Thursday, May 5, 2016

अजमेर में समर कैंप

Outdoor Summer Camp Ajmer 2016गर्मी के मौसम में वैसे ही बच्चे दिनभर घर पर टीवी और कम्पयूटर से चिपके रहते हैं लेकिन सुहानी शाम को यदि खेलने के साथ साथ यदि संस्कार भी मिलने लगें तो माँ बाप तुरंत ऐसे समर कैंप में बच्चों को भेजने के लिए लालायित रहते हैं और यदि यह समर कैंप विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी जैसा ‘आध्यात्म प्रेरित संगठन’ लगा रहा हो तो कहना ही क्या।

ऐसा ही नज़ारा विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की स्थानीय शाखा द्वारा 8 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आउटडोर समर कैंप में देखने को मिला जिसका आयोजन वैशाली नगर के शहीद भगत सिंह उद्यान में शाम 5 से 7 बजे तक हो रहा है। 50-60 बच्चों का झुण्ड लेकिन पूर्ण अनुशासित एवं अलग अलग गतिविधियों के लिए उत्साहित। जहाँ एक ओर नाट्य विधा का प्रशिक्षण दिया जा रहा था वहीं आत्म रक्षा के लिए जूडो कराटे। बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भाषण कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है तो वहीं भूत गली, गुलमा की पोटली, राम राजा रावण, नमस्ते जी, मतीरे की फांक, रथ दौड़, टेंक युद्ध, किसान लोमड़ी, बम फटा, मैं शिवाजी और न जाने कितने ही खेल जिनमें बच्चे मस्ती में डूब जाते। मस्ती का आलम यह कि जब खेलों के बाद सूर्यनमस्कार और व्यायाम सिखाए जाते तो भी जबरदस्त उत्साह का प्रदर्शन। नगर प्रमुख महेश शर्मा बताते हैं कि जब यह आउटडोर समर कैंप शुरू हुआ तो पहले दिन तो माता-पिता बच्चों को छोड़ कर चले गए लेकिन दो तीन दिन के बाद जब घर पर बच्चों में चमत्कारिक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला तो विवेकानन्द केन्द्र की गतिविधियों को देखने के लिए वे भी उद्यान में ही आने लगे और बच्चों को देख कर हर्षित हो रहे हैं। विवेकानन्द केन्द्र की पत्रिका केन्द्र भारती के सह-सम्पादक उमेश कुमार चैरसिया से जब बात की गई तो वे बताते हैं कि यह समर कैंप बाकी समर कैंपों से बिलकुल अलग है। इस समर कैंप में बच्चों का शारीरिक विकास तो होता ही है इसके साथ-साथ खेलों में भाग लेने से परस्पर समन्वय की भावना का विकास भी होता है। व्यायाम सूर्यनमस्कार से मानसिक ऊर्जा मिलती है और फिल्मी गीतों की बजाय भजन, देशभक्ति गीत और देश के अमर वीरों की ओजस्वी गाथाएं रोचक ढंग से सुनने से उनका आध्यात्मिक एवं मनोवैज्ञानिक विकास भी होता है। समर कैंप के अंत में जोशीले जयघोषों से जब पूरा पार्क गूंज उठता है तब पार्क में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस नज़ारे को देखने के लिए ठहर जाता है। उन्होंने बताया कि इस समर कैंप में अब तक नगर के अनेक गणमान्य लोगों ने अपने जीवन के अनुभवों से बच्चों को लाभान्वित किया जिसमें सुप्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डाॅ. आनन्द अग्रवाल, स्वप्न कुमारमंगलम, डाॅ. रश्मि शर्मा, दिव्या सोमानी, भवानी कुशवाह और अंकित शांडिल्य प्रमुख हैं। जब हनुमानजी के जीवन से जुड़े प्रसंगों को कहानी में पिरोकर जब विवेकानन्द केन्द्र के सहनगर प्रमुख अखिल शर्मा ने सुनाया तो बच्चे गदगद हो उठे। अखिल शर्मा ने कहा कि इन प्रसंगों से बच्चों में मैनेजमेण्ट, दृढ़ इच्छाशक्ति, कर्तव्यपरायणता, समर्पण और सेवा जैसे गुणों का विकास होता है। समर कैंप का प्रमुख आकर्षण अंत में होने वाली क्विज प्रतियोगिता होती है जिसमें भारत की विश्व को देन और भारत के गौरवपूर्ण सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और धार्मिक इतिहास से संबंधित रोचक प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे बच्चों का बौद्धिक विकास और आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। विवेकानन्द केन्द्र की नगर संगठक श्वेता टाकलकर कहती हैं इस समर कैंप के बाद बच्चों को तीन दिवसीय आवासीय संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जहाँ बच्चे पूरे दिन का टाइम मैनेजमेण्ट और अपने व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक चीजों के बारे में जानेगें और अभ्यास करेंगे तथा जीवन में आवश्यक नैतिक मूल्यों को भी आत्मसात कर सकेंगे। यह आवासीय शिविर भी मई के अंतिम सप्ताह में अजमेर में ही लगाया जाएगा। संस्कार वर्ग प्रमुख योगेश भारती बताते हैं कि यह समर कैंप विवेकानन्द केन्द्र के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा ही संचालित हो रहा है जिनमें अमरेन्द्र, रितेश, वर्षा, करण, देवांशु और पार्थ अपना योगदान दे रहे हैं। विवेकानन्द केन्द्र की विभाग सह-संचालक कुसुम गौतम कहती हैं कि इस प्रकार के समर कैंप अजमेर के अन्य क्षेत्रों में भी लगाए जा रहे हैं जों 1 मई से शास्त्री नगर के प्रह्लाद पार्क संख्या तीन में और 15 मई से गांधी भवन उद्यान, आदर्श नगर में शाम 5 से 7 आयोजित होंगे। विभाग प्रमुख डाॅ. स्वतन्त्र शर्मा ने बताया कि इस समर कैंप का समापन 24 अप्रैल को अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डाॅ. शिवशंकर हेड़ा के सान्निध्य में होगा तथा इस समर कैंप के बाद शहीद भगत सिंह उद्यान में ही नियमित रूप से दो घण्टे का साप्ताहिक संस्कार वर्ग आयोजित करने की योजना है जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

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