The Bhagyanagar ( Greater Hyderabad) City Committee was announced on Dec 10th, 2012. The City President is Dr.Tirupati Rao ji ( Ex Vice Chancellor, Osmania University )City General Secretary - Sri Balda Ashok - Retd AGM, State Bank of Hyd. Other dignitaries on dias included Kum.Sujata Nayak, Sri Uma Maheshwarji ( State Secretary ), Sri Sundar Reddy (State Treasurer).
Wednesday, December 26, 2012
894 नागरिकों ने किया राष्ट्र ध्यान, लिया राष्ट्र पुनरुत्थान का संकल्प - महाराष्ट्र
नागपुर। स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति की ओर से नागपुर महानगर के 8 स्थलों पर "संकल्प दिवस" मनाया गया। ज्ञात हो कि 25, 26 तथा 27 दिसम्बर 1892 में स्वामी विवेकानन्दजी ने कन्याकुमारी के समुद्र के मध्य स्थित श्रीपाद शिला पर बैठकर ध्यान किया था। स्वामी विवेकानन्दजी के इस राष्ट्रध्यान की स्मृति में इस दिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। स्वामी विवेकानन्दजी की 150वीं जयंती पर अधिकाधिक नगरवासी दायित्व लेकर कार्य करें, इस दृष्टि से नागरिकों से भागश: सम्पर्क किया गया ; जिनमें विविध क्षेत्रों में कार्यरत व्यवसायियों, कर्मचारी, विद्यार्थी, शिक्षक तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का समावेश था। सम्पर्कित नगरवासियों को नागपुर के विविध स्थानों पर आयोजित संकल्प दिन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। यह कार्यक्रम जगनाडे चौक स्थित गायत्री मंदिर, कर्णाटक संघ(राम नगर), प्रताप नगर विद्यालय(प्रताप नगर), विवेकानन्द केन्द्र(अत्रे ले-आउट), लाखवानी सभागृह(जरीपटका), शाहू गार्डन कॉन्व्हेंट(मनेवाडा रोड़), अहल्या मंदिर(धन्तोली) तथा गुरुदेव सेवा आश्रम(शुक्रवारी तालाब के पास) इन आठ स्थानों में 769 भाई तथा 125 बहनें, ऐसे कुल 894 नगरवासियों ने देश व समाज के उत्थान के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। सभी स्थानों पर सुबह 8.30 बजे कार्यक्रम की शुरूआत ब्रम्ह्नाद, प्रार्थना तथा गीत से हुई। इसके पश्चात् स्वामी विवेकानन्दजी के राष्ट्रध्यान विषयक प्रस्तावना रखी गई। इस अवसर पर स्वामीजी के अमृत वचनों तथा राष्ट्रोत्थान हेतु कार्यकर्ताओं को आह्वान किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रकार्य के लिए उपस्थितों द्वारा वैयक्तिक संकल्प लिया गया और शांति मंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम स्थल पर स्वामीजी के जीवन तथा विचारों पर आधारित पुस्तकों का स्टॉल लगाया गया था। आमदार देवेन्द्र फडनवीस, सुधाकर देशमुख, प्रवीन दटके, डॉ. दिलीप गुप्ता आदि गणमान्य नागरिक प्रमुखता से उपस्थित थे।
Tuesday, December 25, 2012
Examination on Swami Vivekananda
Over 2100 students
from 42 schools participated in the competitive examination conducted
by Vivekananda Kendra Dombivali Branch. The examination was based on the
“Katha Vivekanandanchya” (Marathi) and “Incidents from the life of Swami Vivekananda”,
and its prize distribution program was held on 8th December 2012 at
Dombivali. Shri Ajinkya Navare, M.B.A., Youth leader and Teacher, who is
actively involved with several Social Organizations, was the Chief
Guest. Shri Navare communicated excellently with the students, who heard
him with rapt attention. Mananeeya Mangalatai Oak was present for the
program. Swami Vivekananda’s statue and a booklet of his thoughts were
gifted to 193 students.
Thursday, December 13, 2012
Press Conference at Rajasthan
स्वामी विवेकानन्द सार्धशती (150वीं जयन्ती) समारोह पूरे देष में 12 जनवरी 2013 से 12 जनवरी 2014 तक मनाया जाएगा। आज जब राष्ट्र आध्यात्मिक, बौद्धिक, सामाजिक, राजनैतिक तथा राष्ट्रीय उदासीन्य और दुविधा के चैराहे पर खड़ा है तब उससे छुटकारा पाने तथा प्रेरणा प्राप्त करने के लिए यह समारोह एक सक्षम अवसर का लाभ देने वाला है।
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होने वाले इस भव्य समारोह के आयोजन हेतु अखिल भारतीय स्तर पर ‘स्वामी विवेकानन्द सार्ध षती समारोह समिति’ का गठन हो चुका है। हमें उल्लेख करने में अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर इस समारोह समिति की अध्यक्षता परमादरणीय माता अमृतानन्दमयी देवी ने स्वीकार करके हम सबको उल्लासित किया है तथा भारतीय संसद के भूतपूर्व कार्यवाह माननीय सुभाषजी कष्यप इस समिति के कार्याध्यक्ष पद का निर्वहन करेंगे। इन दोनों श्रेष्ठ अधिकारियों के हम आभारी हैं।
अपने समाज के महत्वपूर्ण विचारक, आध्यात्मिक क्षेत्र के नेतागण एवं स्वामी विवेकानन्द के विचारों के प्रषंसक - ऐसे महानुभावों का तथा सामाजिक संगठनों के जाने-माने गणमान्य व्यक्तियों का इस समिति में सहयोगी होने का आह्वान किया गया है। इसके लिए सभी वर्गों से उत्साहवर्धक प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है।
देश के अधिकाधिक जनसमूह तक स्वामीजी का प्रेरणादायी संदेष पहुँचाने हेतु ‘स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति’ के तत्वाधान में यह भव्य समारोह मनाया जाएगा। इस समारोह का सन्देश होगा ‘भारत जागो! विश्व जगाओ!!’
हमें पूरा विश्वास है कि स्वामी विवेकानन्द की सार्धशती बहुत ही औचित्यपूर्ण अवसर है जिसके माध्यम से भारतीय समाज की क्षमताएँ और दायित्व को जगाकर विष्व को जगाने का प्रयास सफल होगा।
इस भावना के अनुसार सामाजिक समरसता का उद्देष्य सामने रखकर पाँच आयामों के माध्यम से कार्यक्रमों की योजना समिति द्वारा की जा रही है, जो निम्नानुसार है -
1.युवाशक्ति आयाम - विश्व की सबसे बड़ी युवाशक्ति का सहभाग और राष्ट्र के प्रति उसका रचनात्मक उपयोग हेतु कार्यक्रम
2.सम्वर्धिनी आयाम - महिलाओं का समाज के सभी क्षेत्रों में सहभाग बढ़े और क्षमताओं का विकास हेतु कार्यक्रम
3.ग्रामायण आयाम - ग्रामीण भागों के विकास के प्रति योगदान बढ़ाना और सर्वांगीण विकास हेतु कार्यक्रम।
4.अस्मिता आयाम - भारत की जनजातियों की सनातन मान्यताओं और संस्कृति के सम्मान, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्यक्रम।
5.प्रबुद्ध-भारत आयाम - राष्ट्र उत्थान हेतु देश के विचारक और बौद्धिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की सहभागिता द्वारा विविध विषयों पर विमर्ष, परिचर्चा, गोष्ठियों इत्यादि का आयोजन।
इन आयामों के साथ देष के प्रमुख केन्द्र स्थानों पर राष्ट्रीय स्तर की परिचर्चाओं के भी आयोजन होंगे।
इन सभी कार्यक्रमों के अतिरिक्त विवेकानन्द जयन्ती पर शोभायात्रा, सामूहिक सूर्यनमस्कार, भारत जागो दौड़, गृह सम्पर्क, प्रदर्षनी, प्रतियोगिता, युवा सम्मेलन, मातृ सम्मेलन आदि के भी आयोजन हांेगे।
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले केन्द्रीय कार्यक्रम
150वीं जयन्ती समारोह के षुभ अवसर पर केन्द्रीय समारोह समिति द्वारा दिनांक 11 जनवरी 2013 को (विवेकानन्द जयन्ती) दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम से षुभारम्भ होगा। यह कार्यक्रम परम आदरणीय माता अमृतानन्दमयी देवी, परम श्रद्धेय दलाई लामा, रामकृष्ण मिशन के परम श्रद्धेय स्वामी गौतमानन्दजी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक मोहनरावजी भागवत, चिन्मय मिषन के परम श्रद्धेय स्वामी निखिलानन्दजी, विवेकानन्द केन्द्र के अध्यक्ष माननीय पी. परमेष्वरन्जी और अन्य प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा।
समस्त भारतवर्ष के सभी राज्यों में राज्य समारोह समिति का गठन हो रहा है जिसमें राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों का सदस्य के रूप में अन्तर्भाव होगा। इसी श्रृंखला में राजस्थान के प्रमुख संत एवं महन्तगण मार्गदर्शक रहेंगे।
स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति, राजस्थान
अध्यक्ष: श्री मिट्ठालाल मेहता, पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार
उपाध्यक्ष: श्री अशोक ओडरानी - प्रमुख व्यवसायी, समाजसेवी एवं प्रमुख न्यासी मोनीलेक अस्पताल, जयपुर
उपाध्यक्षः श्री घनश्याम ओझा, उद्योगपति, जोधपुर
उपाध्यक्षः श्री आर. के. वर्मा., शिक्षाविद्, कोटा
सचिवः डा. जसविन्दर सिंह, चिकित्सक, ब्यावर
कोषाध्यक्षः श्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्त मुख्य प्रबन्धक बैंक, जयपुर
सदस्यः न्यायमूर्ति सुरेन्द्रनाथ भार्गव, पूर्व राज्यपाल सिक्किम, जयपुर
सदस्यः श्री देवेन्द्र जोषी, उद्योगपति, जोधपुर
सदस्यः श्री दामोदर मोदी, प्रमुख समाजसेवी, जयपुर
सदस्यः श्री ओमप्रकाश मोदी, प्रमुख समाजसेवी एवं निदेषक, ओ. के. प्लस ग्रुप, जयपुर
सदस्यः प्रो. अमितवा बाबी मित्रा, उपकुलपति, वि.आई.टी. विष्वविद्यालय, जयपुर
सदस्यः श्री अषोक गदिया, अध्यक्ष, मेवाड़ विष्वविद्यालय, चितौड़गढ़
सदस्यः डा प्रदीप शारदा, सेवानिवृत, निदेशक, चिकित्सा स्वा. एवं परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर
सदस्यः श्री अशोक कोठारी, प्रमुख समाजसेवी एवं उद्योगपति, भीलवाड़ा
सदस्यः प्रो. डा. संगीता सक्सेना, सेवानिवृत, रेडियोलोजी विभाग, कोटा
सदस्यः सुथार श्री शंकरलाल धीरा जी गहलोत, प्रतिष्ठित उद्योगपति, चांणोद पाली
सदस्यः एडवोकेट कुलवन्त सिंह सन्धू, श्री गंगानगर
सदस्यः श्रीमति सुषमा बिस्सा, प्रसिद्ध पर्वतारोही, बीकानेर
सदस्यः श्री पी. एन. रछोया, सेवानिवृत, पुलिस महानिरीक्षक, जयपुर
सदस्यः बद्रीलाल चैधरी, पूर्व उपकुलपति, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर
सदस्यः श्री देवेन्द्र सालेचा, उद्योगपति, जोधपुर
सदस्यः श्री गोपाल सैनी, प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय धावक, जयपुर
सार्द्धषती के दौरान आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम
1ण्राजस्थान में 12 जनवरी 2013 के षुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर राज्य के ग्रामीण एवं षहरी अंचल में कुल 25000 षोभायात्राओं का आयोजन होगा।
2ण्18 फरवरी 2013 को राज्य के विद्यालयो के छात्र-छात्राओ द्वारा सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन होगा जिसमें 10 लाख से अधिक प्रतिभागी रहेंगे।
3ण्11 सितम्बर 2013 को विष्व बन्धुत्व दिवस के उपलक्ष में महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं युवाओं द्वारा भारत - जागो दौड़ का आयोजन पूरे प्रदेष में अनेक स्थानों पर होगा।
4ण्षहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सम्पर्क होगा जिसमें 35 लाख घरों में स्वामी विवेकानन्दजी का चित्र निःषुल्क दिया जाएगा।
अतः आप सभी पत्रकार बन्धुओं से नम्र निवेदन है कि व्यक्ति निर्माण एवं राष्ट्रोत्थान के इस परम पुनीत कार्य में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए जनजन तक स्वामी विवेकानन्द के पवित्र संदेष को पहुंचाने में इस समारोह समिति का सहयोग करे। आपका यह सहयोग लोकजागरण हेतु किए जा रहे इस राष्ट्रयज्ञ में महत्वपूर्ण आहूति सिद्ध होगा, ऐसा हमारा विष्वास है।
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होने वाले इस भव्य समारोह के आयोजन हेतु अखिल भारतीय स्तर पर ‘स्वामी विवेकानन्द सार्ध षती समारोह समिति’ का गठन हो चुका है। हमें उल्लेख करने में अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर इस समारोह समिति की अध्यक्षता परमादरणीय माता अमृतानन्दमयी देवी ने स्वीकार करके हम सबको उल्लासित किया है तथा भारतीय संसद के भूतपूर्व कार्यवाह माननीय सुभाषजी कष्यप इस समिति के कार्याध्यक्ष पद का निर्वहन करेंगे। इन दोनों श्रेष्ठ अधिकारियों के हम आभारी हैं।
अपने समाज के महत्वपूर्ण विचारक, आध्यात्मिक क्षेत्र के नेतागण एवं स्वामी विवेकानन्द के विचारों के प्रषंसक - ऐसे महानुभावों का तथा सामाजिक संगठनों के जाने-माने गणमान्य व्यक्तियों का इस समिति में सहयोगी होने का आह्वान किया गया है। इसके लिए सभी वर्गों से उत्साहवर्धक प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है।
देश के अधिकाधिक जनसमूह तक स्वामीजी का प्रेरणादायी संदेष पहुँचाने हेतु ‘स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति’ के तत्वाधान में यह भव्य समारोह मनाया जाएगा। इस समारोह का सन्देश होगा ‘भारत जागो! विश्व जगाओ!!’
हमें पूरा विश्वास है कि स्वामी विवेकानन्द की सार्धशती बहुत ही औचित्यपूर्ण अवसर है जिसके माध्यम से भारतीय समाज की क्षमताएँ और दायित्व को जगाकर विष्व को जगाने का प्रयास सफल होगा।
इस भावना के अनुसार सामाजिक समरसता का उद्देष्य सामने रखकर पाँच आयामों के माध्यम से कार्यक्रमों की योजना समिति द्वारा की जा रही है, जो निम्नानुसार है -
1.युवाशक्ति आयाम - विश्व की सबसे बड़ी युवाशक्ति का सहभाग और राष्ट्र के प्रति उसका रचनात्मक उपयोग हेतु कार्यक्रम
2.सम्वर्धिनी आयाम - महिलाओं का समाज के सभी क्षेत्रों में सहभाग बढ़े और क्षमताओं का विकास हेतु कार्यक्रम
3.ग्रामायण आयाम - ग्रामीण भागों के विकास के प्रति योगदान बढ़ाना और सर्वांगीण विकास हेतु कार्यक्रम।
4.अस्मिता आयाम - भारत की जनजातियों की सनातन मान्यताओं और संस्कृति के सम्मान, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्यक्रम।
5.प्रबुद्ध-भारत आयाम - राष्ट्र उत्थान हेतु देश के विचारक और बौद्धिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की सहभागिता द्वारा विविध विषयों पर विमर्ष, परिचर्चा, गोष्ठियों इत्यादि का आयोजन।
इन आयामों के साथ देष के प्रमुख केन्द्र स्थानों पर राष्ट्रीय स्तर की परिचर्चाओं के भी आयोजन होंगे।
इन सभी कार्यक्रमों के अतिरिक्त विवेकानन्द जयन्ती पर शोभायात्रा, सामूहिक सूर्यनमस्कार, भारत जागो दौड़, गृह सम्पर्क, प्रदर्षनी, प्रतियोगिता, युवा सम्मेलन, मातृ सम्मेलन आदि के भी आयोजन हांेगे।
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले केन्द्रीय कार्यक्रम
150वीं जयन्ती समारोह के षुभ अवसर पर केन्द्रीय समारोह समिति द्वारा दिनांक 11 जनवरी 2013 को (विवेकानन्द जयन्ती) दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम से षुभारम्भ होगा। यह कार्यक्रम परम आदरणीय माता अमृतानन्दमयी देवी, परम श्रद्धेय दलाई लामा, रामकृष्ण मिशन के परम श्रद्धेय स्वामी गौतमानन्दजी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक मोहनरावजी भागवत, चिन्मय मिषन के परम श्रद्धेय स्वामी निखिलानन्दजी, विवेकानन्द केन्द्र के अध्यक्ष माननीय पी. परमेष्वरन्जी और अन्य प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा।
समस्त भारतवर्ष के सभी राज्यों में राज्य समारोह समिति का गठन हो रहा है जिसमें राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों का सदस्य के रूप में अन्तर्भाव होगा। इसी श्रृंखला में राजस्थान के प्रमुख संत एवं महन्तगण मार्गदर्शक रहेंगे।
स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति, राजस्थान
अध्यक्ष: श्री मिट्ठालाल मेहता, पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार
उपाध्यक्ष: श्री अशोक ओडरानी - प्रमुख व्यवसायी, समाजसेवी एवं प्रमुख न्यासी मोनीलेक अस्पताल, जयपुर
उपाध्यक्षः श्री घनश्याम ओझा, उद्योगपति, जोधपुर
उपाध्यक्षः श्री आर. के. वर्मा., शिक्षाविद्, कोटा
सचिवः डा. जसविन्दर सिंह, चिकित्सक, ब्यावर
कोषाध्यक्षः श्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता, सेवानिवृत्त मुख्य प्रबन्धक बैंक, जयपुर
सदस्यः न्यायमूर्ति सुरेन्द्रनाथ भार्गव, पूर्व राज्यपाल सिक्किम, जयपुर
सदस्यः श्री देवेन्द्र जोषी, उद्योगपति, जोधपुर
सदस्यः श्री दामोदर मोदी, प्रमुख समाजसेवी, जयपुर
सदस्यः श्री ओमप्रकाश मोदी, प्रमुख समाजसेवी एवं निदेषक, ओ. के. प्लस ग्रुप, जयपुर
सदस्यः प्रो. अमितवा बाबी मित्रा, उपकुलपति, वि.आई.टी. विष्वविद्यालय, जयपुर
सदस्यः श्री अषोक गदिया, अध्यक्ष, मेवाड़ विष्वविद्यालय, चितौड़गढ़
सदस्यः डा प्रदीप शारदा, सेवानिवृत, निदेशक, चिकित्सा स्वा. एवं परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर
सदस्यः श्री अशोक कोठारी, प्रमुख समाजसेवी एवं उद्योगपति, भीलवाड़ा
सदस्यः प्रो. डा. संगीता सक्सेना, सेवानिवृत, रेडियोलोजी विभाग, कोटा
सदस्यः सुथार श्री शंकरलाल धीरा जी गहलोत, प्रतिष्ठित उद्योगपति, चांणोद पाली
सदस्यः एडवोकेट कुलवन्त सिंह सन्धू, श्री गंगानगर
सदस्यः श्रीमति सुषमा बिस्सा, प्रसिद्ध पर्वतारोही, बीकानेर
सदस्यः श्री पी. एन. रछोया, सेवानिवृत, पुलिस महानिरीक्षक, जयपुर
सदस्यः बद्रीलाल चैधरी, पूर्व उपकुलपति, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर
सदस्यः श्री देवेन्द्र सालेचा, उद्योगपति, जोधपुर
सदस्यः श्री गोपाल सैनी, प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय धावक, जयपुर
सार्द्धषती के दौरान आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम
1ण्राजस्थान में 12 जनवरी 2013 के षुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर राज्य के ग्रामीण एवं षहरी अंचल में कुल 25000 षोभायात्राओं का आयोजन होगा।
2ण्18 फरवरी 2013 को राज्य के विद्यालयो के छात्र-छात्राओ द्वारा सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन होगा जिसमें 10 लाख से अधिक प्रतिभागी रहेंगे।
3ण्11 सितम्बर 2013 को विष्व बन्धुत्व दिवस के उपलक्ष में महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं युवाओं द्वारा भारत - जागो दौड़ का आयोजन पूरे प्रदेष में अनेक स्थानों पर होगा।
4ण्षहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सम्पर्क होगा जिसमें 35 लाख घरों में स्वामी विवेकानन्दजी का चित्र निःषुल्क दिया जाएगा।
अतः आप सभी पत्रकार बन्धुओं से नम्र निवेदन है कि व्यक्ति निर्माण एवं राष्ट्रोत्थान के इस परम पुनीत कार्य में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए जनजन तक स्वामी विवेकानन्द के पवित्र संदेष को पहुंचाने में इस समारोह समिति का सहयोग करे। आपका यह सहयोग लोकजागरण हेतु किए जा रहे इस राष्ट्रयज्ञ में महत्वपूर्ण आहूति सिद्ध होगा, ऐसा हमारा विष्वास है।
Tamilnadu: State Committee of Vivekananda-150 Celebrations inaugurated
Chennai December 07, 2012: A State level Committee was inaugurated to celebrate the 150th Birth Anniversary of Swami Vivekananda at Maharishi Vidya Mandir School, Chennai last week. Dr.G Viswanathan, Founder & Chancellor of Vellore Institute of Technology, Former Member of Parliament, Former Minister, Government of Tamilnadu will be the President of Swami Vivekananda 150th Birth Celebration Committee of Tamilnadu.
Inaugurating the function, Dr. G Viswanathan said, “When I was young, I was attracted by two persons one is Arignar Anna and the other is Swami Vivekananda. Swami Ji’s thoughts should reach each and every youth. Today the younger generation needs a direction to which this Birth Centenary Celebrations will pave a way. Even-though I was a Member of Parliament in DMK- political party, I feel proud to say that I sent my son to RSS Shaka. It is because the discipline, obedience and patriotism needed for the younger generation are taught here only. I also had a very good opportunity to have two-three hours discussion on all subjects with Sri Guruji while travelling in plane…. This committee will work under such commitment that the messages of Swami Vivekananda are carried to everyone”.
Sister Nivedita, Vice President of Vivekananda Kendra Organisation elaborated the means in which Celebrations to be held. She explained about the 5 areas through which Swamiji’s message will be taken through – Prabudha Bharat, Yuva Bharat, Samvardhini, Gramaayan and Asmitha. Smt. Thangam Meganathan, President of Rajalakshmi Group of Institutions was present in the dias. The Committee has 127 members which includes 16 saints.
Prominent Educationists and reformers in various fields namely Isari Ganesh of Vels College, Krishna Paraiyanar, State President of Ambedkar Makkal Sakthi Iyakkam, Sri Kanakaraj, Director of Jaya Group of Institutions, Va.Ve.Su, Former Principal of Vivekananda College, Swami Mitrananda of Chinmaya Mission, Dr. Lakshmi, Principal of Meenakshi College, Dr. Subramaniam President of Private Engineering Colleges Association, Dr. Joseph Raj, Family Doctor of Sri APJ Abdul Kalam (Former President of India) of Ramanathapuram, Rajangam, President of Madurai – President of Nomadic Tribals Association, Kothagiri Alwar President of Tribals Associaition, Sri Govindasamy, Yelagiri Panchayat President, Paavai Natarajan, Paavai Engineering College, Dr. Arthanari-Gokul Hospitals, Salem and Principals of various Schools participated in the function.
RSS functionaries Sri Kumaraswamy, Pranth Karyawah (Uttar Tamilnadu), Sri Sambamurthi, Sah Pranth Karyawah (Uttar Tamilnadu), Sri Bakthavatsalam Pranth Pracharak (Uttar Tamilnadu), Sri Aadalarasan Pranth Karyawah (Dakshin Tamilnadu), Sri Kesava Vinayakam, Pranth Pracharak (Dakshin Tamilnadu) were present during the occasion. Sri Rajan, Pranth Sampark Pramukh will be the General Secretary of the Committee.
Vivekananda Rock Memorial and Vivekananda Kendra, Kanyakumari, is awarded ‘S R Jindal Prize – 2012’
Vivekananda Rock Memorial and Vivekananda Kendra, Kanyakumari established education centres in Arunachal Pradesh which had very low literacy rate amongst women. The Kendra is engaged in a large variety of services like Spirituality and Social Development as an integral mission in accordance with long traditions and noble thoughts. It is engaged in educational service running 63 schools with about 22,000 students in six states in India. Besides imparting education, the Kendra takes great care in providing for the poor and the needy while at the same time maintaining high academic and moral standards.
The Kendra is also running 5 Skill Training Centers for women enabling them to become self-employed and two hospitals for the poorest of the poor in the border areas of Assam and one hospital in Madhya Pradesh to look after the health and hygiene of the poor.
Under their ‘Anaupcharik Shiksha Manch’ they are running 400 Balwadis, Balasevika Prashikshan Shibir, organising Sanskar vargas for school dropouts, running Anandalayas for school dropouts and slow learners and organising cultural competitions for rural children.
Vivekananda Rock Memorial and Vivekananda Kendra, Kanyakumari, is awarded ‘S R Jindal Prize – 2012’ at the hands of Gurudev Sri Sri Ravi Shankar ji jointly with ‘SOS Children’s Villages of India, New Delhi for their exceptional achievements in the field of Education - with emphasis on moral upliftment. This Award carries a Cash Prize of Rs. 1 Crore to be shared equally.
Under their ‘Anaupcharik Shiksha Manch’ they are running 400 Balwadis, Balasevika Prashikshan Shibir, organising Sanskar vargas for school dropouts, running Anandalayas for school dropouts and slow learners and organising cultural competitions for rural children.
Vivekananda Rock Memorial and Vivekananda Kendra, Kanyakumari, is awarded ‘S R Jindal Prize – 2012’ at the hands of Gurudev Sri Sri Ravi Shankar ji jointly with ‘SOS Children’s Villages of India, New Delhi for their exceptional achievements in the field of Education - with emphasis on moral upliftment. This Award carries a Cash Prize of Rs. 1 Crore to be shared equally.
Arunachal to celebrate Vivekananda birth anniversary
Itanagar: Arunachal Pradesh will celebrate the 150{+t}{+h} birth anniversary of Swami Vivekananda with a year-long programme beginning January 12 next. The theme of the celebration will be "Wake up Bharat! Enlighten the World".
Addressing the media here on Saturday, president of the state level celebration committee and renowned social worker, Nabam Atum, said the celebration aims at spreading the message of Swami Vivekananda to all sections of the society.
"We will carry forward the message and ideas of Swamiji to all sections of the society. His revolutionary idea had ignited nationalism in Indians," Atum said, while informing that the state government assured them of all possible cooperation in this regard.
He appealed to the people of the state to join the year-long celebration and make it a grand success. He said the committee has targeted mainly five segments (panchamukhi) of the society - Yuva Shakti, Prabuddh Bharat, Gramayan, Samvardhini and Asmita - with a view of promoting social harmony during its year-long celebration.
The Prant Pramukh of Vivekananda Kendra, Arunachal Pradesh, Dr Joram Begi, also the director of higher & technical education, exuded hope that the celebration will provide ample opportunity for the youth of the state to motivate themselves in right direction.
Ref Links :
Wednesday, December 12, 2012
Press Conference at Itanagar
Swami Vivekananda SardhShati Launching in ArunachalThe 150th Birth Anniversary of Swami Vivekananda (Swami Vivekananda Sardh Shati Samaroh) will be organised throughout the world in year 2013. During Swamiji’s life time & during first half of the following century Swamiji’s massages and life has awakened the nationalistic feeling, social reformation, Education and spiritual awareness. Swamiji farther inspired many persons to participate in freedom movement.
During 1963, nation witnessed many nationalistic movements. This was the time when nation celebrated Swamiji’ birthday centenary. During this celebration nation came together and build Vivekananda Rock Memorial at the confluence of three seas and after that spirituality oriented service mission Vivekananda Kendra, Kanyakumari came into existence. It functions through many Branch Centres and service projects.Swami Vivekananda Sardh Shati Samaroh is third wave of such inspiring activity.
Swami Vivekananda
Swami Vivekananda, the foremost disciple of Sri Ramakrishna Paramahamsa was the first Hindu missionary in modern times to go abroad and re-enunciate to the world, the message of the universal religion – Sanatana Dharma, an inclusive message which denounced no religion and rejected none. Swami Vivekananda was a staunch patriot, nation-builder, social scientist and a master organizer. He was the first to set in motion and ignite the forces of national revival and put in process the re-construction of the country, which was demoralized and whose energies were scattered by the alien rule. He laid the foundation for the regeneration of the nation by making it aware of its soul, Hindu Dharma.
Celebrations
Swamiji saw that the Bharat was regarded as the teacher of the world even during his worst period of the history. Bharat was worshipped as world teacher in the yore. Present world needs prosperity along with clear vision. If it is not guided by the high ideals it will go astray. Hence Bharat has to come forward with its spirituality to lead the world. Swamiji 150th birth anniversary is the most appropriate time to awaken and lead the world as spiritual leader of the world.
Intensive preparations are afoot throughout the length and breadth of our country to celebrate the 150th Birth Anniversary of Swami Vivekananda from January 12, 2013 to January 12, 2014. Different organisations and also Governments are planning grand celebrations. People of Bharat have decided to join together and celebrate the great occasion. Today when the nation is at the crossroads, these celebrations present the most potent opportunity to rid the nation of its spiritual, intellectual, social, political and national lethargy and confusion.
Committees
Important social leaders, thinkers, admirers of Swami Vivekananda along with experienced volunteers of many service organisations and youth representatives have come together to form the “ Aayojan Samiti ” of Swami Vivekananda Sardh Shati Samaroh or "Swami Vivekananda 150th Birth Anniversary Organizing Committee" at the national level and also at regional level in 39 provinces. These committees have started contacting eminent intellectuals, youth icons, social and spiritual thought leaders, achievers in scientific, economic, administrative fields and many others to form "Swami Vivekananda Sardh Shati Samaroh Samiti" or "Swami Vivekananda 150th Birth Anniversary Celebration Committee" both at the National and state levels.
We are pleased to mention that Honorable Mata Amritanandamayi Devi, Primarily Known as "Amma", Founder of Amritapuri Organisation has kindly consented to be the President, Honorable Dr. Subhash Kashyap, Former Secretary-General of 7, 8th 9th Lok Sabha and Lok Sabha Secretariat has kindly agreed to associate as honorary Chairman and Prof. Aniruddha Deshpande, Acadamecian, will work as a Secretary of the National level Samaroh Samiti. From Arunachal Pradesh His Eminence Guru Tulku Rinpoche of Tawang Monastry, agreed to associate as Petron, Dr. Joram Begi, Prant Pramukh of Vivekananda Kendra Arunachal Pradesh, also the Director Higher & Technical Education and Mrs. Anshu Jamsenpa, Mountaineer will be the Member in the National level Samaroh Samiti.
Prant Aayojan Samiti (State Organizing committee) is having Prant Sanyojak (State Organizer), Sah Sanyojak (Co-organizer), 5 Pramukh (Heads) of 5 Aayam (Dimensions) For Youth, Women, Intellectual, Village & Janajatis and 4 Pramukh for office works, literature, donation & publicity.
State constituted 43 Prant Aayojan Samities and 960 district level Aayojan Samities. 45 Aayojan Samities formed in Arunachal at district and block level. The important functions of the Samities to plan the activities and create an environment for the same. These committees will organize the year long celebrations.
Theme of the Celebrations
“What our country now wants are muscles of iron and nerves of steel, gigantic will which nothing can resist, which can penetrate into the mysteries and the secrets of the universe and will accomplish their purpose in any fashion, even it meant going down to the bottom of the ocean and meeting death face to face.” – Swami Vivekananda
1) Wake Up Bharat ! Enlighten The World !!
2) India to popularize the massage of Universal oneness to world, respect of diversity and universalize the message of immortality of soul.
3) Man making – Nation Building
Social co-existence is the purpose of Samaroh. We should carry the message of Swamiji’s ideas to various strata of the society. Swamiji had revolutionary ideas. He has ignited nationalism in Indians. He has awakened Sanatan Dharma without hurting the faith of the people.
Wake Up Bharat :
Today Bharat is the most ancient civilization with maximum youth population. We see that youth of Bharat is educated, well-placed and sincere. They want to know more and more about the country, its history and culture and also to serve the country whole heartedly. Service of the masses appeal to them. Swami Vivekananda had given the clarion call which had touched many young hearts who then jumped into the fire of freedom struggle for the independence of Bharat. Today when the youth is again poised for a take-off, the message of Swami Vivekananda would inspire them to take Bharat to ever new heights.
Enlighten the World :
Swami Vivekananda during the darkest period in the history of India saw India emerging as the teacher of the world. Ancient India was considered Jagat Guru by the world. Contemporary world requires a clear goal and destination materially prosperous and spiritually enlightened, if it is not to flounder on its way. It is not only in India's interest, but in world's interest that Bharat emerges as the leading light of the world. The 150th Birth Anniversary of Swami Vivekananda is the most appropriate occasion for India to prepare herself to rise as the Jagat-Guru and wake up to its potentialities and responsibilities and enlighten the world.
Social Harmony:
The celebrations aim at taking the message of Swami Vivekananda to all the sections of our society. Swamiji was the revolutionary thinker who triggered the renaissance of the Indian nationalism. He emphasized on the awakening of the masses without in any way hurting their faith in Sanatana Dharma. On his 150th Birth anniversary all the sections of the society are eager to participate spontaneously in the celebrations. With the view of promoting social harmony, the committee has planned Panchamukhi (five pronged) programmes under five segments to involve all the members of the society.
- Panchamukhi : Five segments
- Yuva Shakti – Awakening of dormant power (Concentration on students and youth below 40 years)
- Samvardhini – Expansion of ladies participation in all spheres of life.
- Prabudh Bharat – Social & thought movement, Purification of thought pattern of educated & elite group.
- Gramayan – motivating the self confidence and empowering the village folk who supported nations from the time immemorial.
- Asmita – Propagation and protection of Indigenous faith & culture of Indigenous people.
“My faith is in the younger generation, the modern generation. Out of them will come my workers. They will work out the whole problem like lions" This was the conviction Swami Vivekananda had. Today Bharat is the only country, with 55% of its population in the prime of their youth. Age old Bharat is ever young!! During the celebrations Vivekananda Yuva Mandali, Ingnited Youth forum, Vivekananda Clubs will be started by student and non student youth below the age of 40 years. They will organise programmes to promote सेवा (service),vkRefodkl(physical and mental development), अध्ययन(study), सुरक्षा (security) & lejlrk (social harmony). Samuhik Suryanamaskars in all cities and national level Essay competition will be organised in 2013
ll) Prabuddh Bharat :
Swami Vivekananda said, “They alone live who live for others; the rest are more dead than alive.”
The elites and the intellectuals have a great responsibility in Nation-building. To these thought leaders and opinion builders from all walks of life following programmes will be organized.
1 'Vimarsh' Lecture series on topical issues.
2. Yoga Pratimans (Training Modules based on Yoga) for senior executives, government officers, para military / defence services, School managements, religious place managements, Leaders of NGOs & Jana Pratinidhi like MPs, MLAs, Panchayat Presidents.
3. Seminars – State, National and International level seminars and conferences on various topics related to Swami Vivekananda, issues of Historical, Civilizational and Cultural importance and also topics of contemporary national and international relevance.
4. Involving Intellectuals to write articles in and give talk about Swami Vivekananda's man-making, character building message.
III) Gramayan :
"Let new India arise …….. Let her arise – out of the peasants' cottage, grasping plough; out of the huts of the fishermen,….. Let her spring from the grocer's shop, from beside the oven of the fritter seller. Let her emerge from groves and forests, from hills and mountains." Swami Vivekananda extolled in his lectures from Colombo to Almora. Village committees will be formed. They will organize programmes like - Bharat Mata Pujan, Mela. ^esjk xkWao esjk rhFkZ Long term projects to develop– xzke] foosd cLrh village free of untouchability, conversion, addiction, police/courts and dependence on chemical fertilizers.
IV) Samvardhini :
Swami Vivekananda said, “Without Shakti (Power) there is no regeneration for the world. Why is it that our country is the weakest and the most backward of all countries?-- because Shakti is held in dishonour here. .....Without the grace of Shakti nothing is to be accomplished. ” In order to preserve, protect and promote our culture through women and to increase their participation, programmes will be organized in different strata of our society to promote – सहभागिता (participation), सेवा (service), विकास (Development), संस्कृति (Culture) & सामंजस्य(harmony)
1. Dampati Sammelan – Full day or half a day conferences for couples focusing on participation of women for social regeneration and for that contribution of men at home and in society.
2. Shakti Sammelan of women with -
a) Exhibitions : “Bharateeya womanhood through the ages”, “Valorous women of Bharat” & “Women of achievement” in various fields.
b) Lectures and workshops on women participation.
V) Asmita :
"The fate of a nation depends upon the condition of the masses. Can you raise them? Can you give them back their lost individuality without making them lose their innate spiritual nature?" Challenged Swami Vivekananda.
For the Tribals, their cultural and religious tradition is their identity. It is a bond that keeps the community together and in tune with nature. If traditions are lost then the Janajati community loses its identity, its' moral values and also peace. They need support to move ahead in time, to develop through the cultural traditions. Therefore programmes will be organized, with the motto “Development through Culture” in the tribal areas to raise their self-confidence in themselves and in our culture and tradition. Focus of the programmes: “Loss of Faith, Loss of Culture and Loss of Culture, Loss of Identity.”
1. Conventions of Janajathi forums,
2. Village headmens' meetings,
3. Full support for Janjati festivals to strengthen their indigenous faith.
The Year Long Programme
25 December 2012 - Sankalp Divas – Gathering of Volunteers and to take personal resolve for our Motherland on the occasion of Swami Vivekananda’s three days meditation on the mid sea rocks at Kanyakumari.
12 January 2013 – Inaugural Function – Grand procession
18 February 2013 – Samuhik Surya Namaskar – 13 to 18 years of age
March to July 2013 – Gram and Grih Sampark – Total Contact 4 Crore
March – June 2013 – Prasikshan (Training)
- Ayojan Samitis of Prant and District
- Training of speakers (for all Ayams)
- Surya Namaskar – Teachers and Representatives of Class VIII to Class XII
- Samvardhini Ayam group
- Janajati Districts and Blocks–Coordinators of sports & Games
- Coordinators of Medical Camps
- Folk Artistes
- Bharat Jago Run – for Coordinators
August to November 2013 – Activities of all Ayams
Prabudh Bharat – Vimarsh – a study circle, National/State/District level Seminar/ Symposium, Yoga Pratiman for teachers & professionals/executives
Yuva Shakti - Yuva Sammelan, Programmes in Colleges, Competitions, Vivekananda Mandali
Samvardhini - Shakti Sammelan, Dampati sammelan, Kishori Shivir, Prabuddh Mahila Milan
Gramayan - Total Villages, Vivek Gram Prakalp, Gram Gaurav Program, Shram Sanskar Shivir,
Asmita - Games Competitions, Folk Songs, Traditional Dance & Drama, Exhibitions, Medical Camps
Publicity – request for articles to Reporter, Editors of Magazines & News papers, authors, columnist, poet, publication houses
Sahitya Seva (literature) – Leaflet, Coupon, Books – (1) Life and Message of Swami Vivekananda (ii) Bharat Jago! Vishwa Jagao!! (Wake up Bharat! Enlighten the world!!)
Sale of Publications – In Fairs, Mela, National and Local festivals.
15 November - 15 December 2013 – Chale Gaon Ki Oar – Serve village for 7 days (Seva Sadhana)
Medical camps in Janajati development blocks
Seva in needy localities of towns
Team of 2 or 3 members each to be formed to serve a village
25-26-27 December 2013 – Karyakarta Shivir in Kanyakumari
12 January 2014 – Concluding Function – Mera Bharat – Hamara Bharat – Samartha Bharat
1 April 2014 – State Samaroh Samiti meeting, Submission of audited accounts and dissolution of Samiti
Appeal for Participation
Swami Vivekananda, the great son of Mother Bharat who became hero of the whole world, proclaimed, "I do not see into the future; nor do I care to see. But one vision I see clear as life before me: that the ancient Mother has awakened once more, sitting on Her throne rejuvenated, more glorious than ever. Proclaim Her to all the world with the voice of peace and benediction."
His 150th Birth Anniversary is an occasion for all of us to contribute in the national yajna. Our offerings will facilitate the awakening of the whole humanity thus actualizing his Vision “Wake up Bharat! Enlighten the World!!”.
Grand plans afoot for 150th birth anniversary of Swami Vivekananda
A series of events will be held in the state from January 2013 to mark the 150th birth anniversary of Swami Vivekananda. Some of them are shobha yatra, gramotsav, yuva sammelan and yuva marathon. Different organisations/associations will celebrate the anniversary together.
The Swami Vivekananda Sardhshati Samaroh Samiti (SVSS) on Sunday announced its plans for the year.
A grand celebration will be held from January 12 to February 12, 2013. State convenor of SVSS, Bhargav Bhatt said, “We will have a grand shobha yatra on January 12 in the entire country where people from all communities will participate.”
On Sunday, SVSS announced that Kantisen Shroff from Bhuj was its new president for the state samaroh. Gruhsampark Abhiyaan will be carried out in the state from January 15 in which SVSS intends to reach out to all the villages and cities of the state and distribute photographs of Swami Vivekananda to all households.
“Around 25 lakh households will be covered under this programme,” added Bhatt.
Bhatt said seminars, yuva sammelans and a yuva marathon will be held as part of the celebrations. “Also, young girls will be given physical training too and a kabaddi competition will be held in different parts of the state.” A special medical camp for tribals has been planned in September 2013.
Yuva sammelans, shobha yatra and gramotsavs will be held to mark the occasion.
Ref Links :
The Swami Vivekananda Sardhshati Samaroh Samiti (SVSS) on Sunday announced its plans for the year.
A grand celebration will be held from January 12 to February 12, 2013. State convenor of SVSS, Bhargav Bhatt said, “We will have a grand shobha yatra on January 12 in the entire country where people from all communities will participate.”
On Sunday, SVSS announced that Kantisen Shroff from Bhuj was its new president for the state samaroh. Gruhsampark Abhiyaan will be carried out in the state from January 15 in which SVSS intends to reach out to all the villages and cities of the state and distribute photographs of Swami Vivekananda to all households.
“Around 25 lakh households will be covered under this programme,” added Bhatt.
Bhatt said seminars, yuva sammelans and a yuva marathon will be held as part of the celebrations. “Also, young girls will be given physical training too and a kabaddi competition will be held in different parts of the state.” A special medical camp for tribals has been planned in September 2013.
Yuva sammelans, shobha yatra and gramotsavs will be held to mark the occasion.
Ref Links :
http://epaper.dnaindia.com/story.aspx?id=18204&boxid=126467&ed_date=2012-12-10&ed_code=1310005&ed_page=6
Tuesday, December 11, 2012
VISHWABHANU: Bimonthly Bulletin of VKVVF : October'12 and November'12
The activities report for the month of October and November for the project Vivekananda Kendra Vedic Vision Foundation
Viswabanu
Location:
Kerala, India
स्वामी विवेकानंद सार्धशती राज्य समारोह समिति मध्य प्रदेश की घोषणा
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री डी.एम. धर्माधिकारी बने स्वामी विवेकानंद सार्धशती राज्य समारोह समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष |
स्वामी विवेकानंद जी के १५० वे जन्म वर्ष के उपलक्ष में सम्पूर्ण देश में उनके सपनों का स्वावलंबी समर्थ भारत निर्माण करने सार्धशती समारोह का आयोजन १२ जनवरी २०१३ से १२ जनवरी २०१४ तक होने जा रहा है | इस दौरान स्वामी जी के विचारों के प्रचार के साथ व्यापक पैमाने पर ग्रामीण व वनवासी अस्मिता जागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे | आज स्वराज भवन भोपाल में इस महत्वाकांक्षी व जन हितैषी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश राज्य समारोह समिति की घोषणा स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह के केन्द्रीय अधिकारी श्री अभय वापट द्वारा की गई | सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व मानवाधिकार आयोग मध्यप्रदेश के पूर्व अध्यक्ष श्री डी.एम. धर्माधिकारी इस समारोह समिति के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष श्री वृजकिशोर कुठियाला कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय भोपाल, डा. गोविन्द मिश्र प्रख्यात साहित्यकार व कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय जबलपुर तथा श्रीमती सीमा भिसे बने | सचिव श्री सोमकांत उमालकर भोपाल एवं सहसचिव डा. अखिलेश गुमाश्ता जबलपुर व श्री अमित जैन इंदौर रहेंगे | कोषाध्यक्ष के रूप में श्री व्रह्मानंद खंडेलवाल तथा सह कोषाध्यक्ष के रूप में श्री प्यारेलाल चौरसिया भोपाल, श्री राकेश भावसार इंदौर एवं श्री गोवर्धनलाल श्रीवास्तव जबलपुर कार्य करेंगे | इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविद, साहित्यकार समाजसेवियों की समारोह समिति भी घोषित की गई | स्मरणीय है की प्रख्यात आध्यात्मिक विभूति माँ अमृतानंदमयी इस समारोह की अखिल भारतीय अध्यक्ष हैं | मध्यप्रदेश में भी रामकृष्ण मिशन के सुनील जी महाराज, ॐकारेश्वर शक्ति पीठ की साक्षी दीदी माँ, नागोरिया पीठाधीश्वर विष्णु प्रपन्नाचार्य जी महाराज, डा. श्यामदास जी महाराज ज्ञानेश्वरी, एलक निशंक सागर महाराज, संत कृपाल सिंह जी महाराज आध्यात्मिक निकेतन मंडल ग्वालियर, बहिन अवधेश कुमारी प्रजापिता ईश्वरीय विश्व विद्यालय भोपाल एवं हरिगिरी बाबा संरक्षण मंडल में रहेंगे |
इस अवसर पर रा.स्व. संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त जी ने स्वामी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुलामी का दंश झेलते तत्कालीन भारत के खोये आत्मविश्वास को विश्वपटल पर पुनर्जाग्रत करने बाले विवेकानंद जी के विचारों से ही आज की ज्वलंत समस्याओं का समाधान संभव है | भारतीय आध्यात्म में ही विश्व को मार्गदर्शन करने की क्षमता तथा सिद्धता है और स्वामी विवेकानंद के अनुसार नियति ने भारत की यही भूमिका सुनिश्चित की है | केन्द्रीय पदाधिकारी श्री अभय वापट ने अपने उद्वोधन में कहा कि सार्धशती आयोजन के दौरान पूरे भारत में चार करोड़ घरों तक स्वामी जी का राष्ट्र चेतना का सन्देश ले जाने का संकल्प लेकर स्वामी जी को अपेक्षित युवा आगे आयेंगे और नए भारत का निर्माण करेंगे I स्वामी विवेकानंद की मान्यता के अनुसार युवा ऊर्जा के सकारात्मक उपयोग हेतु युवा आयाम, देश के सर्वांगीण उन्नति में महिलाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने हेतु संवर्धनी आयाम, प्रवुद्धजनों में राष्ट्रीय भाव जागरण हेतु प्रवुद्ध आयाम, आत्मनिर्भर ग्राम निर्माण हेतु ग्रामायण आयाम तथा वनवासी समाज के साथ समाज की समरसता हेतु अस्मिता आयाम की रचना की गई है | पूरे वर्षभर के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए श्री वापट ने बताया कि १२ जनवरी २०१३ को सार्धशती कार्यक्रम का उदघाटन स्थान स्थान पर भव्य शोभायात्राओं से होगा, १८ फरवरी को सम्पूर्ण देश में सामूहिक सूर्यनमस्कार कार्यक्रम होंगे, १ फरवरी से २० फरवरी तक गृह संपर्क अभियान के दौरान ग्रामों, नगरों व महानगरों के हर घर में स्वामी जी के विचार व सन्देश पहुंचाए जायेंगे, युवाओं की व्यापक सहभागिता के लिए विश्व विजय दिवस ११ सितम्बर को भारत जागो मेराथन दौड़ का आयोजन होगा | उपरोक्त के अतिरिक्त गोष्ठियां, परिसंवाद, युवाओं के युवा सम्मलेन, महिलाओं के शक्ति सम्मलेन, किशोरी संसद, ग्राम महोत्सव, वनवासी सम्मेलनों के आयोजन द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचार जन जन तक पहुंचाए जायेंगे | कार्यक्रम का समापन १२ जनवरी २०१४ को मानव श्रंखला द्वारा होगा जिसके माध्यम से “मैं नहीं हम” की भावना का प्रसार किया जाएगा |
कार्यक्रम का सञ्चालन समिति के सचिव श्री सोमकांत उमालकर ने तथा आभार प्रदर्शन डा. अखिलेश गुमाश्ता ने किया | कार्यक्रम में कुल 70 की संख्या में मध्य प्रान्त , मालवा प्रान्त तथा महाकोशल प्रान्त से कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
स्वामी विवेकानंद जी के १५० वे जन्म वर्ष के उपलक्ष में सम्पूर्ण देश में उनके सपनों का स्वावलंबी समर्थ भारत निर्माण करने सार्धशती समारोह का आयोजन १२ जनवरी २०१३ से १२ जनवरी २०१४ तक होने जा रहा है | इस दौरान स्वामी जी के विचारों के प्रचार के साथ व्यापक पैमाने पर ग्रामीण व वनवासी अस्मिता जागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे | आज स्वराज भवन भोपाल में इस महत्वाकांक्षी व जन हितैषी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश राज्य समारोह समिति की घोषणा स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह के केन्द्रीय अधिकारी श्री अभय वापट द्वारा की गई | सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व मानवाधिकार आयोग मध्यप्रदेश के पूर्व अध्यक्ष श्री डी.एम. धर्माधिकारी इस समारोह समिति के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष श्री वृजकिशोर कुठियाला कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय भोपाल, डा. गोविन्द मिश्र प्रख्यात साहित्यकार व कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय जबलपुर तथा श्रीमती सीमा भिसे बने | सचिव श्री सोमकांत उमालकर भोपाल एवं सहसचिव डा. अखिलेश गुमाश्ता जबलपुर व श्री अमित जैन इंदौर रहेंगे | कोषाध्यक्ष के रूप में श्री व्रह्मानंद खंडेलवाल तथा सह कोषाध्यक्ष के रूप में श्री प्यारेलाल चौरसिया भोपाल, श्री राकेश भावसार इंदौर एवं श्री गोवर्धनलाल श्रीवास्तव जबलपुर कार्य करेंगे | इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविद, साहित्यकार समाजसेवियों की समारोह समिति भी घोषित की गई | स्मरणीय है की प्रख्यात आध्यात्मिक विभूति माँ अमृतानंदमयी इस समारोह की अखिल भारतीय अध्यक्ष हैं | मध्यप्रदेश में भी रामकृष्ण मिशन के सुनील जी महाराज, ॐकारेश्वर शक्ति पीठ की साक्षी दीदी माँ, नागोरिया पीठाधीश्वर विष्णु प्रपन्नाचार्य जी महाराज, डा. श्यामदास जी महाराज ज्ञानेश्वरी, एलक निशंक सागर महाराज, संत कृपाल सिंह जी महाराज आध्यात्मिक निकेतन मंडल ग्वालियर, बहिन अवधेश कुमारी प्रजापिता ईश्वरीय विश्व विद्यालय भोपाल एवं हरिगिरी बाबा संरक्षण मंडल में रहेंगे |
इस अवसर पर रा.स्व. संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त जी ने स्वामी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुलामी का दंश झेलते तत्कालीन भारत के खोये आत्मविश्वास को विश्वपटल पर पुनर्जाग्रत करने बाले विवेकानंद जी के विचारों से ही आज की ज्वलंत समस्याओं का समाधान संभव है | भारतीय आध्यात्म में ही विश्व को मार्गदर्शन करने की क्षमता तथा सिद्धता है और स्वामी विवेकानंद के अनुसार नियति ने भारत की यही भूमिका सुनिश्चित की है | केन्द्रीय पदाधिकारी श्री अभय वापट ने अपने उद्वोधन में कहा कि सार्धशती आयोजन के दौरान पूरे भारत में चार करोड़ घरों तक स्वामी जी का राष्ट्र चेतना का सन्देश ले जाने का संकल्प लेकर स्वामी जी को अपेक्षित युवा आगे आयेंगे और नए भारत का निर्माण करेंगे I स्वामी विवेकानंद की मान्यता के अनुसार युवा ऊर्जा के सकारात्मक उपयोग हेतु युवा आयाम, देश के सर्वांगीण उन्नति में महिलाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने हेतु संवर्धनी आयाम, प्रवुद्धजनों में राष्ट्रीय भाव जागरण हेतु प्रवुद्ध आयाम, आत्मनिर्भर ग्राम निर्माण हेतु ग्रामायण आयाम तथा वनवासी समाज के साथ समाज की समरसता हेतु अस्मिता आयाम की रचना की गई है | पूरे वर्षभर के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए श्री वापट ने बताया कि १२ जनवरी २०१३ को सार्धशती कार्यक्रम का उदघाटन स्थान स्थान पर भव्य शोभायात्राओं से होगा, १८ फरवरी को सम्पूर्ण देश में सामूहिक सूर्यनमस्कार कार्यक्रम होंगे, १ फरवरी से २० फरवरी तक गृह संपर्क अभियान के दौरान ग्रामों, नगरों व महानगरों के हर घर में स्वामी जी के विचार व सन्देश पहुंचाए जायेंगे, युवाओं की व्यापक सहभागिता के लिए विश्व विजय दिवस ११ सितम्बर को भारत जागो मेराथन दौड़ का आयोजन होगा | उपरोक्त के अतिरिक्त गोष्ठियां, परिसंवाद, युवाओं के युवा सम्मलेन, महिलाओं के शक्ति सम्मलेन, किशोरी संसद, ग्राम महोत्सव, वनवासी सम्मेलनों के आयोजन द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचार जन जन तक पहुंचाए जायेंगे | कार्यक्रम का समापन १२ जनवरी २०१४ को मानव श्रंखला द्वारा होगा जिसके माध्यम से “मैं नहीं हम” की भावना का प्रसार किया जाएगा |
कार्यक्रम का सञ्चालन समिति के सचिव श्री सोमकांत उमालकर ने तथा आभार प्रदर्शन डा. अखिलेश गुमाश्ता ने किया | कार्यक्रम में कुल 70 की संख्या में मध्य प्रान्त , मालवा प्रान्त तथा महाकोशल प्रान्त से कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
Monday, December 10, 2012
Rural Development Activities - October 2012
Vivekananda Kendra Rural Development Programme report for the month of October , 2012.
Rural Development Activities - October 2012
Rural Development Activities - October 2012
VKNARDEP : Newsletter November 2012
This month newsletter is about how the whole humanity is undergoing a complete transformation.This change is happening around us. Nevertheless we have a choice as to whether we want to change ourselves - as an individual. What is the nature of this change? How does this change makes a holistic transformation? This newsletter presents you an excerpt on this subject of change from an interview with Gary Zukav – author of ‘Dancing Wu Li Masters’ – which was a pioneering book on physics and Eastern philosophy in early 1970s. However the interview itself is in 2012.
We bring you our regular happenings: traditional medical practices workshops, which aim to create awareness about these cost-effective indigenous medical practices which are indigenous to the regions, Azolla training camp and also Shakthi Surabhi training and installation. Shakthi Surabhi bio-methanation plant has been featured in Pasumai Vikatan. In our publications division we provide an excerpt from 'Akshaya Vikas' our volume on sustainable development which speaks about the key differences between Indic way as well as vision of life and the Western. The former is slowly but surely getting validated by the worldview of emerging trends across many scientific disciplines. Beyond the changing society and emerging paradigms, some values remain eternal. In our wisdom session we have stories from the Upanishads which are both deeply spiritual and at the same time socially and spiritually relevant.
So this newsletter provides an in-depth glimpse into the way the planet is changing and how the eternal values act as the charioteer. The Upanishad stories presented here speak of how sharing the food has a mandatory spiritual basis. They speak of how the true knowledge is imparted and how the knowledge is realized as wisdom and a way of life. You can download all these from the newsletter which is available here. Happy Reading!Brief of Celebration Committee meeting and invitation for 11th January
The first meeting of the Swami Vivekananda Sardhashati Samaroh Samiti was held on 4th December, 2012. We are thankful to the honourable Sanrakshas and members for their participation in the meeting. The suggestions made by the members have been noted and every effort will be made to implement them.
The meeting was addressed by Hon’ble P. Parmeshwaran ji and the concluding remarks were made by Dr. Subhash Kashyap, Honorary chairman of the Samiti. Swami Amritaswarupananda Puriji was present as a nominee of Hon’ble Mata Amritanandmayi Deviji. The message of Mataji was read out. The blessings of Mataji have inspired us for furtherance of our work.
We have great pleasure to invite you for the Inaugural function of the celebrations to be held in Delhi on 11th Jan, 2012. The Programme details will be communicated in due course. Kindly book the day to attend the function. The necessary arrangements of stay will be made by us. The Presidents of the State Committees are requested to participate in the function and Shobha Yatras at their respective places.
The meeting was addressed by Hon’ble P. Parmeshwaran ji and the concluding remarks were made by Dr. Subhash Kashyap, Honorary chairman of the Samiti. Swami Amritaswarupananda Puriji was present as a nominee of Hon’ble Mata Amritanandmayi Deviji. The message of Mataji was read out. The blessings of Mataji have inspired us for furtherance of our work.
We have great pleasure to invite you for the Inaugural function of the celebrations to be held in Delhi on 11th Jan, 2012. The Programme details will be communicated in due course. Kindly book the day to attend the function. The necessary arrangements of stay will be made by us. The Presidents of the State Committees are requested to participate in the function and Shobha Yatras at their respective places.
Formation of Swami Vivekananda Sardha Shati Samaroha Samiti in Andaman
The year 2013 is the 150th birth anniversary year of the great patriot-monk and nation-builder of our country – Swami Vivekananda. In order to celebrate this occasion in a befitting manner in these Isles as the part of its national programme, by spreading the message and the principles of the great Swamiji to every individual of these islands, a Samiti has been formed in the name Swami Vivekananda Sardha Shati Samaroha Samiti (SVSSSS). In a program organized on 8th December 2012 in Vivekananda Kendra, Portblair, people from different walks of life attended and a Samiti was formed with Pujya Swami Haripadananda of Bharat Sevasharam Sangh and Pujya Swami Suddhananda of Chinmaya mission Portblair as the patrons, Sri P.K.Singh, Chief Engineer, APWD as the President, Dr. R.N.Rath, Principal, M.G. Govt College, Mayabunder as a Vice President, Sri Sumanta Kumar Nag, Manager, United Bank of India, Prothrapur as the Secretary, Sri P.S.Murty, Vivekananda Kendra, Andaman and Sri S.Vijayakumar, Principal, VKV Portblair as Joint Secretaries, Sri Anil Goel of Karan Trading (I) Pvt Ltd as Treasurer, Sri A.K.Maheswari, businessman as Joint treasurer. The samiti also has many leading personalities of the islands as its members.
During the programme, Sri S.Vijayakumar, Principal, VKV explained that the aim of the celebration is to give the universal message of Bharat – oneness, respect, diversity and immortality of the soul – in the words of Swami Vivekananda to as many as possible. As planned at the national level, there will be five segments of work area (Aayaam) to be carried forward such as –Yuva, Prabhuddha Bharat, Asmita, Gramayan and Samvardhini. Swamiji’s message has to be spread through out all segments of the society like youth, intellectuals, Tribals, Rural masses and women to gain confidence in the self, having higher aim in the life, spreading universal love and strengthening our traditional values and knowledge. Sri Sumanta Kumar Nag briefed the future plans of the samiti to the gathering. Swami Haripadananda blessed all. The programme concluded with Shanti mantra after the vote of thanks proposed by Dr. Amitabh Dey.
During the programme, Sri S.Vijayakumar, Principal, VKV explained that the aim of the celebration is to give the universal message of Bharat – oneness, respect, diversity and immortality of the soul – in the words of Swami Vivekananda to as many as possible. As planned at the national level, there will be five segments of work area (Aayaam) to be carried forward such as –Yuva, Prabhuddha Bharat, Asmita, Gramayan and Samvardhini. Swamiji’s message has to be spread through out all segments of the society like youth, intellectuals, Tribals, Rural masses and women to gain confidence in the self, having higher aim in the life, spreading universal love and strengthening our traditional values and knowledge. Sri Sumanta Kumar Nag briefed the future plans of the samiti to the gathering. Swami Haripadananda blessed all. The programme concluded with Shanti mantra after the vote of thanks proposed by Dr. Amitabh Dey.
विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी मध्यप्रांत के तत्वाधान में मध्यप्रदेश लोक शिक्षा संचनालय द्वारा आयोजित व्यक्तित्व विकास शिविर "समर्थ" एवं "तेजस"
25,26,27 नव 2012 को स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश लोक शिक्षा संचनालय द्वारा प्रदेश के चयनित शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए एक शैक्षिक यात्रा का आयोजन किया गया I जिस दौरान कन्याकुमारी स्थित विवेकानन्द पुरम में विवेकानन्द केंद्र द्वारा सभी शिक्षकों को "समर्थ" एवं विद्यार्थियों को "तेजस" प्रतिमान के माध्यम से प्रशिक्षित् किया गया दोनों प्रतिमान शिविरों का सञ्चालन् एक साथ् हुआ I 25 नव.को सभी शिविरार्थियों ने विवेकानन्दपुरम में - गंगोत्री,ग्रामोदय, ARISE AWAKE प्रदर्शनी का अवलोकन किया साथ ही समुद्र के मध्य स्थित राष्ट्रिय शिलास्मारक का चिरस्मरणीय भ्रमण व माँ कन्याकुमारी मंदिर के दर्शन किये जिनकी तप:साधना आज् भी प्रत्येक दर्शनार्थी को प्रेरित करती है I
२६ नव को प्रात: पुरम के समुद्र तट पर की उत्ताल लहरों के गंभीर नाद आह्वान को सुनते
हुए प्रथम सूर्योदय दर्शन के प्रसंग ने तो मनो जैसे सभी दर्शनार्थियों के मन मानस पर स्थाई चिन्ह् ही अंकित कर दिया I अल्पाहार के पश्चात 9.30 बजे दोनों शिवरों का प्रथक उद्घाटन् हुआ I "तेजस" एवं "समर्थ"
प्रतिमान् शिविरों में पी पी टी के माध्यम से क्रमश: चार एवं तीन संकल्पनात्मक सत्रों एवं विभिन्न खेल, गीत इत्यादी के माध्यम से प्रशिक्षणदियागया I
दिनांक 27 नव. को दोनों शिविरों का समापन सामूहिक रूप से एकनाथ सभागृह् में संपन्न हुआ जिसमे कुल 145 प्रशिक्षनार्थी एवं 25 केंद्र कार्यकर्ता उपस्थित थे I शिविर में प्रदेश के 37 जिलों से 57 छात्र / छात्राओं तथा 41 जिलों से 72 शिक्षक/शिक्षिकाओं ने भाग लिया साथ में 16 पर्यवेक्षक (वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी) भी सम्मिलित हुए I तेजस् प्रतिमान् शिविर के शिविर् प्रमुख् श्री विवेक् श्रीवास्तव जी एवं समर्थ् प्रतिमान् शिविर के शिविर् प्रमुख् श्री संजय पवार जी थे I
शिविर सञ्चालन व व्यवस्था में मध्यप्रांत के 19 कार्यकर्ता सहभागी हुए I
विवेकानंद केंद्र की राष्ट्रिय उपाध्यक्ष - मा. निवेदिता दीदी ,एवं मा. अपर्णा दीदी, आ. मामा जी, आ. दीपक् जी एवं मध्यप्रांत से आ. भवरसिंह जी राजपूत , आ.शीतल दीदी (प्रान्त् संगठक)के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारिओं के विशेष मार्गदर्शन में शिविर संपन्न् हुआ I
विवेकानन्द जयंती पर देश भर में चलेंगे कार्यक्रम - हिमाचल प्रदेश
शिमला — स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती के अवसर पर प्रदेश में वर्ष भर विवेकानंद जयंती सार्ध शती कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो 25 दिसंबर से 12 जनवरी, 2014 तक चलेंगे। यह जानकारी शुक्रवार को विवेकानंद केंद्र कन्या कुमारी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए बालकृष्णन ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम विवेकानंद पर केंद्रित होंगे, जिसमें समाज के हर वर्ग सहित स्कूली छात्रों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदर्श समाज की स्थापना के लिए मानव को अपने निजी स्वार्थों को त्याग कर स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करना होगा।
आज पाश्चात्य समाज से प्रभावित होकर युवा वर्ग संस्कारविहीन और दिशाहीन हो गया है, जिससे समाज में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। आज स्वामी विवेकानंद के आदर्श व विचार युवा पीढ़ी के लिए सही मार्गदर्शक बन सकते हैं, जिसके चलते देश-विदेश सहित प्रदेश में सार्ध शती कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं, जिसका आरंभ 25 जनवरी को संकल्प दिवस से होगा, जिसमें युवा की दृष्टि से नामक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जबकि जन्मदिवस पर 12 जनवरी 2013 को खंड स्तर तक समाज में चलने वाली विभिन्न धार्मिक संगठनों की सहभागिता से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। 18 फरवरी को युवाओं के लिए सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम, पहली से 30 अप्रैल तक ग्राम संपर्क घर -संपर्क कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर से घर-घर जाकर स्टिकर, साहित्य, कैलेंडर वितरित किए जाएंगे। 11 सितंबर को भारत जागो दौड़ आयोजित की जाएगी, जिसमें 18 से 40 वर्ष तक खंड स्तर तक दौड़ आयोजित होगी।
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विवेकानंद सार्ध शती समारोह १२ जनवरी से - राजस्थान
सिटी रिपोर्टर, स्वामी विवेकानंद की १५०वीं जयंती को सार्धशती समारोह के रुप में मनाया जाएगा। पिंकसिटी प्रेस क्लब में रविवार को प्रेस वार्ता में स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति के संयोजक टोकेकर ने बताया कि समारोह के तहत १२ जनवरी 2013 से १२ जनवरी २०१४ तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस समारोह का संदेश भारत जागो विश्व जगाओ रखा गया है। समारोह की शरुआत ११ जनवरी को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम से होगी । इस कार्यक्रम में माता अमृतानंदमयी देवी, दलाई लामा, रामकृष्ण मिशन के स्वामी गौतमानंद महाराज, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत, चिन्मय मिशन के स्वामी निखिलानंद और विवेकानंद केन्द्र के अध्यक्ष पी परमेश्वर गेस्ट के रुप में उपस्थित रहेगें। इसके बाद पूरे देश में शोभायात्रा, सामूहिक सूर्य नमस्कार, भारत जागो दौड़, गृह संपर्क, प्रदर्शनी, प्रतियोगिता, युवा सम्मेलन और मातृ सम्मेलन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । राजस्थान में २५ हजार शोभायात्राओं के साथ १२ जनवरी को इस समारोह की शरुआत होगी। समिति के सचिव डाँ। जसविन्द्र सिंह ने बताया कि देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और अराजकता को युवा शक्ति ही रोक सकती है।
स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह का देश-विदेश में होगा भव्य आयोजन - महाराष्ट्र
- देशभर में शोभायात्रा
- विदेशों में भी उपक्रम
- 4 करोड़ घरों में सम्पर्क का महाभियान
- 150 पुस्तकों का प्रकाशन
- 3 हजार गांवों में सामूहिक सूर्यनमस्कार
- देशभर में भारत जागो दौड़
- विदेशों में भी उपक्रम
- 4 करोड़ घरों में सम्पर्क का महाभियान
- 150 पुस्तकों का प्रकाशन
- 3 हजार गांवों में सामूहिक सूर्यनमस्कार
- देशभर में भारत जागो दौड़
महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष श्री शिवशंकरभाऊ पाटिल का पत्रपरिषद में प्रतिपादन ।
शेगांव । स्वामी विवेकानन्दजी की 150 वीं जयंती आगामी 12 जनवरी, 2013 से 12 जनवरी, 2014 तक वर्षभर स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति के माध्यम से मनाया जाएगा । स्वामीजी शक्तिदायी संदेशों को इस निमित्त अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने का बड़ा लक्ष्य समिति ने रखा है ।
‘भारत जागो - विश्व जगाओ' इस संकल्पना पर आधारित अनेक कार्यक्रम तथा उपक्रमों का वर्षभर आयोजन किया जाएगा ।
स्वामी विवेकानन्दजी की यह जयंती केवल भारत के साथ ही विश्वभर मनाया जा रहा है । इसी पाश्र्वभूमि पर स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति की स्थापना की अधिकृत घोषणा करते हुए हमें आनंद हो रहा है । देश के सभी राज्यों में इस समिति के अंतर्गत प्रान्त समितियों का गठन किया गया है । सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक, आध्यात्मिक गुरु, स्वामी विवेकानन्द के विचारों को प्रसारित करनेवाले तथा देश के अनेक संस्था एवं समिति में सम्मिलित हो रहे हैं ।
वंदनीय माता अमृतानन्दमयी ने इस समिति के अध्यक्ष के रूप में अपनी सहमति देकर इस पद को विभूषित किया है । साथ ही भूतपूर्व संसद सचिव डॉ. सुभाष कश्यप इस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगे ।
स्वामीजी की यह 150वीं जयंती स्वयं की शक्ति को पहचानकर अपने दायित्व के प्रति जागृत होकर संसार को तेजोमय बनाने का स्वर्णिम अवसर लेकर आ रहा है, ऐसा हम समझते हैं । सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समाज के सभी अंगों के सहभाग को सुनिश्चित करने के लिए देशभर में विविध कार्यक्रमों पंचमुखी कार्यक्रमों की योजना बनाई है । वे इस प्रकार हैं-
आयाम :
1. युवा शक्ति आयाम - युवाओं के लिए आयाम विशाल युवा शक्ति (मुख्यत: 40 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थी एवं अविद्यार्थी युवाओं पर केंद्रित) को जाग्रत कर सही दिशा देने के लिए सेवा, स्वाध्याय, सुरक्षा और स्वावलंबन । इस दिशा में युवा शक्ति को जागृत करनेवाले युवा सम्मेलन तथा युवा केन्द्रीत कार्यक्रमों का आयोजन
2. संवर्धिनी आयाम - महिलाओं के लिए आयाम राष्ट्रीय जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्त्री क्षमता के संवर्धन और सम्मान के लिए शक्ति, संस्कार, स्वाध्याय और सेवा ।
3. ग्रामायण आयाम - ग्रामीणों के लिए आयाम देश के विकास में ग्रामीणों के योगदान का सम्मान और उनके सम्पूर्ण विकास में सहयोग करने के लिए विकास, समरसता, सत्संग और सेवा ।
4. अस्मिता आयाम - जनजाति वर्ग (पर्वतीय एवं वनवासी क्षेत्र के लोगों के लिए आयाम) भारत की सभी जनजातियों की लोक आस्था और संस्कृति के सम्मान, संरक्षण, संवर्धन, उन्नति और अनुपालन के लिए सेवा, संस्कार, समरसता और सजगता ।
5. प्रबुद्ध भारत आयाम - सामाजिक एवं वैचारिक प्रबुद्ध वर्ग के लिए आयाम । राष्ट्र निर्माण में संभ्रान्त और विद्वतजनों की संयुक्त एवं नियोजित भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सामर्थ्य, संकल्प, शुचिता और विश्वास ।
इन सभी आयामों की दृष्टि से विविध व्याख्यान, परिसंवाद, सेमिनार आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ।
बृहद् कार्यक्रम
1) 12 जनवरी, 2013 स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के अवसर पर समिति द्वारा देश के सभी प्रमुख शहरों तथा गांवों में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी ।
2) 18 फरवरी, 2013 को देशभर विद्यालयीन तथा महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं द्वारा सामूहिक सूर्यनमस्कार किया जाएगा । इस आयोजन में 3000 से अधिक ग्राम सम्मिलित होंगे । महाराष्ट्र के 500 से अधिक स्थानों पर सामूहिक सूर्यनमस्कार सम्पन्न होंगे ।
3) 11 सितम्बर, 2013 को स्वामी विवेकानन्दजी के शिकागो में दिए गए विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण की स्मृति में भारत के युवाओं द्वारा ‘भारत जागो दौड़' का बृहद कार्यक्रम देशभर सम्पन्न होगा ।
साहित्यसेवा द्वारा प्रसार
स्वामीजी के प्रेरक जीवनी तथा विचारों पर आधारित 150 साहित्यों का प्रकाशन कर न्युनतम दर में उपलब्ध कराके जन सामान्य तथा बुद्धिजीवियों तक इसे समिति द्वारा पहुंचाया जाएगा ।
विदेशों में भी विवेकानन्द
11 सितम्बर, 2013 को स्वामीजी के ऐतिहासिक व्याख्यान का स्थान ‘शिकागो' में शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है । संसार के 30 से 35 देशों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।
इन सभी प्रकार के उपक्रमों तथा कार्यक्रमों का आयोजन महाराष्ट्र में बहुत ही भव्यता से किया जाएगा । महाराष्ट्र प्रान्त समिति के अध्यक्ष श्री शिवशंकरभाऊ पाटिल तथा प्रान्त समिति के सचिव श्री सुधीर जोगलेकर ने इस महान अवसर पर देशवासियों को भारी संख्या में गहन आत्मियता से स्वामीजी के सार्ध शती में सहभागी होने का आह्वान किया है । उसी प्रकार उन्होंने मीडिया को स्वामी विवेकानन्दजी के संदेशों को वर्षभर अपने समाचार पत्र-पत्रिकाओं तथा चैनलों के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाने का आह्वान किया है ।
Ref Link :
http://bit.ly/TTwUgb
http://www.newsbharati.com/Encyc/2012/11/26/State-wide-celebrations-of-Swami-Vivekanand-s-150th-birth-anniversary.aspx
Friday, December 7, 2012
Investigatory Project in Social Science
In an attempt to understand village life, an Investigatory Project in Social Science was undertaken by Vivekananda Kendra Shiksha Prasar Vibhag for the students of Vivekananda Kendra Vidyalayas in Assam & Nagaland. The students in each school visited and explored different aspects of two nearby villages under the project.
We extend our heartfelt invitation to you all to see, understand and assess the facts and findings of the projects undertaken by students of different Vivekananda Kendra Vidyalayas on 8, 9 December, 2012 at Natya Mandir, Nalbari. Dr. J.K Bajaj, Director, Centre for Policy Studies, New-Delhi has kindly consented to be the Chief Guest in the programme.
Invitation Socail Science Project - 2012
We extend our heartfelt invitation to you all to see, understand and assess the facts and findings of the projects undertaken by students of different Vivekananda Kendra Vidyalayas on 8, 9 December, 2012 at Natya Mandir, Nalbari. Dr. J.K Bajaj, Director, Centre for Policy Studies, New-Delhi has kindly consented to be the Chief Guest in the programme.
Wednesday, December 5, 2012
Sadhana Diwas celebration and Science & Art exhibition at VKV Kanyakumari
Vivekananda Kendra Vidyalaya, Kanyakumari celebrated the birth anniversary of Mananeeya Eknathji Ranade as Sadhana Diwas on 19th November, 2012. The school also organized a science and arts exhibition which concluded on that that day. The untiring efforts of Eknathji in building the majestic Rock memorial at the feet of Bharat mata and formation of the man-making nation-building mission, Vivekananda Kendra, were recounted. Sri K. Manokaran, District Educational Officer, Nagercoil was the chief guest. He praised Mananeeya Eknathji Ranade for his efforts in the construction of V. K and Vivekananda Rock Memorial and also appreciated our students for their scientific talent and beautiful paintings.
Samartha - a teachers orientation camp at Miao
Vivekananda Kendra Arunachal Prant conducted one SAMARTHA, a Teachers Orientation Camp at Community Hall Miao, Dist-Changlang on 2nd December 2012. 34 teachers from various schools of Miao, Kharsang and Bordumsa participated in this orientation camp. The camp was inaugurated by Sri S. Roy, Circle Officer, Miao. In his inaugural speech, he lauded the noble initiative of Vivekananda Kendra and appealed to the teachers to take full advantage of these sorts of opportunities. Resource persons Barnali Hazarika and Dr.D.D.Adhikari from Vivekananda Kendra conducted the sessions. The programme was attended by AEDO, Miao, Sri B.Singh and he assured all possible help from his department to conduct more such camps, especially for SSA teachers of Changlang district. The participants shared their experience in the concluding session. Er.Nampong Ngemu, Vibhag Pramukh (Tirap Vibhag), Vivekananda Kendra Arunachal Prant delivered the concluding lecture, where he appealed to all the teachers to perform their duties with full dedication to make the society more positive and vibrant.
Sardha Shati Samaroha Samiti formed in Odisha
The 150th birth anniversary of Swami Vivekananda will be celebrated across the country from January 12, 2013 to January 12, 2014. The grand celebration titled as ‘Swami Vivekananda Sardha Shati Samaroha’ will be a great opportunity to spread the inspiring message of Swamiji to the whole world. The theme of the celebration will be ‘Wake up Bharat! Enlighten the World!’ A State-level celebration committee has been formed for Odisha with social leader Col (retired) Sarat Kumar Mahapatra as its president and educationist Dr Dhirendra Nanda as its secretary. Secretary of the committee’s publicity wing Ashok Kumar Sahoo also said several administrators, educationists, social workers, artists, doctors and many other reputed personalities of the State have given their consent to act as members of the committee.
Launching of Haryana Prant Samaroh Samiti
Swami Vivekananda 150th Birth anniversary is just approaching. Whole nation is preparing for grand celebration of him.
Vanue : S. D. Collage Panipat
Date : 16 dec. 2012 11:00am to 2:00pm
Tuesday, December 4, 2012
VKV Ziro's Winning Performance
“Unless my parents and teachers supported me, I would not have achieved this prestigious award”, said Nani Oniya the winner of 2nd National Level Exhibition & Project Competitions, 2012 organized at New Delhi by Innovation in Science Pursuit for Inspired Research (INSPIRE), Ministry of Science and Technology, epartment of Science and Technology, Govt. of India. Nani Oniya, daughter of Nani Tatung and Nani Yassey, a student of Class-X of VKV School, Ziro has brought laurels for the Ziro in particular and state as a whole by winning in 2nd National Level Exhibition & Project Competitions, 2012.
In honour of her achievements, the Ziro VKV school authority has organized a photo session programme on Tuesday where Oniya shared her experience.
“In the year 2011, when I was in class IX, my class teacher informed me of the district level exhibition competition particularly for those who stood first position in class-VIII & Class-IX exam. As I have passed Class VIII in first position, I along with the topper of class IX, who is now in class X, were selected for participating the district level INSPIRE competition. Accordingly, under the guidance of our teachers, we were participated the competition and stood topper and selected for state level competition,” said Oniya.
As state level was schedule during our school vacation, my mother accompanied me to Itanagar for taking part in the competition. In state level too, the model presented by me had impressed the judges. However I stood in 6th position. As per Govt. of India instruction, the State level competitors of upto sixth ranks could participate the national level INSPIRE competition. As such, I prepared for the national level.
Finally in the month of November this year, the national level competition was held at New Delhi where I presented a model on ‘Balcony Composting’ with a theme: Science, Society and Environment and with sub-theme ‘Agriculture’.
Impressed on my innovative model, the judges selected me as first for the Arunachal Pradesh. Selection of the rank is awarded amongst the participants of a state but not on national basis. Accordingly, I was awarded first prize for Arunachal Pradesh in 2nd National Level Exhibition & Project Competitions-2012, she added.
After narrating details of her participations, she expressed her gratitude to principal and teachers of VKV, Ziro and her parents for the valuable guidance and inspiration which helped her to win the award. Overjoyed with the success of Oniya, Anand Mohan Mishra, principal of the school said that they will produce more Onyia from his school for bringing more laurels to school in near future. He wished that Oniya brings more innovative for presenting in international level in future.
Later, while displaying the model presented by Oniya at New Delhi, Principal explained in brief on importance of “Balcony composting”. Gardening is one of the hobbies that bring you close to the nature or environment. Today the cities are growing fast and space around us is decreasing. Though you are interested in gardening, you may not have land to practice it. So, the Balcony Gardening with the help of composting kitchen refuse in balcony may help you to practice.
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