सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री डी.एम. धर्माधिकारी बने स्वामी विवेकानंद सार्धशती राज्य समारोह समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष |
स्वामी विवेकानंद जी के १५० वे जन्म वर्ष के उपलक्ष में सम्पूर्ण देश में उनके सपनों का स्वावलंबी समर्थ भारत निर्माण करने सार्धशती समारोह का आयोजन १२ जनवरी २०१३ से १२ जनवरी २०१४ तक होने जा रहा है | इस दौरान स्वामी जी के विचारों के प्रचार के साथ व्यापक पैमाने पर ग्रामीण व वनवासी अस्मिता जागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे | आज स्वराज भवन भोपाल में इस महत्वाकांक्षी व जन हितैषी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश राज्य समारोह समिति की घोषणा स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह के केन्द्रीय अधिकारी श्री अभय वापट द्वारा की गई | सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व मानवाधिकार आयोग मध्यप्रदेश के पूर्व अध्यक्ष श्री डी.एम. धर्माधिकारी इस समारोह समिति के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष श्री वृजकिशोर कुठियाला कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय भोपाल, डा. गोविन्द मिश्र प्रख्यात साहित्यकार व कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय जबलपुर तथा श्रीमती सीमा भिसे बने | सचिव श्री सोमकांत उमालकर भोपाल एवं सहसचिव डा. अखिलेश गुमाश्ता जबलपुर व श्री अमित जैन इंदौर रहेंगे | कोषाध्यक्ष के रूप में श्री व्रह्मानंद खंडेलवाल तथा सह कोषाध्यक्ष के रूप में श्री प्यारेलाल चौरसिया भोपाल, श्री राकेश भावसार इंदौर एवं श्री गोवर्धनलाल श्रीवास्तव जबलपुर कार्य करेंगे | इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविद, साहित्यकार समाजसेवियों की समारोह समिति भी घोषित की गई | स्मरणीय है की प्रख्यात आध्यात्मिक विभूति माँ अमृतानंदमयी इस समारोह की अखिल भारतीय अध्यक्ष हैं | मध्यप्रदेश में भी रामकृष्ण मिशन के सुनील जी महाराज, ॐकारेश्वर शक्ति पीठ की साक्षी दीदी माँ, नागोरिया पीठाधीश्वर विष्णु प्रपन्नाचार्य जी महाराज, डा. श्यामदास जी महाराज ज्ञानेश्वरी, एलक निशंक सागर महाराज, संत कृपाल सिंह जी महाराज आध्यात्मिक निकेतन मंडल ग्वालियर, बहिन अवधेश कुमारी प्रजापिता ईश्वरीय विश्व विद्यालय भोपाल एवं हरिगिरी बाबा संरक्षण मंडल में रहेंगे |
इस अवसर पर रा.स्व. संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त जी ने स्वामी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुलामी का दंश झेलते तत्कालीन भारत के खोये आत्मविश्वास को विश्वपटल पर पुनर्जाग्रत करने बाले विवेकानंद जी के विचारों से ही आज की ज्वलंत समस्याओं का समाधान संभव है | भारतीय आध्यात्म में ही विश्व को मार्गदर्शन करने की क्षमता तथा सिद्धता है और स्वामी विवेकानंद के अनुसार नियति ने भारत की यही भूमिका सुनिश्चित की है | केन्द्रीय पदाधिकारी श्री अभय वापट ने अपने उद्वोधन में कहा कि सार्धशती आयोजन के दौरान पूरे भारत में चार करोड़ घरों तक स्वामी जी का राष्ट्र चेतना का सन्देश ले जाने का संकल्प लेकर स्वामी जी को अपेक्षित युवा आगे आयेंगे और नए भारत का निर्माण करेंगे I स्वामी विवेकानंद की मान्यता के अनुसार युवा ऊर्जा के सकारात्मक उपयोग हेतु युवा आयाम, देश के सर्वांगीण उन्नति में महिलाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने हेतु संवर्धनी आयाम, प्रवुद्धजनों में राष्ट्रीय भाव जागरण हेतु प्रवुद्ध आयाम, आत्मनिर्भर ग्राम निर्माण हेतु ग्रामायण आयाम तथा वनवासी समाज के साथ समाज की समरसता हेतु अस्मिता आयाम की रचना की गई है | पूरे वर्षभर के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए श्री वापट ने बताया कि १२ जनवरी २०१३ को सार्धशती कार्यक्रम का उदघाटन स्थान स्थान पर भव्य शोभायात्राओं से होगा, १८ फरवरी को सम्पूर्ण देश में सामूहिक सूर्यनमस्कार कार्यक्रम होंगे, १ फरवरी से २० फरवरी तक गृह संपर्क अभियान के दौरान ग्रामों, नगरों व महानगरों के हर घर में स्वामी जी के विचार व सन्देश पहुंचाए जायेंगे, युवाओं की व्यापक सहभागिता के लिए विश्व विजय दिवस ११ सितम्बर को भारत जागो मेराथन दौड़ का आयोजन होगा | उपरोक्त के अतिरिक्त गोष्ठियां, परिसंवाद, युवाओं के युवा सम्मलेन, महिलाओं के शक्ति सम्मलेन, किशोरी संसद, ग्राम महोत्सव, वनवासी सम्मेलनों के आयोजन द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचार जन जन तक पहुंचाए जायेंगे | कार्यक्रम का समापन १२ जनवरी २०१४ को मानव श्रंखला द्वारा होगा जिसके माध्यम से “मैं नहीं हम” की भावना का प्रसार किया जाएगा |
कार्यक्रम का सञ्चालन समिति के सचिव श्री सोमकांत उमालकर ने तथा आभार प्रदर्शन डा. अखिलेश गुमाश्ता ने किया | कार्यक्रम में कुल 70 की संख्या में मध्य प्रान्त , मालवा प्रान्त तथा महाकोशल प्रान्त से कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
स्वामी विवेकानंद जी के १५० वे जन्म वर्ष के उपलक्ष में सम्पूर्ण देश में उनके सपनों का स्वावलंबी समर्थ भारत निर्माण करने सार्धशती समारोह का आयोजन १२ जनवरी २०१३ से १२ जनवरी २०१४ तक होने जा रहा है | इस दौरान स्वामी जी के विचारों के प्रचार के साथ व्यापक पैमाने पर ग्रामीण व वनवासी अस्मिता जागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे | आज स्वराज भवन भोपाल में इस महत्वाकांक्षी व जन हितैषी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश राज्य समारोह समिति की घोषणा स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह के केन्द्रीय अधिकारी श्री अभय वापट द्वारा की गई | सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व मानवाधिकार आयोग मध्यप्रदेश के पूर्व अध्यक्ष श्री डी.एम. धर्माधिकारी इस समारोह समिति के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष श्री वृजकिशोर कुठियाला कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय भोपाल, डा. गोविन्द मिश्र प्रख्यात साहित्यकार व कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय जबलपुर तथा श्रीमती सीमा भिसे बने | सचिव श्री सोमकांत उमालकर भोपाल एवं सहसचिव डा. अखिलेश गुमाश्ता जबलपुर व श्री अमित जैन इंदौर रहेंगे | कोषाध्यक्ष के रूप में श्री व्रह्मानंद खंडेलवाल तथा सह कोषाध्यक्ष के रूप में श्री प्यारेलाल चौरसिया भोपाल, श्री राकेश भावसार इंदौर एवं श्री गोवर्धनलाल श्रीवास्तव जबलपुर कार्य करेंगे | इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविद, साहित्यकार समाजसेवियों की समारोह समिति भी घोषित की गई | स्मरणीय है की प्रख्यात आध्यात्मिक विभूति माँ अमृतानंदमयी इस समारोह की अखिल भारतीय अध्यक्ष हैं | मध्यप्रदेश में भी रामकृष्ण मिशन के सुनील जी महाराज, ॐकारेश्वर शक्ति पीठ की साक्षी दीदी माँ, नागोरिया पीठाधीश्वर विष्णु प्रपन्नाचार्य जी महाराज, डा. श्यामदास जी महाराज ज्ञानेश्वरी, एलक निशंक सागर महाराज, संत कृपाल सिंह जी महाराज आध्यात्मिक निकेतन मंडल ग्वालियर, बहिन अवधेश कुमारी प्रजापिता ईश्वरीय विश्व विद्यालय भोपाल एवं हरिगिरी बाबा संरक्षण मंडल में रहेंगे |
इस अवसर पर रा.स्व. संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री रामदत्त जी ने स्वामी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुलामी का दंश झेलते तत्कालीन भारत के खोये आत्मविश्वास को विश्वपटल पर पुनर्जाग्रत करने बाले विवेकानंद जी के विचारों से ही आज की ज्वलंत समस्याओं का समाधान संभव है | भारतीय आध्यात्म में ही विश्व को मार्गदर्शन करने की क्षमता तथा सिद्धता है और स्वामी विवेकानंद के अनुसार नियति ने भारत की यही भूमिका सुनिश्चित की है | केन्द्रीय पदाधिकारी श्री अभय वापट ने अपने उद्वोधन में कहा कि सार्धशती आयोजन के दौरान पूरे भारत में चार करोड़ घरों तक स्वामी जी का राष्ट्र चेतना का सन्देश ले जाने का संकल्प लेकर स्वामी जी को अपेक्षित युवा आगे आयेंगे और नए भारत का निर्माण करेंगे I स्वामी विवेकानंद की मान्यता के अनुसार युवा ऊर्जा के सकारात्मक उपयोग हेतु युवा आयाम, देश के सर्वांगीण उन्नति में महिलाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने हेतु संवर्धनी आयाम, प्रवुद्धजनों में राष्ट्रीय भाव जागरण हेतु प्रवुद्ध आयाम, आत्मनिर्भर ग्राम निर्माण हेतु ग्रामायण आयाम तथा वनवासी समाज के साथ समाज की समरसता हेतु अस्मिता आयाम की रचना की गई है | पूरे वर्षभर के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए श्री वापट ने बताया कि १२ जनवरी २०१३ को सार्धशती कार्यक्रम का उदघाटन स्थान स्थान पर भव्य शोभायात्राओं से होगा, १८ फरवरी को सम्पूर्ण देश में सामूहिक सूर्यनमस्कार कार्यक्रम होंगे, १ फरवरी से २० फरवरी तक गृह संपर्क अभियान के दौरान ग्रामों, नगरों व महानगरों के हर घर में स्वामी जी के विचार व सन्देश पहुंचाए जायेंगे, युवाओं की व्यापक सहभागिता के लिए विश्व विजय दिवस ११ सितम्बर को भारत जागो मेराथन दौड़ का आयोजन होगा | उपरोक्त के अतिरिक्त गोष्ठियां, परिसंवाद, युवाओं के युवा सम्मलेन, महिलाओं के शक्ति सम्मलेन, किशोरी संसद, ग्राम महोत्सव, वनवासी सम्मेलनों के आयोजन द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचार जन जन तक पहुंचाए जायेंगे | कार्यक्रम का समापन १२ जनवरी २०१४ को मानव श्रंखला द्वारा होगा जिसके माध्यम से “मैं नहीं हम” की भावना का प्रसार किया जाएगा |
कार्यक्रम का सञ्चालन समिति के सचिव श्री सोमकांत उमालकर ने तथा आभार प्रदर्शन डा. अखिलेश गुमाश्ता ने किया | कार्यक्रम में कुल 70 की संख्या में मध्य प्रान्त , मालवा प्रान्त तथा महाकोशल प्रान्त से कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
No comments:
Post a Comment