Thursday, December 10, 2015

अध्यात्मिक शक्तियों का मिलन बिन्दु – विवेकानन्द केन्द्र

Samidha at Biharउपरोक्त उक्तियाँ माननीय एकनाथ जी जन्म शती पर्व के समापन कार्यक्रम “समिधा“ में आनंद कुमार विवेकानन्द केंद्र के गया नगर के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कही। वे उपरोक्त कार्यक्रम में मुख्या वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन विवेकानन्द केंद्र की पटना शाखा द्वारा आई.आई.बी.एम. के सभागार में आज प्रातः 11 बजे से प्रारंभ हुआ। ज्ञात हो की एकनाथ जी विवेकानन्द शिला स्मारक और विवेकानन्द केंद्र के संस्थापक थे।
उन्हों
ने एकनाथ जी के साथ बिताये अपने कार्यानुभव बताए की एकनाथजी कहते थे की धर्म के सही अर्थ को समझने की आवश्यकता है। आज मंदिरों में भीड़ बढ़ रही है कथाओं में भीड़ बढ़ रही है परन्तु इसका प्रभाव समाज में नहीं दिख रहा है,इसलिए धर्म को सही अर्थों में समझने की आवश्यकता है। एकनाथ जी कहते थे की Man with capital ‘M’ चाहिए। मुख्य अतिथि डॉ.ऐ. के. नायक जो आई.आई.बी.एम. संस्थान के प्रमुख भी है उन्होंने बताया की विवेकानन्द दर्शन और भगवत गीता के अध्ययन से असीम शक्ति,आशा, और उत्साह का संचार होता है। स्वामी विवेकानन्द कहते थे की समाज से प्रेम और समाज के लिए त्याग की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का सञ्चालन नगर प्रमुख श्री ज्ञानेश्वर शर्मा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन नगर संचालक डॉ. निर्मल कुमार श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। तीन ॐकार प्रार्थना केंद्र कार्यकर्ता अभिषेक ने ली तथा अंतिम केंद्र प्रार्थना धर्मदास नगर संगठक पटना और शांति पाठ स्नेहा सागर ने लिया। वर्तमान में चल रही गतिविधियों की जानकारी और आगामी कार्यक्रम की जानकारी बिहार प्रान्त संगठक मुकेश कीर ने दी। अंत में आहवान किया गया की सब लोग कुछ समय दें ,कुछ लोग अधिक समय दें और अधिक लोग पूर्ण समय दें। कार्यक्रम में केंद्र के नए और पुराने कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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