Monday, December 3, 2018

बिलासपुर में विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर विमर्श का आयोजन

इस वर्ष स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए उद्बोधन की 125 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्र द्वारा विशेष रुप से मनाया जा रहा हैl ज्ञातव्य है कि केंद्र द्वारा प्रतिवर्ष यह दिन"विश्व बंधुत्व दिवस"के रुप में मनाया जाता हैl

आज (14.09.18) विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष में संजीवनी अस्पताल के सभागृह में विमर्श का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डॉक्टर विनोद तिवारी तथा मा. प्रवीण जी मुख्य वक्ता मंचस्थ रहे । वहां क्या हालत है नगर प्रमुख डॉक्टर संजय आयदे ने विवेकानंद केंद्र का संक्षिप्त परिचय देते हुए उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा विभाग संपर्क प्रमुख डॉक्टर वारे ने केंद्र की स्थापना से लेकर अब तक हो रहे संगठनात्मक विस्तार को बताते हुए अतिथियों का परिचय कराए l

 इस विमर्श में अध्यक्षता कर रहे अस्थिरोग विशेषज्ञ डा.विनोद तिवारी ने कहा कि विवेकानंद केंद्र अपनी सेवा गतिविधियों के लिए मिसाल है l

उपरोक्त विषय पर मार्गदर्शन करने के लिए केंद्र के उत्तर पूर्वांचल के संयुक्त महासचिव श्री प्रवीण दाभोलकर जी का मार्गदर्शन रहा । 

उन्होंने कहा सन 1962 के समय हमने उत्तर पूर्वांचल को अनदेखा किया। और इनके संरक्षण की आवश्यकता को ना देखते हुए हमें एक बहुत बड़ी पराजय को देखना पड़ा। हमारे देश के पास विपरीत परिस्थितियों में सैनिकों के पास लड़ने के सिवा और कोई रास्ता नहीं था।

जिसके कारण प्रत्येक भारतीय व्यक्ति का मानसिक धैर्य गिर गया था। ऐसे समय में भारतीयों के मानस को ऊंचा करने के लिए आदर्श व्यक्ति को लोगों के सामने प्रस्तुत करना होगा और उस समय स्वामी विवेकानंद के समक्ष और कोई ऐसा उदाहरण नहीं था। 

इसके पश्चात स्वामी विवेकानंद के विचारों को लोगों के बीच में प्रसारित करने का कार्य किया गया और दक्षिण भारत स्थित कन्याकुमारी में शिला पर एक स्मारक का निर्माण किया गया । स्मारक निर्माण के पश्चात एक जीवंत स्मारक की आवश्यकता हुई जिसमें स्वामी विवेकानन्द के संदेशों को लोगों के सामने लाया जाए ,जिसके दूसरे चरण के रूप में विवेकानंद केंद्र  आध्यात्म प्रेरित सेवा संगठन का सूत्रपात हुआ।

जिसमें कई कार्यकर्ताओं ने  उत्तर पूर्वांचल के सुदूर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया उस समय के तत्कालीन मंत्री के एे राजा के सहयोग से विवेकानंद केंद्र विद्यालय प्रारंभ किया गया।

उत्तर पूर्वांचल के कार्य के प्रति केंद्र के संस्थापक माननीय एकनाथ रानाडे के मन में सन 1950 में ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा तबाही मचाई गई थी उस समय इस क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा जागी। उत्तर पूर्वांचल के समक्ष चुनौतियों को माननीय प्रवीण दाभोलकर जी ने सभी के सामने प्रस्तुत किया। एवं उन चुनौतियों के समाधान हेतु विवेकानंद केंद्र  विभिन्न प्रकार के प्रकल्प, विद्यालय आदि माध्यम से शिक्षा स्वास्थ्य एवं संस्कृति के क्षेत्र  में विवेकानंद केंद्र संपूर्ण उत्तर पूर्वांचल में कार्य कर रहा है। विभिन्न प्रकार की चुनौतियां जैसे भौगोलिक ,सामाजिक,आर्थिक आदि पर उन्होंने अपना प्रकाश डाला। उन्होंने कहा आज 45 वर्ष से विवेकानंद केंद्र संपूर्ण उत्तर पूर्वांचल में कार्य कर रहा है और उसके लिए कार्य शक्ति एवं कार्यकर्ता की आवश्यकता है पूर्णकालिक अंशकालिक आदि जिस भी रूप में अपना समय दे सके उस तरह के कार्य की आवश्यकता है। जिन्हें लगता है कि मेरा भी  ऐसा योगदान हो इस कार्य के लिए विवेकानन्द केंद्र उनके उस कार्य के लिए स्वागत करता है।

इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र बिलासपुर के वार्षिक प्रतिवेदन  का विमोचन भी किया गया. इसमें बिलासपुर शाखा द्वारा किए गए सेवा कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई उल्लेखनीय रहा कि केंद्र की बिलासपुर शाखा विगत वर्षों में ऐसे तीन कार्यकर्ता दिए हैं जिन्होंने अपना सब कुछ त्याग कर राष्ट्र कार्य हेतु अपना जीवन समर्पित किया है जो कोमल दीदी आसाम में, श्वेता दीदी गुजरात में, एवं युगल भैया रायपुर में सेवा दे रहे हैं l

इस अवसर पर केंद्र की मध्य प्रांत ( छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश) सुश्री  रचना जानी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक माननीय काशीनाथ गोरे , केंद्र के विभाग संपर्क प्रमुख डा.उल्हास वारे, रायपुर नगर संगठक बलवीर जी तथा बिलासपुर नगर संगठक जितेंद्र जी, नगर प्रमुख डा.संजय आयदे, विस्तार प्रमुख  विवेक पांडेय, डॉ संतोष सिंह ठाकुर, डॉ ओम माखीजा, अनिल साहू, भरत पाखमोड़े, दुखभंजन जायसवाल एवं नगर युवा प्रमुख आशुतोष शुक्ल, एवं अन्य कार्यकर्ता गण अविनाश, संदीप, अमन सहित नगर के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे l कार्यक्रम का संचालन केंद्र की सह - नगर प्रमुख सविता प्रथमेश ने किया ।

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