१२ जनवरी २०१२, दिन बृहस्पतिवार, सुबह ११ बजे से संजय गांधी स्मारक महिला महाविद्यालय (शेखपुरा) के प्रांगण में स्वामी विवेकानन्द की १४९वीं जयन्ती समारोह को युवा दिवस के रूप में मनाया गया। इसकी अघ्यक्षता कालेज की प्राचार्या श्रीमती पार्वती कुमारी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में पटना के वरीय शल्य चिकित्सक डॅा. नरेन्द्र प्रसाद थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॅा. रामाकांत प्रसाद सिंह थे जो रामाधीन कॅालेज शेखपुरा में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। इसके निवेदक सत्येन्द्र कुमार शर्मा थे। इस समारोह में जिलाधिकारी वीरेन्द्र प्रसाद यादव, डॅा. के. पुरूषोत्तम, डॅा. प्रेमलता कुमारी, सार्ध शती समारोह समिति के प्रांतीय सह संयोजक श्री अजय यादव, डॅा. कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह, कायस्थ नेता श्री आदित्य नारायण अंबष्ट, प्रो. अजय कुमार, भौतिकी विभागाध्यक्ष श्री कंचन प्रसाद, रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार चैधरी तथा श्री राजन वर्मा भी उपस्थित थे। इस समारोह में मंच संचालन का काम नूरी कुमारी, जो रामाधीन कॅालेज (शेखपुरा) की जूलोजी ओानर्स की छात्रा है।
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। परंपरानुसार तीन बार ॐ के उच्चारण के बाद शांति पाठ किया गया। मंचासीन अतिथियों का स्वागत "श्रीफल एवं विवेकानन्द साहित्य" भेंट कर किया गया। तत्पश्चात विवेकानन्द केन्द्र की पटना शाखा के व्यवस्था प्रमुख श्री सत्येन्द्र कुमार शर्मा ने मंचासीन अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया । इसके बाद संजय गांधी महिला कॅालेज की गणित प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्ष की छात्रा मालती कुमारी ने केन्द्र परिचय प्रस्तुत किया। समारोह में शिविर गीत (मन मस्त फकिरि) प्रस्तुत किया गया, जिसे ललीता कुमारी, मालती कुमारी, बबीता, खुशबू तथा पूनम कुमारी ने लय के साथ गाया। पूनम कुमारी ने अपना शिविर अनुभव सुनाया तथा सुवेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह का समापन विश्वकल्याणकी प्रार्थना ‘‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित दुःखभाग भवेत्’’ के उच्चारण के साथ हुआ।
स्वामी विवेकानन्द जयंती समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि डॅा. नरेन्द्र प्रसाद ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय आध्यात्म की पूरी दुनिया कायल है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा पीढी को स्वामी विवेकानन्द के विचारों का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने आधी आबादी अर्थात महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने को प्रेरित किया। उनका कहना था कि नारी शक्ति से ही राष्ट्र का पुनरूत्थान संभव है। जहां नारी की पूजा होती है,जहां उसका सम्मान होता है, वह देश प्रगति करता है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का ५५ प्रतिशत युवा शक्ति है। अगर यह एक साथ आगे आयें तो देश में बदलाव की क्रांति आ सकती है। विशिष्ट अतिथि महोदय प्रो. रामाकांत प्र. सिंह ने कहा कि आज चरित्र का ह्रास हो रहा है जो अच्छे भविष्य का सूचक नहीं है, इसलिए मैं छात्र-छात्राओं एवं युवा पीढी से आह्वान करता हूं कि वे चरित्र निर्माण के सभी आयामों को अपनाऐं, जो महामानव स्वामी विवेकानन्द ने बताया है। उन्होंने कहा कि हमें खुद की उन्नति के साथ समाज और देश विकास के दायित्वों को निभाना होगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी महोदय ने छात्र-छात्राओं को बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक लक्ष्य होना चाहिए औार उसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर मनुष्य को अपने सत्कर्मो की ओर प्रवृत होना चाहिए। जीवन के रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है। इंसान को कुछ हासिल करने के बाद संरक्षण जरूरी है। अधिकार की प्राप्ति के साथ धैर्य खोने पर इंसान का पतन शुरू हो जाता है।
समारोह में आए कुछ डॅाक्टरों ने इस दिन छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। इसके बाद जिलाधिकारी महोदय ने भी रक्तदान के महत्व के बताया तथा यह कहा कि रक्तदान सभी दान से बडा है। इससे प्रेरित होकर कई छात्र-छात्राओं ने स्वेच्छा से सदर अस्पताल जाकर रक्तदान किया तथा बहुत संतुष्ट हुए।
संजय गांधी स्मारक महिला महाविद्यालय में पहली बार युवा दिवस को विवेकानन्द केन्द्र की परंपराओं के अनुसार मनाया गया। जगह-जगह लगाए गए विवेकानन्द के पोस्टर, ॐ तथा माता शारदा के पोस्टर पूरे कॅालेज की शोभा बढा रहे थे। वास्तव में सभी उपस्थित लोगों के लिए यह एक नया प्रेरणादायी अनुभव रहा।
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। परंपरानुसार तीन बार ॐ के उच्चारण के बाद शांति पाठ किया गया। मंचासीन अतिथियों का स्वागत "श्रीफल एवं विवेकानन्द साहित्य" भेंट कर किया गया। तत्पश्चात विवेकानन्द केन्द्र की पटना शाखा के व्यवस्था प्रमुख श्री सत्येन्द्र कुमार शर्मा ने मंचासीन अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया । इसके बाद संजय गांधी महिला कॅालेज की गणित प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्ष की छात्रा मालती कुमारी ने केन्द्र परिचय प्रस्तुत किया। समारोह में शिविर गीत (मन मस्त फकिरि) प्रस्तुत किया गया, जिसे ललीता कुमारी, मालती कुमारी, बबीता, खुशबू तथा पूनम कुमारी ने लय के साथ गाया। पूनम कुमारी ने अपना शिविर अनुभव सुनाया तथा सुवेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह का समापन विश्वकल्याणकी प्रार्थना ‘‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित दुःखभाग भवेत्’’ के उच्चारण के साथ हुआ।
स्वामी विवेकानन्द जयंती समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि डॅा. नरेन्द्र प्रसाद ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय आध्यात्म की पूरी दुनिया कायल है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा पीढी को स्वामी विवेकानन्द के विचारों का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने आधी आबादी अर्थात महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आने को प्रेरित किया। उनका कहना था कि नारी शक्ति से ही राष्ट्र का पुनरूत्थान संभव है। जहां नारी की पूजा होती है,जहां उसका सम्मान होता है, वह देश प्रगति करता है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का ५५ प्रतिशत युवा शक्ति है। अगर यह एक साथ आगे आयें तो देश में बदलाव की क्रांति आ सकती है। विशिष्ट अतिथि महोदय प्रो. रामाकांत प्र. सिंह ने कहा कि आज चरित्र का ह्रास हो रहा है जो अच्छे भविष्य का सूचक नहीं है, इसलिए मैं छात्र-छात्राओं एवं युवा पीढी से आह्वान करता हूं कि वे चरित्र निर्माण के सभी आयामों को अपनाऐं, जो महामानव स्वामी विवेकानन्द ने बताया है। उन्होंने कहा कि हमें खुद की उन्नति के साथ समाज और देश विकास के दायित्वों को निभाना होगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी महोदय ने छात्र-छात्राओं को बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक लक्ष्य होना चाहिए औार उसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर मनुष्य को अपने सत्कर्मो की ओर प्रवृत होना चाहिए। जीवन के रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है। इंसान को कुछ हासिल करने के बाद संरक्षण जरूरी है। अधिकार की प्राप्ति के साथ धैर्य खोने पर इंसान का पतन शुरू हो जाता है।
समारोह में आए कुछ डॅाक्टरों ने इस दिन छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। इसके बाद जिलाधिकारी महोदय ने भी रक्तदान के महत्व के बताया तथा यह कहा कि रक्तदान सभी दान से बडा है। इससे प्रेरित होकर कई छात्र-छात्राओं ने स्वेच्छा से सदर अस्पताल जाकर रक्तदान किया तथा बहुत संतुष्ट हुए।
संजय गांधी स्मारक महिला महाविद्यालय में पहली बार युवा दिवस को विवेकानन्द केन्द्र की परंपराओं के अनुसार मनाया गया। जगह-जगह लगाए गए विवेकानन्द के पोस्टर, ॐ तथा माता शारदा के पोस्टर पूरे कॅालेज की शोभा बढा रहे थे। वास्तव में सभी उपस्थित लोगों के लिए यह एक नया प्रेरणादायी अनुभव रहा।
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