
उपस्थित जनों को
विवेकानंद केंद्र द्वारा अभी तक बिलासपुर में की गई गतिविधियों से चलचित्र के माध्यम से अवगत कराया गया, साथ ही केंद्र एक परिचय डॉक्यूमेंट्री भी दिखाया गया।
स्वामी जी केंद्र के कार्यकर्ताओं की कर्मठता तथा समाज का समाज सेवियों तथा साधु-संतों के प्रति आदर एवं सहयोग को अपने एक जीवन वृतांत का उदाहरण देकर समझाये।
इसके पश्चात गीत एवं विवेक वाणी के उपरांत प्रांत प्रमुख जी का उद्बोधन प्रारंभ हुआ, "राजपूत जी" ने अपने उद्बोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि मनुष्य को अपने जीवन का एक लक्ष्य बना कर चलना चाहिए इस लक्ष्य का तात्पर्य एक दिन अथवा एक साल अथवा पांच साल की कार्यशैली से नहीं अपितु जीवन भर के सार्थक लक्ष्य से है।
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