विवेकानन्द केन्द्र समर्पण सेवा प्रकल्प द्वारा गीता जयंती के अवसर पर एक चिंतन–प्रेरक विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आदरणीय अतुल सेठ, सह प्रान्त संचालक, मध्यप्रान्त विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी रहे। अपने उद्बोधन में उन्होंने भगवद्गीता के उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मा नित्य, शाश्वत और अविनाशी है। शरीर नश्वर है, पर आत्मा को न कोई जला सकता है, न काट सकता है। उन्होंने अर्जुन को दिए कृष्ण के संदेश का उल्लेख करते हुए बताया कि जीवन में कर्तव्य का पालन करते हुए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए और आवश्यकताओं को सीमित रखकर आंतरिक आनंद, आत्मानंद को बढ़ाना चाहिए।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर राकेश शर्मा जी द्वारा किया गया। मंच पर आदरणीय जगन्नाथ वाधवानी जी, संचालक—विवेकानन्द समर्पण सेवा प्रकल्प, भी उपस्थित रहे।
समापन केन्द्र प्रार्थना के साथ किया गया।

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