शासकीय संस्कृत महाविद्यालय में 7 दिसंबर 2025 को आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के अन्तर्गत भारतीय ज्ञान-परम्परा प्रकोष्ठ और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में गीता जयन्ती महोत्सव का समापन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. पूजा उपाध्याय, अध्यक्ष, विशिष्ट संस्कृत विभाग, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन थीं। उन्होंने उपस्थित सुधीजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गीता भारतीय ज्ञान परम्परा का अद्भुत संवाद शास्त्र है। जिसमें भगवान् श्री कृष्ण ने मनोवैज्ञानिक रीति से सात सोपानों के द्वारा अर्जुन के कर्ता भाव का जागरण किया है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सरोज अग्रवाल, प्रमुख, मध्य प्रान्त, अमृत परिवार विवेकानंद केंद्र ने अपने सम्बोधन में गीता से जीवन में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. सीमा शर्मा ने कहा कि गीता का तात्पर्य कर्मयोग है। हमें गीता में कहे मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. श्रेयस कोरान्ने ने बताया कि इस अवसर पर धर्मेन्द्र विपट, मनीष खंडेलवाल, डॉ. सदानन्द त्रिपाठी, डॉ. ममता मलिक, डॉ. कंचन तिलवानी, सुरितराम ध्रुव, शैलेश दुबे आदि स्टाफ सदस्य और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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