Wednesday, April 13, 2022

'समर्थ युवा-समर्थ भारत '- युवा विमर्श - भोपाल नगर


 समर्थ युवा-समर्थ भारत -युवा विमर्श कार्यक्रम ,विवेकानंद केंद्र  कन्याकुमारी , शाखा-भोपाल

18 अक्टूबर 2021, सोमवार शाम 6:30-7:30 बजे विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा भोपाल  द्वारा युवा विमर्श कार्यक्रम का आयोजन गूगल मीट माध्यम द्वारा आयोजित किया गया।

     भोपाल विभाग  के सह विभाग प्रमुख तथा विवेकानंद स्कूल ...के संचालक श्री संजय पवार जी ने  प्रभावशील मार्गदर्शन किया,जिसमें उपस्थित करीब 150 नगर के युवा लाभान्वित हुए ।

कार्यक्रम का शुभारंभ 3ऊँकार प्रार्थना व एक्य मंत्र से हुआ ,पश्चात् गीत बहिन स्तुति पाठक तथा विवेकवाणी भाई राजकुमार ने ली । संचालन डॉ जितेन्द्र गुप्ता जी द्वारा किया गया ।

केन्द्र परिचय श्री मनोज पाठक जी  व मुख्य वक्ता परिचय श्री जितेन्द्र गुप्ता जी द्वारा दिया गया ।

संजय जी ने कहा कि सफलता की भागदौड़ में हम सब सफल होना चाहते हैं किंतु जीवन के 2 पहलू होते हैं-1-सफलता, 2-सार्थकता ।युवाओं के साथ विमर्श करते हुए संजय जी ने दोनों पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि जीवन में सफल होना मतलब सार्थकता नहीं है अपितु सार्थकता सफलता का पर्याय है ।

संजयजी ने स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंदो तथा एपीजे कलाम साहब की समर्थ भारत तथा विश्व पटल पर भारत को विश्व गुरू के रूप मे देखने के सपने को सार्थक करने में आज के युवाओं के योगदान की बात कही। उन्होने कहा कि हमारे मनीषियों द्वारा देखे गये सपनो में हमारा अपना योगदान क्या है ? व्यक्तिगत उन्नति के साथ साथ हम क्या अपने भारत के लिये कुछ कर रहे हैं या सिर्फ स्वकेंद्रित होकर रह गये हैं, इसका युवाओं को चिंतन/मनन और आत्मावलोकन करना चाहिये ।

संजय जी ने युवाओं से राष्ट्र के विकास में जो बाधक है उसे छोड़ने तथा राष्ट्र हित के लिये कार्य करने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि, नुकसान के बिंदु जैसे समय की बर्बादी करने वाले कार्यों पर नियंत्रण करना सीखकर व्यवस्थित उद्देश्य पूर्ण कार्यों मे मन लगाना होगा

अपनी अनियंत्रित दिनचर्या,खानपान को नियंत्रित करते हुए, योगादि के माध्यम से शरीर को मजबूत बनाना होगा। हमारे युवाओं को यह चिंतन करना होगा कि, हम एक बडे़ लक्ष्य के साथ चलते हुए स्वामी जी द्वारा मार्गदर्शित समर्थ भारत को समर्थ कैसे बनाएँ ।

वीर सावरकर जी का उदाहरण देते हुए युवा प्रमुख ने  विषम परिस्थितियों मे मनोबल बनाए रखने की बात कही व बताया कि, कैसे सावरकर जी कोल्हू का बैल चलाते हुए हताश होकर जीवन त्याग देने का विचार करने लग गये थे व गिर पडे़ थे, किंतु जैसे ही उन्हें विचार आया कि हमारी भारत माता तो बेडि़यों में जकड़ी हुई हैं और उन्हे मुक्त करना है, तत्क्षण वह पूरे मनोबल के साथ पुनः उठ खडे़ हुये। एपीजे कलाम साहब व आज के युवा खिलाडी़ (ओलंपिक) नीरज चोपडा़ का उदाहरण भी दिया ,जिन्होने राष्ट्र हित के सम्मान के लिये अपना सारी ऊर्जा उसे प्राप्त करने में लगा दी।

कार्यक्रम के समापन में आभार प्रदर्शन तथा युवाओं से लक्ष्य प्रेरित कार्य हेतु विवेकानंद केंद्र से जुड़ने का आह्वान विवेकानंद केंद्र मध्य प्रांत की शाखा भोपाल के नगर प्रमुख श्री सौरभ शुक्ला जी ने किया तथा  दिनाँक 24.10.2021को 45 बंगले टी टी नगर ,भोपाल मे युवाओं के लिये आयोजित आगामी "एक दिवसीय कार्यशाला" हेतु पंजीयन की सूचना दी ।

विमर्श का समापन शांति मंत्र के साथ संपन्न हुआ ।

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