan was the special Guest, Sri Pravin Dhabolkar, Joint GeneralSecretary of Vivekananda Kendra, Kanyakumari was also present in the inaugural ceremony of 3rd Social Science Exploratory Project whic was conducted at 4.00 p.m. on 28th of December. The two days power point presentation was followed by Panel discussionon villages under the guidance of Dr. Balin Hazarika, Retd. Professor of Political science, J.B.College, Jorhat.
The second day started with prath smaran and yogaabhyas. It was followed by PPT presentation of Villages. The 26 villages were presented by the evening. There Bhanjan Sandhya which vibrated a devotional and positive energy among all the participants. The third day was the presentation of 09 Sattras.
In addition to that a few cultural programme was also presented by the students Vivekananda Kendra Vidyalaya,Tingrai, that was appreciated by all the present there. The Valedictory Programme was conducted at 4.00 p.m. on 30th of December in which Dr. Balin Hazarika, Retd. Professor of Political science, J.B.College, Jorhat, Dr. Sovarani Sarma, Prant Pramukh, Assam Prant, Vivekananda Kendra , Sri Dilip Kumar Das, PRO( Head) Oil India Ltd. Duliajan, Sri R.N.Pathak were graced this occasion.
Sri Kishor Chandra Moharana, Principal of the host School Vivekananda Kendra Vidyalaya,Tingrai and co-ordinator of 3rd Social Science Exploratory Project presented the Project Report in details, Then the students were given away the Proficiency and Appreciation Prizes. VKV, Golaghat, VKV, Ramnagar, Silchar, VKV, Bokuloni were given Best Performer Award. At last Su. Reboti Devi, Joint Secretary of VKSPV, Guwahati cast the vote of thanks. It was concluded with shanti mantra.
समर्थ भारत पर्व पर विशेष समर्थ शिक्षक ही समर्थ भारत की आधारशिला
जीवन रोते हुए नहीं बल्कि समर्थता से जीना है। हमें प्रोफेशन का चयन तभी करना है जब उसे सार्थक करने की सामर्थ्य हमारे अंदर हो। स्वामी विवेकानन्द अनेक कष्टों को सहकर भारत के उत्थान का चिंतन अमेरिका में रहकर करते रहे। संपूर्ण भारत का उन्होंने भ्रमण किया। स्वामीजी ने भारत के बारे में कहा कि आज ज्ञान भूमि अंधकार में है और दारिद्रय में है और उसी समय उसे समर्थ बनाने का निर्णय किया। भारत किसी को कष्ट देकर विकास करने वाला देश नहीं है। यह अपनी आत्मीयता को विश्व में विस्तृत करने वाला देश है। स्वामी विवेकानन्द कहते हैं कि उठो और अपनी आध्यात्मिकता से विश्व को जीत लो। उक्त विचार समर्थ भारत पर्व के तहत अखिल भारतीय स्तर पर मनाए जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा भावी शिक्षकों को राष्ट्रनिर्माता के रूप में दायित्वबोध कराने के उद्देश्य से क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के विद्यार्थियों के साथ विवेकानन्द केन्द्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने संवाद के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि शिक्षक कभी भी अपने आपको हीन न समझे। शिक्षक अपने बच्चों को जीवन मूल्य देने में सक्षम हो तथा यह केवल पाठ पढ़ाने से नहीं होगा अपितु इसके लिए शिक्षक को आचरण करना पड़ेगा।शिक्षक को अपने बच्चों से प्रेम करना सीखना होगा जिससे वे उन्हें सन्मार्ग पर ले जाने के लिए प्रेरित कर सकें। इस संवाद कार्यक्रम में मुख्य उद्बोधन के उपरांत छात्रों से चर्चा भी की गई जिसमें छात्र अपने प्रश्न भी पूछे। इस कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया।
केन्द्र के नगर प्रमुख रविन्द्र जैन ने बताया कि इस अवसर पर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्राचार्य प्रो. वी के कांकरिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा कार्यक्रम के संयोजक क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्रोफेसर एस वी शर्मा थे। कार्यक्रम का संचालन केंद्र की कार्यकर्ता रीना सोनी ने किया। इस अवसर पर केन्द्र के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतन्त्र शर्मा, केन्द्र भारती सह संपादक उमेश चौरसिया व प्रान्त संगठक सुश्री प्रांजलि येरिकर भी उपस्थित थीं।
केन्द्र के नगर प्रमुख रविन्द्र जैन ने बताया कि इस अवसर पर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्राचार्य प्रो. वी के कांकरिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा कार्यक्रम के संयोजक क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्रोफेसर एस वी शर्मा थे। कार्यक्रम का संचालन केंद्र की कार्यकर्ता रीना सोनी ने किया। इस अवसर पर केन्द्र के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतन्त्र शर्मा, केन्द्र भारती सह संपादक उमेश चौरसिया व प्रान्त संगठक सुश्री प्रांजलि येरिकर भी उपस्थित थीं।
Three days youth motivational camp in Karnawati
This is a final part of Safal Yuva Samarth Bharat programme. Adjustment with busy schedule , all participants were gathered for nation. With this great motto , the whole camp was organized. Needless to say that , this camp has brought some important virtues itself. All participants were enlightened with the camp’s stuffs. Their day was started with Pratahsmaran and ended with Aatmavlokan. Eknathji’s movie and many more inspirational lectures were made them thinker for Bharatmata’s future. At the last day of the Shibir, Aa. Kishorji and Aa. shitaldidi were being the heart of the Shibir. On the last day also we had a Niyojan bethak – in which we had done planning for Sanskarvarg, Kendravarg and their effective Sampark.
Geetajayanti Celebration in Karnawati
Geeta Jayanti was celebrated in two places in Karnawati. In Ghatlodia Programme was started with teen Omkar prathna then krishna’s bhajans had been sung by Deepbhai and Dhrumaben . Karmyog Adhyay 12 sholkas had been sung by karyakartas under the leadership of Aa. Lokeshbhai. Aa. jaydevbhai was the speaker of that day. He was spread the actual message of Gita. He had addressed that Gita teaches us spirituality. Our whole Kutumb Vyavstha could be going well, if we follow and implement it in our life. The programme has been over with dinner.
In Gandhinagar, Karmayoga sholka chant by karyakarata. The program was followed by bhajan and end with dinner.
In Gandhinagar, Karmayoga sholka chant by karyakarata. The program was followed by bhajan and end with dinner.
VK NARDEP December 2016 Newsletter
We lost a great Gandhian, environmentalist and a water warrior Shri.Anupam Mishra on 19th Dec. 2016. All his life he strived for water democracy. His two books (i) Aajbhi Khare Hain Talab (the ponds are still relevant – published in 19 languages and sold one lakh copies) and (ii) Rajasthan Ki Rajat Boondein (The Radiant Raindrops of Rajasthan) are guides for all the stakeholders including Govt. Shri.Anupamji’s Hindi was so sweet and poetic that after listening one will fall in love with the language. Attending his talks or slide presentation was a treat to everyone. Making people water literate will be a real tribute to him.
In this month, Shri.N.Krishnamurthi covers the topic of “Agriculture – Land, Fertiliser, Pesticide, Livestock and Forests”. In happenings, we have covered training programmes in NPK rich Bio-manure preparation, Azolla cultivation, Ferrocement technology, etc. In addition, this month we have covered the Annual day celebrations of Amudha Surabhi SHG federation to whom VK-Nardep supports.
In the wisdom section, the famous ecologist, Edward Goldsmith tells us how the so called development destroys the social structure while Aurbindite Dr.Madhusudana Reddy exhorts us to discover our own infinite dimension and finally Acharya Rajaneesh relates Religion to the wonderful music of life.
For reading the newsletter, Please Click Here
In this month, Shri.N.Krishnamurthi covers the topic of “Agriculture – Land, Fertiliser, Pesticide, Livestock and Forests”. In happenings, we have covered training programmes in NPK rich Bio-manure preparation, Azolla cultivation, Ferrocement technology, etc. In addition, this month we have covered the Annual day celebrations of Amudha Surabhi SHG federation to whom VK-Nardep supports.
In the wisdom section, the famous ecologist, Edward Goldsmith tells us how the so called development destroys the social structure while Aurbindite Dr.Madhusudana Reddy exhorts us to discover our own infinite dimension and finally Acharya Rajaneesh relates Religion to the wonderful music of life.
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Samartha Bharat Parva Celebration at VKV Vallioor
“The soil of India is my highest heaven. The good of India is my good” Swami Vivekananda after his wandering all over India came to Kanyakumari and sat in meditation on 25 , 26 and 27 December 1892. To spread these message of Swami Vivekananda amongst the public , to focus on cultural tradition, this Samartha Bharatha Parva is being conducted by all Vivekandanda Kendra Vidyalaya Schools.
This year we have selected the rural area Thiruvenkadanathapuram (sirumazhanchi) near vallioor. Fifty Students who were given enough practice and ten teachers went there. The programme was started at 6.30 p.m. Village panchayat leaders Mr.Thangasamy Nadar and Mr. Dhavasikani Nadar were the special guests. Nearly 325 people were the audience. Our Principal Mrs. R.Andal welcomed the gathering and the programme were commenced by prayer song and Bharathanatyam . Various cultural programme like Debate , Patriotic dance, Folk dance, National leader’s play @ conversation about Swami Vivekananda were impressed by the audience. Finally Mr. Ooikattan, Rtd Postman proposed the vote of thanks. Mr.Jeyarai who was the members of panchayat gave away the award on behalf of Sirumazhanchi people. The programme was concluded by Kendra Prayer. Our correspondent Mr.S.K.Subramanian arranged the function in a successful way.
This year we have selected the rural area Thiruvenkadanathapuram (sirumazhanchi) near vallioor. Fifty Students who were given enough practice and ten teachers went there. The programme was started at 6.30 p.m. Village panchayat leaders Mr.Thangasamy Nadar and Mr. Dhavasikani Nadar were the special guests. Nearly 325 people were the audience. Our Principal Mrs. R.Andal welcomed the gathering and the programme were commenced by prayer song and Bharathanatyam . Various cultural programme like Debate , Patriotic dance, Folk dance, National leader’s play @ conversation about Swami Vivekananda were impressed by the audience. Finally Mr. Ooikattan, Rtd Postman proposed the vote of thanks. Mr.Jeyarai who was the members of panchayat gave away the award on behalf of Sirumazhanchi people. The programme was concluded by Kendra Prayer. Our correspondent Mr.S.K.Subramanian arranged the function in a successful way.
Kalpataru Day Celebration at Thiruvanantapuram
VK Thiruvananthapuram started its first Swadhyaya Varga on the auspicious occasion of Kalpataru Diwas (01/01/2017), in the premises of VK Thiruvananthapuram. Topic chosen for Swadhyaya is Ishavasya Upanishad. Dr.Murugan, retired Director of Kerala Higher Secondary Board is the Acharya for Swadhyaya. 25 people participated in the Varga which is to held on first and second Sundays of every month. Process for uploading the same in the youtube was also initiated.
Monday, January 2, 2017
Traditional Dance and Drama Competitions held at Tezu
ITANAGAR, Dec 27: Pomliang Village became the winner while Tafrogam Village stood second in the Circle Level Traditional Dance Competition on Sunday with a cash prize of Rs 6000/- and Rs 4000/- respectively. Organized by Vivekananda Kendra, Tezu, Arunachal Pranta as part of Samarth Bharat Parva at Tamla-Du hall Tezu, Tafrogam village also bagged first position in Traditional Drama Competition.
The best team/performer in Circle Level in both Drama and Dance will take part in the District Level competition on January 12, 2017.
The best team/performer in Circle Level in both Drama and Dance will take part in the District Level competition on January 12, 2017.
Assam Prant Kps started on 24th Dec. 2016
Vk assam Prant Kps started on 24th Dec. 2016 (25-30 ), Participants 106, Organizing team 30, Sri Sanjay Deka Dr Kabul Saikia Dr Sova rani Sarma Sri kamalakant were the resource person. Consolidation of our work is the main theme. Imparted skill of Karyapaddhati, Baithak and patrons. Karyakartas are getting ready for consolidation of work in Assam.
Ma Sarada Jayanti and Matru Pooja Celebration at VK Mysore
On the holy Occasion Holy Mother Sharada Devi Jayanti, MatruPooja organised at Kendra Karyalaya on 22nd December. Children of Anandalaya performed pooja to their mothers. BhaginiSoumya talked about the importance of mothers in every ones life and she talked about Holy mother and shatanamavali of mother. At the end SmtNagaratnammaji conducted guided meditation.
Prant Sanskar Varga Prashikshan shibir
24th to 29 Dec Sanskar Varga Gat Pramukh Prashikshan shibir organized at Tezpur. 65 participants and 25 Karyakartas are present. Assam Prant has plan of 100 Sanskar Varga in year ahead. Ka kha and ga of Sanskar Varga and Suryanamaskar skills are imparted. Concept and need of Sanskar Varga were the part of the camp. Daily 1 and half hours model Sanskar Varga is also part of the Prashikshan.
5th Sankardev Natya Samaroh
5TH SRIMANTA SANKARDEV NATYA SAMAROH: 2016
A Brief Report
To develop Swami Vivekananda’s philosophy of Education, strengthen the learning of life-skill and the inner qualities of students, Vivekananda Kendra Shiksha Prasar Vibhag (VKSPV) organizes different programmes for the students and teachers of Vivekananda Kendra Vidyalayas (VKVs) of Assam and Nagaland. This year 5th Srimanta Sankardev Natya Samaroh (SSNS), An One Act Play competition, was organized by VKSPV, Guwahati from 11 to 13 November 2016 at the venue Vivekananda Kendra Vidyalaya Nalbari.
Total Participant Team: 19 Vidyalayas
Total Participants : Boy : 88 Girls: 78
Teachers: Brothers: 43 Sisters: 22
Total : 231
Paticipating School: VKV Tingrai, Golaghat, Bokuloni, Dhemaji, Suklai, Ramnagar, Majuli, Umrangso, Sadia, Dibrugarh, Kajalgaon, Badarpur, Baragolai, Tezpur, Sivsagar and Borojalenga, Nalbari, Tinsukia and Doyang.
DAY 1: 10 November ( UDGHATAN SAMAROH )
5th SSNS’s Udghatan Samaroh (Inauguration Programme) held on 10 November in the Campus of VKV Nalbari with 800 audiences. Chief Guest for the programme was Hon. Sri Dipok kr Barthakur, Vice Chairman, State Planning Board, Govt. of Assam, Guest of Honour was Sri Anant Gyani(IAS, Deputy commissioner). Special Guest was Sri Upakul Bordoloi, Actor and Director (Assamese Film). Mananeeya Sri Pravin Dabholkar, Secretary VKSPV blessed the occasion and given a proper direction for the success of the Samaroh. Flag hoisting, Balloon release, Band display of the participants, Cultural staging by the students followed by the speeches of the distinguished guests.
DAY 2 to 4: 11-13 November 2016
Everyday 8 teams used to perform. The drama competition started at the venue Natya Mandir Nalbari exactly at 9:30 a.m. every day with the performances of eight(8) teams. The judges for the programs were: Sri Dwijen Nath, Sri Niranjan Bhuyan, , Sri Rajib Kro, and Smt Reeta Devi, all are popular playwright and actor/director of Assam.
SAMAPAN SAMAROH
Evening 3 pm onward the SAMAPAN SAMAROH was started in the VKV Nalbari Campus.
The Chief Guest was :
Hon. Sri Ranjeet Kumar Dass, Speaker, Legislative Assembly Assam.
The Guest of honour was :
Hon. Sri Sanjib Das, Regional Officer, CBSE, Guwahati and
Special Guest was Manaeeya Sri M. HanumantharaoJi, Treasurer, Vivekananda Kendra, Kanyakumari
The prizes were distributed by Sri Sanjib Das, Mananeeya Meera Didi, Prant Sangathak , VK Assam Prant and Sri R.N. PathakJi, Office In-charge VKSPV Guwahati.
After the programme the Flag of the Natya Samaroh was brought down and handed it over to VKV kajalgaon by Maneeya HanumantharaoJi, for conducting the 6th Srimanta Sankardev Natya Samaroh next!
Important Follow up Actions :
• DVDs containing performance of all the Dramas were done and distributed to the teams on the concluding day.
• A compilation of all the scripts by schools in a Book format is planned so as to get reference and collection of dramas in future.
• A Video Clip of every prize winners were arranged immediately on the concluding day and displayed at the time of prize distribution.
RESULTS:
BEST DRAMA:
1st : Eti Rangeen Sadhu Kathare, VKV Tezpur
2nd : Swapone Dithake, VKV Tinsukia
3rd : Kurukhetrat Khelimeli, VKV Bokuloni
BEST COSTUMES:
“ Biswakh” VKV Sivsagar
BEST SETTINGS:
“Manuhe Manuhor Babe” VKV Baragolai
BEST ACTOR:
1st: Swarnav Deb in “NANDA HABA” VKV Borojalenga
2nd: Debojit Kalita in “O phul o phul nufula kio” VKV Nalbari
3rd: Saoumadeep Dutta in “Samarohor Savapoti”VKV Dibrugarh
BEST ACTOR: ( Supporting Role)
1st: Akhit Nayan Gogoi “Ovotonir Srotere Mahabharatoloi” VKV Golaghat
2nd: Nabaranjan Haloi “ Kurukhetrat khelimeli” VKv Bokuloni
3rd: Vidyasagar Rai “ Nanda Haba” VKV Barajalenga
BEST ACTRESS:
1st: Dulitora Baruah “Kurukhetrat Khelimeli” VKV Bokuloni
2nd: Prasansa Dutta “ Swapone dithake” VKV Tinsukia
3rd: Sampriti Barthakur “Manuhe Manuhor Babe” VKV Baragolai
BEST ACTRESS:(Supporting Role)
1st : Angarika Batsah “Manuhe Manuhor Babe” VKV Baragolai
2nd : Ansumoni Gogoi “Dangar Manuh ” VKV Sadia
3rd : Nirmali Khaklari “Seujia Ghar” VKV Tingrai
JURI’s SPECIAL AWARD :
GROUP : “Gohali Gharar Doordarshan” VKV kajalgaon
ACTOR : Gunjan Ekachari Deori in “ Ethan Phuklacho” VKV Doyang
ACTRESS : Ritika Das in “Hingshuti” VKV Badarpur
RUNNING TROPHY: (introduced this year by Smt Jeetamoni Bordoloi Mohan of VKV Tinsukia in memory of her father : “Swargiya SISIR BORDOLOI Trophy”)
Awarded to : VKV Tezpur ( for Best Drama Team )
A Brief Report
To develop Swami Vivekananda’s philosophy of Education, strengthen the learning of life-skill and the inner qualities of students, Vivekananda Kendra Shiksha Prasar Vibhag (VKSPV) organizes different programmes for the students and teachers of Vivekananda Kendra Vidyalayas (VKVs) of Assam and Nagaland. This year 5th Srimanta Sankardev Natya Samaroh (SSNS), An One Act Play competition, was organized by VKSPV, Guwahati from 11 to 13 November 2016 at the venue Vivekananda Kendra Vidyalaya Nalbari.
Total Participant Team: 19 Vidyalayas
Total Participants : Boy : 88 Girls: 78
Teachers: Brothers: 43 Sisters: 22
Total : 231
Paticipating School: VKV Tingrai, Golaghat, Bokuloni, Dhemaji, Suklai, Ramnagar, Majuli, Umrangso, Sadia, Dibrugarh, Kajalgaon, Badarpur, Baragolai, Tezpur, Sivsagar and Borojalenga, Nalbari, Tinsukia and Doyang.
DAY 1: 10 November ( UDGHATAN SAMAROH )
5th SSNS’s Udghatan Samaroh (Inauguration Programme) held on 10 November in the Campus of VKV Nalbari with 800 audiences. Chief Guest for the programme was Hon. Sri Dipok kr Barthakur, Vice Chairman, State Planning Board, Govt. of Assam, Guest of Honour was Sri Anant Gyani(IAS, Deputy commissioner). Special Guest was Sri Upakul Bordoloi, Actor and Director (Assamese Film). Mananeeya Sri Pravin Dabholkar, Secretary VKSPV blessed the occasion and given a proper direction for the success of the Samaroh. Flag hoisting, Balloon release, Band display of the participants, Cultural staging by the students followed by the speeches of the distinguished guests.
DAY 2 to 4: 11-13 November 2016
Everyday 8 teams used to perform. The drama competition started at the venue Natya Mandir Nalbari exactly at 9:30 a.m. every day with the performances of eight(8) teams. The judges for the programs were: Sri Dwijen Nath, Sri Niranjan Bhuyan, , Sri Rajib Kro, and Smt Reeta Devi, all are popular playwright and actor/director of Assam.
SAMAPAN SAMAROH
Evening 3 pm onward the SAMAPAN SAMAROH was started in the VKV Nalbari Campus.
The Chief Guest was :
Hon. Sri Ranjeet Kumar Dass, Speaker, Legislative Assembly Assam.
The Guest of honour was :
Hon. Sri Sanjib Das, Regional Officer, CBSE, Guwahati and
Special Guest was Manaeeya Sri M. HanumantharaoJi, Treasurer, Vivekananda Kendra, Kanyakumari
The prizes were distributed by Sri Sanjib Das, Mananeeya Meera Didi, Prant Sangathak , VK Assam Prant and Sri R.N. PathakJi, Office In-charge VKSPV Guwahati.
After the programme the Flag of the Natya Samaroh was brought down and handed it over to VKV kajalgaon by Maneeya HanumantharaoJi, for conducting the 6th Srimanta Sankardev Natya Samaroh next!
Important Follow up Actions :
• DVDs containing performance of all the Dramas were done and distributed to the teams on the concluding day.
• A compilation of all the scripts by schools in a Book format is planned so as to get reference and collection of dramas in future.
• A Video Clip of every prize winners were arranged immediately on the concluding day and displayed at the time of prize distribution.
RESULTS:
BEST DRAMA:
1st : Eti Rangeen Sadhu Kathare, VKV Tezpur
2nd : Swapone Dithake, VKV Tinsukia
3rd : Kurukhetrat Khelimeli, VKV Bokuloni
BEST COSTUMES:
“ Biswakh” VKV Sivsagar
BEST SETTINGS:
“Manuhe Manuhor Babe” VKV Baragolai
BEST ACTOR:
1st: Swarnav Deb in “NANDA HABA” VKV Borojalenga
2nd: Debojit Kalita in “O phul o phul nufula kio” VKV Nalbari
3rd: Saoumadeep Dutta in “Samarohor Savapoti”VKV Dibrugarh
BEST ACTOR: ( Supporting Role)
1st: Akhit Nayan Gogoi “Ovotonir Srotere Mahabharatoloi” VKV Golaghat
2nd: Nabaranjan Haloi “ Kurukhetrat khelimeli” VKv Bokuloni
3rd: Vidyasagar Rai “ Nanda Haba” VKV Barajalenga
BEST ACTRESS:
1st: Dulitora Baruah “Kurukhetrat Khelimeli” VKV Bokuloni
2nd: Prasansa Dutta “ Swapone dithake” VKV Tinsukia
3rd: Sampriti Barthakur “Manuhe Manuhor Babe” VKV Baragolai
BEST ACTRESS:(Supporting Role)
1st : Angarika Batsah “Manuhe Manuhor Babe” VKV Baragolai
2nd : Ansumoni Gogoi “Dangar Manuh ” VKV Sadia
3rd : Nirmali Khaklari “Seujia Ghar” VKV Tingrai
JURI’s SPECIAL AWARD :
GROUP : “Gohali Gharar Doordarshan” VKV kajalgaon
ACTOR : Gunjan Ekachari Deori in “ Ethan Phuklacho” VKV Doyang
ACTRESS : Ritika Das in “Hingshuti” VKV Badarpur
RUNNING TROPHY: (introduced this year by Smt Jeetamoni Bordoloi Mohan of VKV Tinsukia in memory of her father : “Swargiya SISIR BORDOLOI Trophy”)
Awarded to : VKV Tezpur ( for Best Drama Team )
Anandalaya Acharya Shibir Assam
24-28 Prashikshan shibir for Acharyas started for new 70 Acharyas. Teaching technology,games, Creative learning, Patriotic songs is the content of this training.
Skill of organizing society for Nation building through Aanandalayas is the central theme. Jayant Chawra, Ravindranath Savdeykar, Dr Debashish Dey Adhikari, Smt MANJUSHA Lagoo are the resource persons.
2 New Sanskar Varga started at Lachit Nagar Dibrugarh
Skill of organizing society for Nation building through Aanandalayas is the central theme. Jayant Chawra, Ravindranath Savdeykar, Dr Debashish Dey Adhikari, Smt MANJUSHA Lagoo are the resource persons.
2 New Sanskar Varga started at Lachit Nagar Dibrugarh
Geeta Jayanti Bilaspur
हर्ष का विषय है की इस वर्ष भी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, शाखा - बिलासपुर द्वारा ‘गीता जयंती’ मनायी गयी l मंच पर श्री प्रभाकर लिडबिड़े जी (पूर्व व्यवस्था प्रमुख वि.के.) तथा मुख्या वक्ता डा. संतोष तिवारी जी (आचार्य संस्कृत एवं योग विशेषज्ञ) विराजमान रहे l उत्सव का प्रारम्भ वि.के. की परम्परा के अनुसार ओमकारा नाद तथा प्रार्थना से की गयी, आ. कुलदीप जी (नगर संगठक) गीत लिए तत्पश्चात उदबोधन हुआ l यह कार्यक्रम केंद्र कार्यालय में १०/१२/२०१६ को संध्या ०६:०० से ०७:३० तक मनाया गया, जिसमे नगर के अनेक महानुभाव, युवा तथा केंद्र कार्यकर्ता सभी परिवार के साथ उत्सव में 65 लोग उपस्थित रहे, मख्य वक्ता द्वार ‘गीता’ पर दिए गये व्यक्तव्य का लाभ लिए l
‘मैं ही भारत’’ विषय पर संवाद
विद्यार्थी जीवन की ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्यों में हो तथा यह सकारात्मकता भारत के निर्माण में लगे। भारत में जन्में स्वामी विवेकानन्द जो सिंह की भूख मिटाने के लिए भी आत्मत्याग को प्रवृत्त थे किंतु आज उसी देा के विद्यार्थी अपनी भारत माँ को याद करने के लिए वर्ष में दो बार छुट्टी की बाट जोहते हैं। विद्यार्थी के सामने आज यह प्रन है कि क्या वह स्वयं सक्षम बन सकता है तथा अपने भीतर सक्षमता के निर्माण के लिए उसे किन गुणों की आवयकता होगी। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र की प्रान्त संगठक एवं जीवन व्रती कार्यकर्ता सुश्री प्रांजलि येरिकर ने केन्द्रीय विद्यालय संख्या 1 में 8वीं से लेकर 11वीं के विद्यार्थियों के साथ विद्यालय में आयोजित ‘‘मैं ही भारत’’ विषय पर आयोजित संवाद के अंतर्गत मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
संवादात्मक सत्र में सुश्री प्रांजलि ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वामीजी की स्मरण ाक्ति फोटोग्राफिक थी। वे जिस भी पृष्ठ को एक बार पढ़ लेते थे उसे उम्रभर नहीं भूलते थे। विद्यार्थी भी ऐसी स्मरण ाक्ति पा सकता है किंतु उसे इसके लिए विधिवत प्रािक्षण एवं आचरण की आवयकता होती है। विद्यार्थियों के मध्य युवा की व्याख्या करते हुए बताया कि आज का युवा काले बाल वाला बूढ़ा हो गया है तथा गुलामी की मानसिकता के चलते अपने ही देा की बुराई को बड़े चाव से सुनता है तथा उसका प्रतिकार करने की ाक्ति भी नहीं जुटा पाता। स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरित होकर छात्र आर्दा आचरण कर सकता है।
इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान प्रान्त के प्रािक्षण प्रमुख डॉ. स्वतन्त्र ार्मा ने विद्यार्थियों को स्मरण ाक्ति बढ़ाने के लिए केन्द्र द्वारा आयोजित योग प्रतिमान ‘‘परीक्षा दें हँसते-हँसते’’ के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर प्राचार्य श्री वी पी ार्मा ने इस योग प्रतिमान को विद्यालय के विद्यार्थियों हेतु आयोजित करने की सहमति प्रदान की। संवाद सत्र का संयोजन अनिल ार्मा ने किया तथा संचालन योग प्रमुख अंकुर प्रजापति ने किया।
संवादात्मक सत्र में सुश्री प्रांजलि ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुड़े अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वामीजी की स्मरण ाक्ति फोटोग्राफिक थी। वे जिस भी पृष्ठ को एक बार पढ़ लेते थे उसे उम्रभर नहीं भूलते थे। विद्यार्थी भी ऐसी स्मरण ाक्ति पा सकता है किंतु उसे इसके लिए विधिवत प्रािक्षण एवं आचरण की आवयकता होती है। विद्यार्थियों के मध्य युवा की व्याख्या करते हुए बताया कि आज का युवा काले बाल वाला बूढ़ा हो गया है तथा गुलामी की मानसिकता के चलते अपने ही देा की बुराई को बड़े चाव से सुनता है तथा उसका प्रतिकार करने की ाक्ति भी नहीं जुटा पाता। स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरित होकर छात्र आर्दा आचरण कर सकता है।
इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान प्रान्त के प्रािक्षण प्रमुख डॉ. स्वतन्त्र ार्मा ने विद्यार्थियों को स्मरण ाक्ति बढ़ाने के लिए केन्द्र द्वारा आयोजित योग प्रतिमान ‘‘परीक्षा दें हँसते-हँसते’’ के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर प्राचार्य श्री वी पी ार्मा ने इस योग प्रतिमान को विद्यालय के विद्यार्थियों हेतु आयोजित करने की सहमति प्रदान की। संवाद सत्र का संयोजन अनिल ार्मा ने किया तथा संचालन योग प्रमुख अंकुर प्रजापति ने किया।
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