विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा पटना द्वारा आज दिनांक 11 सितम्बर 2015 को बी०आई०ए० के सभागार में विश्व बन्धुत्व दिवस का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता श्रद्धेय स्वामी सुखानन्द जी महाराज, सचिव रामकृष्ण मिषन, पटना अपने उद्बोधन में बताया कि आज ही के दिन स्वामी विवेकानन्द षिकागो के विष्व धर्म सम्मेलन में वसुधैव कुटुम्बकम् का मंत्र दिया था और सभी उपस्थित श्रोताओं को बहनों एवं भाइयों से संबोधित करते हुए बताया कि वैष्विक भ्रातृत्व तभी संभव है जब विभिन्न संप्रदाय व विचार धारा के लोग, अपने से भिन्न संप्रदाय व विचाराधारा का सम्मान करें। स्वामी जी ने कहा कि भारत के वेदांत परम्परा सबको साथ लेकर चलने वाली है। सनातन धर्म के जीवनदायी विचार, भारत के समरसता की सिद्धांत को समझकर और पूरी दुनिया में उसे प्रचारित प्रसारित करके वैष्विक भ्रातृत्व कायम किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि श्री डाॅली सिन्हा जी ने इस अवसर पर स्वामी जी के विचारों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विवेकानन्द केन्द्र द्वारा समाज में चलाए जा रहे सेवा कार्य की सराहना की और कहा कि विवेकानन्द्र केन्द्र वटवृक्ष का रूप धारण करेंगा जिसके सान्निध्य में रहकर करोड़ों नर-नाड़ी समाज कल्याण का कार्य करेंगे। तथा साथ ही बताया कि विवेकानन्द केन्द्र राष्ट्रीय पुनरूत्थान को केन्द्र बिन्दु में रखकर विष्व बन्धुत्व दिवस मनाता है।
विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय एकनाथ जी रानडे द्वारा प्रथम व द्वितीय बैच के जीवनव्रतियों को दिये गए भाषणों से संकलन की गई पुस्तक Spiritualizing Life का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।
विवेकानन्द्र केन्द्र पटना नगर सहसंचालक श्रीमती शिखा सिंह परमार ने केन्द्र परिचय देते हुए बताया कि आगामी कार्यक्रमों में ‘‘सफल युवा-समर्थ भारत’’ प्रतियोगिता का आयोजन पटना नगर के महाविद्यालयों में किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री सत्येन्द्र कुमार षर्मा, प्रांत व्यवस्था प्रमुख,नगर संचालक,निर्मल कुमार श्रीवास्तव, नगर प्रमुख, श्री ज्ञानेष्वर षर्मा और पटना नगर के गणमान्य जन उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment