विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा विवेक सप्ताह के तहत मकर संक्रांति पर राजाकोठी स्कूल, गुलाबबाड़ी में विवेकानन्द जयन्ती समारोह मनाया गया
विद्यार्थी जीवन में हमारा दायित्व अच्छी तरह पढ़ाई करना है जिस से हम राष्ट्र के एक श्रेष्ठ विद्यार्थी सिद्ध हो सकें और एक अच्छे नागरिक बनकर भारत की भक्ति कर सकें। स्वामी विवेकानंद के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति चाहे अपने उत्कर्ष की पराकाष्ठा पर हो अथवा साधनों के अभाव में जी रहा हो उसे अपनी मातृभूमि के ऋण को कभी भूलना नहीं चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने भारत के दरिद्र नारायण की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और भारत माता के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। मकर संक्रांति के दिन स्वामी जी का जन्म हुआ था और इस दिन को भी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के रुप में मनाया जाता है। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने राजकीय सीनियर सैकंडरी विद्यालय राजा कोठी, गुलाब बाड़ी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर विवेक सप्ताह के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने विद्वार्थियों का आह्वान किया कि आज के दिन हम संकल्प लें कि हमारे जीवन का प्रत्येक कार्य केवल भारत के लिए हो, हमारी पढ़ाई-लिखाई यहां तक कि हमारा सोना, खाना, जागना भी भारत की श्रेष्ठता के लिए हो तभी भारत पुनः विश्वगुरू बन सकता है।
कार्यक्रम के अंत में विवेकानन्द के जीवन पर आधारित प्रश्न पूछे गए जिसमें दिव्या अलूदिया, दुर्गा शेरा, भावना छानवाल, प्रेरणा टांक, भूमिका, तनिशा, नीता राव, सपना, कोमल गुर्जर तथा दित्या धारवाल ने पुरूस्कार प्राप्त किए। इस कार्यक्रम में विवेकानन्द केंद्र की अजमेर शाखा के नगर प्रमुख रविंद्र जैन, सह नगर प्रमुख अखिल शर्मा, कार्यालय प्रमुख राजरानी कुशवाहा एवं रीना सोनी भी उपस्थित थे। इससे पूर्व विद्यालय की प्राचार्य कच्छावा ने विवेकानंद केंद्र के बारे में बताया एवं अतिथियों का स्वागत किया |
विद्यार्थी जीवन में हमारा दायित्व अच्छी तरह पढ़ाई करना है जिस से हम राष्ट्र के एक श्रेष्ठ विद्यार्थी सिद्ध हो सकें और एक अच्छे नागरिक बनकर भारत की भक्ति कर सकें। स्वामी विवेकानंद के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति चाहे अपने उत्कर्ष की पराकाष्ठा पर हो अथवा साधनों के अभाव में जी रहा हो उसे अपनी मातृभूमि के ऋण को कभी भूलना नहीं चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने भारत के दरिद्र नारायण की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और भारत माता के गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। मकर संक्रांति के दिन स्वामी जी का जन्म हुआ था और इस दिन को भी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के रुप में मनाया जाता है। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने राजकीय सीनियर सैकंडरी विद्यालय राजा कोठी, गुलाब बाड़ी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर विवेक सप्ताह के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने विद्वार्थियों का आह्वान किया कि आज के दिन हम संकल्प लें कि हमारे जीवन का प्रत्येक कार्य केवल भारत के लिए हो, हमारी पढ़ाई-लिखाई यहां तक कि हमारा सोना, खाना, जागना भी भारत की श्रेष्ठता के लिए हो तभी भारत पुनः विश्वगुरू बन सकता है।
कार्यक्रम के अंत में विवेकानन्द के जीवन पर आधारित प्रश्न पूछे गए जिसमें दिव्या अलूदिया, दुर्गा शेरा, भावना छानवाल, प्रेरणा टांक, भूमिका, तनिशा, नीता राव, सपना, कोमल गुर्जर तथा दित्या धारवाल ने पुरूस्कार प्राप्त किए। इस कार्यक्रम में विवेकानन्द केंद्र की अजमेर शाखा के नगर प्रमुख रविंद्र जैन, सह नगर प्रमुख अखिल शर्मा, कार्यालय प्रमुख राजरानी कुशवाहा एवं रीना सोनी भी उपस्थित थे। इससे पूर्व विद्यालय की प्राचार्य कच्छावा ने विवेकानंद केंद्र के बारे में बताया एवं अतिथियों का स्वागत किया |
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