धर्मों रक्षति रक्षित: विषय पर एक विमर्श का आयोजन आज भवन विघालय सेक्टर 15 पंचकूला मे किया गया। हरियाणा और पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक माननीय श्री कप्तान सिंह सोलंकी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित रहे। विवेकानंद शिला स्मारक समिति एवं केन्द्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कु निवेदिता जी कार्यक्रम की मुख्य वक़्ता रही। इस अवसर पर बोलते हुए कु निवेदिता जी ने कहा की "धर्म भारतवर्ष की आत्मा है। भारत की अवनती का कारण धर्म नहीं बल्कि हमने धर्म का अर्थ नहीं समझा और उसे सही रूप मे हमने अपने जीवन मे नहीं उतारा इसलिए हमारी अवनती हुई।
व्यक्ति का विकसित रूप परिवार, परिवार का विकसित रूप समाज, समाज का विकसित रूप राष्ट और राष्ट का विकसित रूप सारी सृष्टि है। अपने बड़े विकसित रूप के लिए त्याग करना ही धर्म है।
विवेकानंद केन्द्र पंजाब प्रांत के मार्गदशर्क श्री चंद्रशेखर तलवार जी ने स्वागत और परिचय किया। पंचकुला शाखा के संयोजक डां सुविक्रम ज्योति जी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का सूत्र संचालन श्री नवीन कौशिक जी ने किया? Trinity के बुद्धिजीवी वर्ग और मान्यवर लोगों ने बड़ी संख्या मे कार्यक्रम मे भागीदारी की। कार्यक्रम मे प्रश्नोत्तर भी हुए, जिनका समाधान मुख्य वक़्ता सुश्री निवेदिता भिड़े जी ने किया।
विवेकानंद शिला स्मारक समिति एवं केन्द्र के संस्थापक श्री एकनाथ रानाडे जी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर चल रहे देशव्यापी कार्यक्रमों की कड़ी मे विवेकानंद केन्द्र की पंचकूला ईकाई ने इस विमर्श का आयोजन किया। माननीय कप्तान सिंह सोलंकी जी ने इस अवसर पर श्री एकनाथ जी के जीवन पर चरित्र पर प्रकाश डाला।
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