Thursday, July 9, 2020

योग-विश्व को भारतीय उपहार

विवेकानंद केन्द्र मध्य प्रांत द्वारा आयोजित  पाक्षिक विमर्श -  योग-विश्व को भारतीय उपहार (समय: 21जून 2020 दिन रविवार एवं सूर्य ग्रहण सायं 4 से 5:30 )
मुख्य वक्ता - आ. श्री हनुमंत राव जी* ( योग मर्मज्ञ, प्रशासनिक सचिव एवं अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी)

भूमिका :-
आ. नारायण घोष जी, विभाग प्रमुख जबलपुर। आपने भगवान रामकृष्ण के प्रिय मंत्र को याद करते हुए कहा कि भारतीय दर्शन एवं योग विज्ञान को आज ही के दिन सम्पूर्ण विश्व ने इसे अंगीकृत भी किया। योग – जीव (व्यष्टि) का परमात्मा (समष्टि) से मिल जाना है और यही मानव जीवन का लक्ष्य भी है।

श्रद्धेय हनुमंत राव जी ने विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के सुरम्य वादियों से हमें आज के दिवस कि महत्ता बताई एवं सम्बोधन में कहा कि यह एक महान शास्त्र है। जो सम्पूर्ण विश्व को जीवन का विशाल मार्गदर्शन कर रहा है ताकि सृष्टि का संतुलन न बिगड़े। सृष्टि में लाखों जीव, अरबों प्राणी, वनस्पति आदि है जो एक ही परिवार है, आज कल हम इसे Cosmic House कहते हैं।
इसे ही हम वयं बंधु – अयं बंधु, अर्थात् विश्व भी एक घर है जिसमें हमारी पारिवारिक- समरसता, सामन्जस्यता को पहचान वास्तविक अनुभूति को अभिव्यक्त करना ही योग दर्शन रहा। सभी दृश्य-अदृश्य जीव जन्तु एक वैश्विक तन्तु से जुड़े है को पक्षियों के दृष्टांत के माध्यम से स्पष्ट किया।
 विवेकानन्द जी ने अपने प्रवास के अनुभव Shall lndia die? Then from the world all spirituality will be extinct, all moral perfection will be extinct से यह बताने का प्रयास किया गया कि भारतीय विचार धारा के नष्ट होने से विश्व में competition बढ़ेगा। इसलिए योग जीवन की समस्त बाधाओं का समाधान है, अतः हमारा व्यवहार ऐसा हो जिससे सब में आनन्द की लहर प्रवाहित हो। यही मानव जीवन का लक्ष्य भी है। हम भौतिक वस्तुओं के सुख सुविधा में आनन्द खोजते हैं, दरअसल यह आनन्द, अन्दर से आता है, जिसके जागरण का एक  मात्र उपाय योग है। बाहरी भोग विलास और फ़ास्ट  जीवन शैली ने हमारे मूल्यों का अवमूल्यन कर दिया है।
बाहरी चकाचौंध ने मन को अशांत कर दिया है योग ही मन को प्रशांत कर सकता है, को उदाहरणों से स्पष्ट किया। योग - मन के विचलन, चंचलता, दौड़ते मेघ या मनोवेग कि गति को एवं इंद्रियों के वेग को शांत करता है। प्रशांत करता है।
योग के अभ्यास से -शिक्षक, डाक्टर, पेन्टर, वैज्ञानिक आदि अपने-अपने क्षेत्रों में उत्तम एवं गुणवत्ता युक्त कार्य करते हैं और समाज उन पर विश्वास करता है।
चोर योग के अभ्यास से संस्कारित हो चोरी करना छोड़ देता है।
योग के विस्फोट से विश्व भारतीय दर्शन को अपनाने लगा है।
योग से हमारे प्रक्षिप्त गुण विकसित होने लगे हैं,इसे ही Personality development कहते हैं। आत्मविश्वास जागता है। इसी से Time management होता है।
योग से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक अशुद्धियों का प्रतिस्थापन (Replacement) होता है। फलस्वरूप मन की उर्जा एवं एकाग्रता बढ़ती है, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। उर्जा का संकलन एवं पोषण बढ़ेगा तो उसका management भी बढ़ेगा।
अंतिम चरण में उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन शास्त्र सभी काल में सजीव एवं प्रासंगिक (Relevant) रहेगा। सभी संघर्षों का समाधान करेगा, यही भारतीय संस्कृति का अद्भुत आध्यात्मिक विज्ञान और भविष्य के लिए रक्षा कवच भी है।
कोरोना रूपी महामारी ने मरण का/ भय का/ वातावरण बना दिया है सब का समाधान योग ही है, बताया।
योग इंद्रियों की भूख को शांत /कमजोर करता है। और आत्मबल को बढ़ाता है।
श्वास का वेग योग से नियंत्रित हो सहज ही प्राणायाम बन जाएगा। और हमारी पूरी Physiology System व्यवस्थित हो जायेगी।
योग से हार्मोन का स्त्रावन संतुलन ठीक होता है, शुचिता, पवित्रता, ओज शक्ति, immune system आदि ठीक हो कर आनन्दमय जीवन प्रारम्भ होता है।
ये सब विश्व को भारत का उपहार (Gift) है। भारतीय योग दर्शन इसका माध्यम बना अतः हमें इस पर गर्व है। भारत माता की जय |
आभार:
श्री श्रवण पाठक जी द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। शांति मंत्र से विमर्श पूर्ण हुआ। कार्यक्रम का सञ्चालन मोहन चक्र वैश्य जी ने किया। कार्यक्रम में सभी प्लेटफॉर्म पर उपस्थिति 1150 से अधिक रही।

बीना में आंतराष्ट्रिय योग दिवस

विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बीना में, इंडस्ट्रियल एरिया नौगांव बीना के संस्कार वर्ग संध्या 4:30 से 6 में भौतिक दूरी के सिद्धांत के पालन हेतु सभी को संदेश दिया मास्क लगाकर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी बच्चों ने योगाभ्यास किया और माननीय हनुमंतराव जी के विमर्श का श्रवण सभी ने किया। जिसमें 30 की उपस्थिति रही।

मध्य प्रांत में ऑनलाइन प्रांतीय कार्यकर्ता शिविर

विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी मध्य प्रांत के द्वारा आयोजित प्रांतीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर ऑनलाइन का आज समापन हुआ ।
शिविर में मध्य प्रांत के 123 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही जिसमें
इंदौर विभाग से 30,
भोपाल विभाग से 39,
ग्वालियर विभाग से 18,
जबलपुर विभाग से 8,
छत्तीसगढ़ विभाग से 21
एवं प्रांत के वरिष्ठ कार्यकर्ता 7 सम्मिलित हुए । इस प्रकार शिविर मैं शिविरार्थियो की  कुल संख्या 123 रही ।
प्रातः स्मरण ,योग वर्ग,  बौद्धिक सत्र के पश्चात शिविर की संकल्पना आदरणीय श्री सरोज अग्रवाल दीदी के द्वारा रखी गई । शिविर व्रत के पश्चात्  मध्य प्रांत संचालक माननीय श्री मनोहर देव जी के आशीर्वचन प्राप्त हुए जिसमें उन्होंने प्रकृति का संतुलन के विषय और हमारा योगदान के ऊपर अपने विचार रखे।  तत्पश्चात विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के राष्ट्रीय महासचिव माननीय श्री भानु दास जी  ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मैं ही भारत हूं इस विषय को आत्मसात करते हुए अपनी संस्कृति को पहचानना और
उसके अनुरूप कार्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक व्यक्ति का योगदान राष्ट्र के लिए आवश्यक है ऐसे विचारों का समावेश माननीय भानुदास जी ने अपने संबोधन में किया और ऐसे विचारों के कारण प्रांत के शिविरार्थि  लाभान्वित हुए।

Online Yoga Satra on Google Meet in Paschim Bang

In this COVID19 pandemic situation Vivekananda Kendra Kanyakumari, Paschim Bang Prant, Eknath Vibhag(Kolkata) organised Online Yoga Satra on Google Meet every morning from 6:30 to 7:30am to boost up the immunity, energy level and positivity among the masses.

It started on 10th June & concluded on 21st June 2020 i.e.. 6th International Day Of Yoga.

In the Yoga Sessions the participants were taught various Exercises, Surya Namaskar, Asanas & Pranayam and in the concluding session followed by the common Yoga protocol of IDY, as per Ministry of AAYUSH.

We took a Mission of performing minimum 5008 Surya Namaskar in the concluding session, in which the total 365 people participated from various regions of West Bengal. Overall 10,084 rounds of Surya Namaskar was performed in total.

Ma. Nivedita Didi's lecture on Yoga -A Way Of Life was also broadcasted in the programme.

Everyday the sessions were conducted by Arijit Das, Sanatan Mahakud, Subhankar Dey, Anunika Sharma, Purbali Sarkar, Dipankar Shil, Shyamsunder Jaiswal , Shubhangi Upadhyay & coordinated by Shri Subrata Mondal.

International Day of Yoga at Jammu

Before program started, we lighted the lamp and pushpanjali by all participants. Program started with 3 Omkar and shanti Mantra. For vigourous and enthusiastic environment, a geet was taken. After that, we had a short interactive discussion on Yoga: A way of life and benefits of Suryanamaskar among participants. Now we came to  physical mode and started streching exercises which was followed 51 Suryanamaskar Mahayagya. After some lite refreshments, we conclude the program on a positive note with Sarve Bhavantu. Total 47 people participated in the program.

ऑनलाइन प्राणायाम सत्र मध्यप्रांत

केन्द्र की प्रांत चमु द्वारा कोरोना महामारी (कोविड-19) अवधि में 9 एवं 23 मई 2020 को बैठकें आयोजित कर निर्णय लिया गया कि इस अवधि में संपूर्ण भारत में लॉकडाउन के कारण सभी व्यक्ति अपने परिवार सहित अपने घरों में ही रहकर  सामान्य दिनचर्या का निर्वहन करे, फलस्वरूप उनमें  रोगनिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा दिनचर्या व्यवस्थित कर सेवा, त्याग और समर्पण के विचार राष्ट्रोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से  केन्द्र द्वारा नियोजित ऑनलाइन कार्यक्रमों यथा पाक्षिक विमर्श, प्रांत कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर, उठो जागो युवा प्रतियोगिता, परिवारों में अभिव्यक्ति कार्यक्रम के साथ ही ऑनलाइन प्राणायाम सत्र नियोजित कर आयोजन किया जाए। 

(1 जून से 14 जून 2020)

प्राणायाम सत्र के आयोजन हेतु पॉच कार्यकर्ताओं की एक संचालन चमु गठित की गई जिसके द्वारा नियमित रूप से प्रतिदिन के अभ्यास का नियोजन, संचालन तथा अनुवर्तन किया। प्रतिदिन के अभ्यास का प्रदर्शन चमु से प्रथक कार्यकर्ता से
 कराया गया। प्राणायाम सत्र के प्रचार प्रसार हेतु प्रांत स्तरीय कोर टीम जिसमें प्रांत चमु, सभी विभाग प्रमुख/ संगठक व संपर्क प्रमुख को सम्मिलित किया। प्रतिभागियों को दूरभाष, सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत संपर्क कर ऑनलाइन मिस्ड कॉल से
पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई। इस सुविधा के माध्यम से सत्र हेतु देश विदेश से कुल 192 प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन कराया। इनमें से एक समय में अधिकतम 90 प्रतिभागियों ने प्राणायाम सत्र में उपस्थित रहकर नियमित अभ्यास किया। सत्र की अवधि में ही प्रतिभागियों को व्यक्तिगत जानकारी प्रेषित करने हेतु एक पंजीयन प्रपत्र भरकर प्रेषित करने का अनुरोध किया गया, फलस्वरूप 84 प्रतिभागियों ने यह प्रपत्र भरकर प्रेषित किया जिसे विभागसः अनुवर्तन हेतु प्रेषित किया गया। प्रतिभागियों को भविष्य के कार्यक्रमो की जानकारी भी इसी आधार पर देने की सूचना अंतिम सत्र के दिन दी गई।

प्राणायाम सत्र में भूमिका, मंत्र, महत्व/उपयोगिता के साथ ही शिथिलीकरण व्यायाम, क्रियाओं में कपालभांत, भस्रिका के बाद प्राणायाम में खण्डीय श्वसन, अनुलोम विलोम, सूर्यभेदन, चन्द्रभेदन, नाड़ीशुद्धि, शीतली, शीतकारी, सदंत तथा भ्रामरी का अभ्यास अनिवार्य सूचनाओं के साथ कराया गया । उसके पश्चात् प्रतिदिन सैद्धांतिक पक्ष में अष्टांग योग, केन्द्र परिचय के माध्यम से अखण्ड मण्डल, जीवन ध्येय, प्राणायाम: जीवन शक्ति आदि की संकल्पना रखने के साथ ऊॅंकार उच्चारण, शंकासमाधान, आगामी सूचनाओं के बाद शांति मंत्र के साथ सत्र का समापन किया जाता।

सैद्धांतिक पक्ष में प्रथम दिवस प्राणायाम का महत्व एवं संकल्पना - वक्ता श्रीमती सरोज अग्रवाल दीदी प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख, द्वितीय दिवस योग, युज्यते अनेन इति योगः, आनंद मीमांसा तथा योगश्चित्तवृत्ति निरोधः-श्री भंवरसिंह राजपूत प्रांत प्रमुख, तृतीय दिवस मनः प्रशमनोमायः योग इत्याभिधीयते, योगः कर्मसु कौशलम्-श्री अतुल गभने विभाग संगठक इन्दौर, चतुर्थ दिवस यम -श्री अतुल सेठ प्रांत संपर्क प्रमुख, पंचम दिवस नियम-श्री मनोज गुप्ता भोपाल विभाग संपर्क प्रमुख, षष्ठम दिवस आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार-श्री गोविन्द खाण्डेकर प्रांत कार्यालय प्रमुख, सप्तम् दिवस धारणा, ध्यान, समाधि-श्री विभाष उपाध्याय विभाग संचालक इन्दौर, अष्टम दिवस अखण्ड मण्डल,केन्द्र परिचय-श्री धर्मेन्द्र विपट इन्दौर विभाग संपर्क प्रमुख, नवम् दिवस जीवन ध्येय-सुश्री रचना दीदी प्रांत संगठक तथा दशम् एवं अंतिम दिवस प्राणायाम:जीवन-शक्ति की संकल्पना समापन सत्र के रूप में माननीय श्री हनुमंतराव जी अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी द्वारा रखते हुए सभी का मार्गदर्शन किया।

माननीय श्री हनुजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राणायाम एक अद्भुत शक्ति है जो जीवन में प्राण शक्ति को ऊर्जा प्रदान करने की प्रक्रिया है। महर्षि पतंजलि ने प्राणायाम को अष्टांग योग में उद्धृत किया है। उन्होंने बताया कि सामान्यतः एक भ्रम है कि यम, नियम के बाद ही प्राणायाम आता है परन्तु सूक्ष्मता से शास्त्रों में देखते हैं तो प्राणायाम प्रत्येक जीव में एक आत्मतत्व है, ऊर्जा है और इस एकत्व की शक्ति के संचलन को ही मूल रूप से प्राण कहा गया है। प्राण मात्र एक वायु नहीं है  अपितु यह प्रत्येक कण में विद्य़मान है, अभिप्राय यह है कि प्रत्येक व्यक्ति एकदूसरे से सम्बद्ध है, जुड़ा हुआ है और शरीर में होने वाले स्पंदनों का मूल कारण भी प्राण ही है। यह केवल श्वांस लेने छोड़ने का व्यायाम ही नहीं है अपितु प्रत्येक शरीर में संचालित क्रियाऐं चाहे वे दृश्य हों या अदृश्य, सभी प्राण की शक्ति से संचालित होती हैं। श्री हनुजी ने आगे कहा कि यह शक्ति निरंतर प्रवाहित होती रहती है, यदि अनुभव करें तो हम स्वयं को इस चराचर विश्व से जुड़ा हुआ पाते हैं। हम अनुलोम विलोम, नाड़ी शुद्धि प्राणायाम करते हैं यह केवल नाड़ी नहीं है अपितु यह प्रत्येक प्राणी में प्राण स्वरूप है। यह शक्ति भौतिक, रसायनिक प्रत्येक अवस्था में अपरिवर्तित रहती है। हम जो भी भोजन ग्रहण करते हैं वह स्थूल शक्ति के रूप में होता है
परन्तु वह अन्दर जाकर वह प्राण शक्ति के रूप में रूपांतरित हो जाता है। यही प्राण शक्ति प्राणायाम के द्वारा हमारी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती है। विवेकानंद केन्द्र में पूरक रेचक का अभ्यास कराया जाता है कुम्भक का नहीं क्योंकि साधक को प्रशिक्षक की उपस्थिति के बिना इसका नियमित अभ्यास नहीं करना चाहिए। प्राणायाम के नियमित अभ्यास के द्वारा प्राणशक्ति के साथ हम शरीर, मन के द्वारा श्रष्टि से जुड़ते हैं और इसी के साथ जब हम मानसिक जप करते हैं तो हम जीरो  डिस्टेंसिंग की ओर बढ़ते हैं। 

श्री हनुजी के मार्गदर्शन पश्चात् प्रांत के सह-संचालक श्री रामभुवनसिंह कुशवाह जी द्वारा सभी अभ्यागतों, प्रतिभागियों एवं उनके परिवारजनों तथा केन्द्र कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके उपरांत शांति मंत्र के साथ सत्र का समापन हुआ। समापन सत्र में केन्द्र के पूर्व आव्हान पर सभी 90 प्रतिभागी अपने परिवार सहित सम्मिलित हुए। प्रतिभागियों के परिवारजनों के अतिरिक्त प्रत्यक्ष उपस्थिति 137 रही। प्राणायाम सत्र में अमेरिका से प्रवासी भारतीय भी सहभागी हुए। अनुभव कथन में श्री कैलीश त्यागी बिलासपुर, श्रीमती सीमा मित्तल अमेरिका, श्री संजय मनकड़, श्री उल्हास वारे जी आदि प्रतिभागियों द्वारा कोरोनाकाल में प्राणायाम से उनकी दिनचर्या व्यवस्थित होना बताया। समापन सत्र में माननीय श्री किशोर जी टोकेकर संयुक्त महासचिव, श्री रूपेश माथुर जी प्रांत संगठक अरूणाचल, श्री रवि नायडू जी प्रांत संगठक उड़ीसा, प्राचार्य विवेकानंद केन्द्र विद्यालय बदरपुर एवं श्री हार्दिक मेहता जी आईटी संगठक विशेष रूप से उपस्थित रहे।

प्राणायाम सत्र की अवधि में केन्द्र की ओर से प्रतिभागियों का परिपोषक, अरूणाचल बन्धु परिवार तथा केन्द्र भारती, युवा भारती पत्रिका की सदस्यता ग्रहण करने हेतु आव्हान किया गया। फलस्वरूप कुल 18 प्रतिभागियों द्वारा सदस्यता ग्रहण की गई।

International Day of Yoga celebrated at Guwahati

International yoga day celebrated at Basistha karyasthan, Kamrup Vibhag (Guwahati, Assam prant. Total participants 28

बिहार-झारखंड में 6131 सूर्यनमस्कार

1 जून से 21 जून तक नित्य सूर्यनमस्कार संकल्प के साथ आज के दिन बिहार-झारखंड प्रान्त कार्यकर्ताओं का संकल्प 5100 सूर्यनमस्कार पूर्ण करने का था  लेकिन आज  98 कार्यकर्ताओं द्वारा 613 सूर्यनमस्कार पूर्ण किये।

भागलपुर नगर-31 कार्यकर्ता-3469 सूर्यनमस्कार.
पटना नगर-19 कार्यकर्ता-1212सूर्यनामस्कार.
गया नगर:-37 कार्यकर्ता-949 सूर्यनमस्कार.
राँची नगर:-11 कार्यकर्ता-501 सूर्यनमस्कार.

राजस्थान प्रांत की वेबसाइट का लोकार्पण

विवेकानंद केंद्र का कार्य मनुष्य निर्माण से राष्ट्र प्रमुख स्थान है और इस कार्य को राजस्थान में गति देने का कार्य विवेकानंद केंद्र की नवीन
वेबसाइट बनेगी । अत्यल्प समय  में निर्मित इस महामारी के युग में लोक संपर्क का एक महत्वपूर्ण साधन बनने जा रही विवेकानंद केंद्र राजस्थान की वेबसाइट सही मायनों में तभी सार्थक हो सकेगी जब यह कार्यकर्ता निर्माण का वाहक बने।  स्वामी विवेकानंद का स्वप्न राजस्थान पूरा कर सकता है क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का परिव्राजक सन्यासी के रूप में भ्रमण किया और यह एक अद्भुत सौभाग्य का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर इस वेबसाइट का लोकार्पण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष माननीय ए बालाकृष्णन ने विवेकानंद केंद्र राजस्थान की वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किए।  इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन जयपुर के परम पूज्य स्वामी श्री देव प्रभानंद जी ने भी अपना आशीर्वाद प्रदान किया। आईटी टीम के संयोजक दिवस गौड़ ने बताया कि राजस्थान प्रांत की वेबसाइट का वेब एड्रेस rajasthan.vkendra.org है ।

वेबसाइट के मोबाइल फॉर्मेट का लोकार्पण विवेकानंद केंद्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री सुश्री निवेदिता भिड़े तथा अखिल भारतीय महासचिव माननीय डी भानुदास ने किया। वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर अनेक राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित थे जिनमें सुश्री रेखा दवे सुजाता नायक तथा राजस्थान के अधिकारियों में प्रांत संगटक    सुश्री प्रांजलि येरीकर,  प्रांत प्रमुख श्री  भगवान सिंह, सह प्रांत प्रमुख श्री अविनाश शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर वेबसाइट के विषय में संक्षिप्त प्रेजेंटेशन वेबसाइट निर्माता कपिल खंडेलवाल ने किया तथा समग्र कार्यक्रम का संचालन विवेकानंद आईटी टीम के संयोजक दिवस गौड़ ने किया।

भागलपुर में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र भागलपुर द्वारा 3 स्थानों पर प्रत्यक्ष रूप कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसमें भौतिक दुरी का ध्यान रखते हुए आसन व प्रणायाम का अभ्यास किया गया।

1.भागलपुर-55-60 उपस्थिति ।
2. तिलकपुर-45-50 उपस्थिति ।
गौरीपुर-2 कार्यक्रम-50-55 उपस्थिति ।
कुल तीन कार्यक्रम में 150-155 की उपस्थिति रही ।

Teacher - Parents meeting VKV Kallubalu

On 10th & 11th of June Parents' Meetings were conducted at VKV Kallubalu to survey on school reopening for 2020-21 followed by Vidyalaya Managing Committee Meeting on 10.06.2020 wherein the members interacted with parents. The opinion is forwarded to the education department. The winners of World Environment Day - online competitions received the prizes. Parents were briefed about the life style to develop immunity power  like yogabhyas, organic food habits, organic sanitizer, etc. these meetings were attended by a total of 100 people. It was expressive and educative experience for all.

7 days Yoga session at Jammu

Vivekananda Kendra, Kanyakumari, Jammu started 7 day Yoga session in a Roop Nagar park with proper care of physical distancing.
Aim to start the satra make people physically, mentally and emotionally fit. Loosening exercise, Suryanamaskar, Assana and Pranayama are taught in the 7 days session.
Conclude on 21st June (International Yoga Day) with 51 Suryanamaskara Yagya.

Mask Distribution Drive by Jammu

2700 Mask distributed from 14th may to 14th June 2020. Also initiated a Cloth Collection Drive of warm cloths  in Collaboration with a NGO by tha name of Goonj for the Labourers stranded in Kargil, Ladakh.  Which includes 10 Blankets , 20 Jackets, 35 Sweaters, 25 warm trousers, 25 Shirts, 12 Caps, 4 shawls and 12 pair of  woolen socks.
In Delhi Vibhag also distributed 1600 Food Packets  to shramiks at Old Delhi Railway station in two shramik special trains.

Talk on Dharana and Dhyana at VK Mysore

Vivekananda Kendra Mysore organized talk on Dharana and Dhyana on 7th June 2020.  Resource person was Sri. Krishna Kumar ji. With the care of physical distance attendance 32 person.

भागलपूर में योग सत्र

भौतिक दूरी का विशेष ध्यान रखते हुए 10 दिवसीय भागलपूर में योग सत्र आज सम्पन्न हुआ। योग सत्र की कुल उपस्थिति 11 की रही। समापन सत्र में आ.राजभूषण प्रसाद जी(नगर प्रमुख) ने केन्द्र का परिचय एवं योग की महत्ता पर प्रकाश डाला और साथ ही साथ केन्द्र से जुड़कर इस राष्ट्र कार्य में अपना योगदान देने के लिए आव्हान किया गया..।

Inauguration of Tailoring training for Bhagini Nivedita at VK Mysore

Tailoring training was inaugurated  for Bhagini Nivedita Self help group members at Vivekananda Kendra Mysore.
Dr. A S Chandrashekarji, Nagar Sanchalak Vivekananda Kendra Mysore presided the program.

VKV Kallubalu organized plantation drive

On the occasion of World Environment Day on 05.06.2020, VKV KALLUBALU organised Plantation drive in and around the campus and Deepa Pooja through Google Meet.