विवेकानंद केंद्र के संस्थापक माननीय श्री एकनाथजी रानाडे की 107 वी जयंती 'साधना दिवस' 19 नवंबर 2021 को गीता भवन, जोधपुर में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में जोधपुर के 14 सेवाभावी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता श्री अरविंद भट्ट ने कहा कि एकनाथजी सभी समविचारी संगठनों को साथ लेकर, मिलकर काम करने में विश्वास करते थे। और यही समय की आवश्यकता है।
विवेकानंद केंद्र राजस्थान प्रांत संगठक सुश्री पांजलि दीदी ने कहा,-"एकनाथजी सेवा को ही साधना मानते थे। उनका संपूर्ण जीवन 'कठिनाइयों को अवसर में बदलने' और 'सभी समविचारी व्यक्तियों और बिखरी आध्यात्मिक शक्तियों को देश हित में एकत्र लाने में लगा।'
कार्यक्रम में तीन बातों पर सहमति बनी - सभी सहभागी संगठनों के प्रतिनिधि एक दूसरे के कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे, प्रत्येक वर्ष कम से कम एक कार्यक्रम सब साथ मिलकर आयोजित करेंगे और ऐसी बैठक नियमित रूप से सभी संगठनों के कार्यालयों में आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम में गायत्री परिवार से प्रमोद बारचे, घनश्याम आचार्य, सोहन लाल पटेल, आर्ट ऑफ लिविंग से गजेंद्र गहलोत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चोखा नगर से टीकमचंद, विद्या भारती से चेतन प्रकाश सेन, भारत विकास परिषद से रामकिशन भूतड़ा, स्वदेशी जागरण मंच से अनिल कुमार वर्मा, अधिवक्ता परिषद से अविन छंगानी, सेवा भारती समिति से अशोक कुमार अग्रवाल, अंतरराष्ट्रीय योग समिति से गजेंद्र सिंह, इंद्र प्रकाश दाहिया, विवेकानंद केंद्र से चंद्र प्रकाश अरोड़ा, प्रेम रतन सोतवाल, दीपक खैरे, सन टु ह्मुमेन से राकेश गर्ग, एनिमल होम से सुधीर शारडा, भारतीय शिक्षण मंडल से दिव्यांश बाजपेई उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित व्यास ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में महेश बोहरा, श्याम मालवीय, विश्वा शर्मा, हैपन कुमार, गौरव शर्मा और अनमोल शर्मा का सहयोग प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता श्री अरविंद भट्ट ने कहा कि एकनाथजी सभी समविचारी संगठनों को साथ लेकर, मिलकर काम करने में विश्वास करते थे। और यही समय की आवश्यकता है।
विवेकानंद केंद्र राजस्थान प्रांत संगठक सुश्री पांजलि दीदी ने कहा,-"एकनाथजी सेवा को ही साधना मानते थे। उनका संपूर्ण जीवन 'कठिनाइयों को अवसर में बदलने' और 'सभी समविचारी व्यक्तियों और बिखरी आध्यात्मिक शक्तियों को देश हित में एकत्र लाने में लगा।'
कार्यक्रम में तीन बातों पर सहमति बनी - सभी सहभागी संगठनों के प्रतिनिधि एक दूसरे के कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे, प्रत्येक वर्ष कम से कम एक कार्यक्रम सब साथ मिलकर आयोजित करेंगे और ऐसी बैठक नियमित रूप से सभी संगठनों के कार्यालयों में आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम में गायत्री परिवार से प्रमोद बारचे, घनश्याम आचार्य, सोहन लाल पटेल, आर्ट ऑफ लिविंग से गजेंद्र गहलोत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चोखा नगर से टीकमचंद, विद्या भारती से चेतन प्रकाश सेन, भारत विकास परिषद से रामकिशन भूतड़ा, स्वदेशी जागरण मंच से अनिल कुमार वर्मा, अधिवक्ता परिषद से अविन छंगानी, सेवा भारती समिति से अशोक कुमार अग्रवाल, अंतरराष्ट्रीय योग समिति से गजेंद्र सिंह, इंद्र प्रकाश दाहिया, विवेकानंद केंद्र से चंद्र प्रकाश अरोड़ा, प्रेम रतन सोतवाल, दीपक खैरे, सन टु ह्मुमेन से राकेश गर्ग, एनिमल होम से सुधीर शारडा, भारतीय शिक्षण मंडल से दिव्यांश बाजपेई उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित व्यास ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में महेश बोहरा, श्याम मालवीय, विश्वा शर्मा, हैपन कुमार, गौरव शर्मा और अनमोल शर्मा का सहयोग प्राप्त हुआ।
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