मानव का गहना है संवेदनशीलता – महामहिम राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा
उपरोक्त पंक्तिया महामहिम राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा विवेकानंदा केंद्र द्वारा आयोजित विश्व बंधुत्व दिवस के कार्यक्रममै बोल रही थी | कार्यक्रम का आयोजन ए एन सिन्हा सामाजिक अध्ययन केंद्र मै था | उन्होंने बताया की जिस प्रकार मनुष्य अपने शारीर को विशेष प्रकार के आभूषण से सुशोभित करते है उसी प्रकार मानव ह्रदय का आभूषण है संवेदनशीलता | आज हम विद्यालयों एवं महाविद्यालयों मै मानव का निर्माण न कर एक विशेष प्रकार के पैकेज का निर्माण कर रहे है जबकि आज समाज को संवेदनशील मानव निर्माण की आवश्यकता है | पढ़ाई आवश्यक है परन्तु शिक्षा अधिक आवश्यक है | वर्त्तमान समय में विज्ञानने बहोत प्रगति की है परन्तु साथ ही साथ हमारे चरित्र में बहुत निराशाजनक परिवर्तन आया है | समाज में बेटियों का विशेष स्थान है आवश्यकता है समाज में उनके लिए विशेष प्रावधान की | आज के समाज में विवेकानंद जैसे व्यक्ति की आवश्यकता है | विशीष्ट अतिथि न्यायमुर्ती शिवाजी पाण्डेय ने कहाकि स्वामी विवेकानंदा ने विश्व को वेदांत और भारतीय संस्कृति का परिचय कराया | यदि भारतीय युवा स्वामी विवेकानंदा की तरह खड़ा हो तो भारत फिर से विश्व गुरु बन सकता है | जिस तरह सभी नदिया समुद्र मै मिलती है उसी तरह युवा शिक्षा ग्रहण करके इस भारत को विकसित कर सकते है | अध्यक्षीय उद्बोधन मै नगर संरक्षक रविनंदन सहाय ने कहाकि स्वामीजी ने समजा था की समाज को आध्यात्मिकता के मिलाप की आवश्यकता है |
कार्यक्रम का सञ्चालन नगर प्रमुख ज्ञानेश्वर शर्मा ने किया | कार्यक्रम का प्रारम्भ तिन ओमकार और प्रार्थना से हुवा जिसको केंद्र के कार्यकर्ता स्नेहा सागर ने लिया | गीत केंद्र के कार्यकर्ता माधव ने लिया | सह नगर संचालक अधिवक्ता श्रीमती शिखा सिंह ने मंच आसीन अतिथियो का परिचय दिया | सह नगर प्रमुख पंकज ने विवेकानंदा केंद्र का परिचय दिया | धन्यवाद ज्ञापन नगर व्यवस्था प्रमुख नरेश प्रसाद ने दिया | कार्यक्रम में महामहिम का स्वागत डॉ. अजय कुमार जो केंद्र की पटना शाखा के संरक्षक है उन्होंने किया |
उपरोक्त पंक्तिया महामहिम राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा विवेकानंदा केंद्र द्वारा आयोजित विश्व बंधुत्व दिवस के कार्यक्रममै बोल रही थी | कार्यक्रम का आयोजन ए एन सिन्हा सामाजिक अध्ययन केंद्र मै था | उन्होंने बताया की जिस प्रकार मनुष्य अपने शारीर को विशेष प्रकार के आभूषण से सुशोभित करते है उसी प्रकार मानव ह्रदय का आभूषण है संवेदनशीलता | आज हम विद्यालयों एवं महाविद्यालयों मै मानव का निर्माण न कर एक विशेष प्रकार के पैकेज का निर्माण कर रहे है जबकि आज समाज को संवेदनशील मानव निर्माण की आवश्यकता है | पढ़ाई आवश्यक है परन्तु शिक्षा अधिक आवश्यक है | वर्त्तमान समय में विज्ञानने बहोत प्रगति की है परन्तु साथ ही साथ हमारे चरित्र में बहुत निराशाजनक परिवर्तन आया है | समाज में बेटियों का विशेष स्थान है आवश्यकता है समाज में उनके लिए विशेष प्रावधान की | आज के समाज में विवेकानंद जैसे व्यक्ति की आवश्यकता है | विशीष्ट अतिथि न्यायमुर्ती शिवाजी पाण्डेय ने कहाकि स्वामी विवेकानंदा ने विश्व को वेदांत और भारतीय संस्कृति का परिचय कराया | यदि भारतीय युवा स्वामी विवेकानंदा की तरह खड़ा हो तो भारत फिर से विश्व गुरु बन सकता है | जिस तरह सभी नदिया समुद्र मै मिलती है उसी तरह युवा शिक्षा ग्रहण करके इस भारत को विकसित कर सकते है | अध्यक्षीय उद्बोधन मै नगर संरक्षक रविनंदन सहाय ने कहाकि स्वामीजी ने समजा था की समाज को आध्यात्मिकता के मिलाप की आवश्यकता है |
कार्यक्रम का सञ्चालन नगर प्रमुख ज्ञानेश्वर शर्मा ने किया | कार्यक्रम का प्रारम्भ तिन ओमकार और प्रार्थना से हुवा जिसको केंद्र के कार्यकर्ता स्नेहा सागर ने लिया | गीत केंद्र के कार्यकर्ता माधव ने लिया | सह नगर संचालक अधिवक्ता श्रीमती शिखा सिंह ने मंच आसीन अतिथियो का परिचय दिया | सह नगर प्रमुख पंकज ने विवेकानंदा केंद्र का परिचय दिया | धन्यवाद ज्ञापन नगर व्यवस्था प्रमुख नरेश प्रसाद ने दिया | कार्यक्रम में महामहिम का स्वागत डॉ. अजय कुमार जो केंद्र की पटना शाखा के संरक्षक है उन्होंने किया |
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