Tuesday, May 30, 2017

Personality Development Workshops at Odisha

V​ivekananda ​K​endra​ Odisha Seva Prakalpa​ conducted non-residential Personality Development Workshop at 4 places in Odisha for the children to nurture not only their personality but also to inculcate the Indian values.​ First workshop was organised at Rutisela from 16th to 18th May 2017 where 72 children participated, while rest of the 3 workshops were organised at Dvabandh from 21st May to 23rd May in which 124 children participated.
Children were enrich with five fold development of personality as envisaged by Swami Vivekananda. The workshp include different games to improve concerntration, memory power and help to develop Team Spirit. Children came out with practical suggestions to make a positive changes in society.

शिमला में योग सत्र एवं साहित्य सेवा

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शिमला शाखा द्वारा 15 मई से 19 मई तक सुबह 5:45 से 6:45, आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC - SHIMLA) में  योग सत्र का आयोजन किया गया इस योग सत्र में शिथिलीकरण, सूर्य नमस्कार, आसन एवं प्राणायाम का निर्देशन एवं अभ्यास  हुआ।
इस सत्र में 43 अफ़सर एवं जवानों ने भाग लिया।

शिमला के  ऐतिहासिक गेइटी  थिएटर में हिमाचल प्रदेश भाषा संस्कृति, साहित्य अकादमी एवं   नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा लगाए गए पुस्तक मेले में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शिमला शाखा द्वारा साहित्य सेवा का आयोजन 13 से 21 मई 2017 तक  हुआ।

असंभव शब्द नहीं था एकनाथजी के शब्दकोश में

कन्याकुमारी में विवेकानन्द शिला स्मारक और विवेकानन्द केन्द्र  को साकार रुप देने वाले रा.स्व.सं. के वरिष्ठ प्रचारक एकनाथजी रानाडे के व्यक्तित्व और कृतित्व पर हाल ही में एक चलती चित्र तैयार हुआ है इस मौके पर केन्द्र की उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े से पांचजन्य के सहयोगी संपादक आलोक गोस्वामी ने बातचीत की।
http://panchjanya.com/arch/2017/02/26/default.aspx

संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर @ ​रायपुर

राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण आज की आवश्यकता है। बालकों में संस्कारों का सिंचन कर उनमें राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण किया जा सकता है। उक्त विचार व्यक्त करते हुए  डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना​ (आरएसएस प्रान्त सहसंघचालक)​ ने कहा कि बिना पराक्रम के कुछ भी प्राप्त नहीं होता। डॉ.​ पूर्णेन्दु ​सक्सेना विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा रायपुर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय आवासीय "संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर" के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नगर के प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन डॉ.विवेक चौबे तथा केन्द्र के नगर संचालक मावजीभाई पटेल मंच पर विराजमान थे।

डॉ.पूर्णेन्दु ने कहा कि धर्म प्रत्येक मनुष्य के हृदय में विद्यमान है, इसी के बल पर व्यक्ति उचित-अनुचित, सही-गलत के बीच के अंतर को समझता है। उन्होंने कहा कि आज्ञापालन और अनुशासन यदि हमारे जीवन में है तो हम निश्चित रूप से सफल होंगे। उन्होंने सद्गुरु कबीर साहब, चाणक्य, गुरु गोविन्द सिंह तथा स्वामी विवेकानन्द के जीवन प्रसंग व विचारों के आधार पर नैतिक मूल्यों के महत्व को बताया।

इस अवसर पर डॉ.विवेक चौबे ने कहा कि संस्कार हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग है। हमारी संस्कृति हमें संस्कारित करती है। जब हम पूरी निष्ठा व ईमानदारी से कार्य करेंगे तो हमारी प्रतिभा निखरेगी। हम हर कार्य में निपुण होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभावान व चरित्रवान लोगों से ही राष्ट्र का विकास होता है।

इससे पूर्व "राष्ट्र की जय चेतना का गान वन्दे मातरम्" यह शिविर गीत प्रस्तुत किया गया। शिविर की प्रस्तावना केन्द्र के सहनगर प्रमुख रूपेश अवधिया ने रखी तथा संचालन नमन शुक्ला ने किया।

Personality Development Workshopt at Balasore

Vivekananda Kendra kanyakumari Balasore branch has organised a non-residential Personality Development Workshop from 5 to 14th May 2017, in which more than 50 students participated and learn Yogabhyas, Story, Patriotic & Action Song.

Saturday, May 27, 2017

Samskar Varga Prashikshan Shivir at Beawar

Vivekanand Kendra Kanyakumari, Branch Beawar, has organised the Sanskar Varga Prashikshan Shivir from 17 to 20 May 2017. The shibir is fully residential for the student from age group 9 to 15, in which total 105 children participated and learn Mantra, SuryaNamaskars, Bhajan, Story telling, Patriotic Song and Yogabhyas.

अजमेर में योग सत्र

‘जीवन में मुस्कान’ थीम पर आधारित विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर की ओर से योग प्रशिक्षण सत्र का आरंभ शहीद भगत सिंह उद्यान, वैशाली नगर में हुआ। प्रथम चरण में सामान्य वर्ग एवं वरिष्ठ वर्ग में अभ्यास कराए गए। शिथलीकरण व्यायामों के साथ वरिष्ठ वर्ग में सूक्ष्म व्यायाम तथा चेयर सूर्यनमस्कार का अभ्यास कराया गया। क्रीड़ा योग के तहत हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की खेल हुआ।

केन्द्र के नगर प्रमुख रविन्द्र जैन ने बताया कि इस योग सत्र में वरिष्ठजन के लिए विशेष अभ्यास कराए जा रहे हैं जिनके द्वारा दिनचर्या में होने वाली जोड़ों एवं मांसपेशियों की सामान्य तकलीफों का समाधान मिलता है। योग सत्र में उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे शहीद भगत सिंह उद्यान समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र गांधी का योग की पुस्तक भेंट कर सम्मान किया गया।

योग सत्र आयोजन में डाॅ. श्याम भूतड़ा, कुशल उपाध्याय, सीए भारत भूषण बन्सल, राकेश शर्मा, नीलम अग्रवाल, जुगराज मीणा, मनोज बीजावत, राखी वर्मा, डाॅ. बी एस गहलोत, रामचन्द्र यादव, कुसुम गौतम, याशिका यादव, राजरानी कुशवाहा आदि का सहयोग रहा।

प्राणिक ऊर्जा का स्रोत है सूर्यनमस्कार

वनस्पति जगत, प्राणी जगत तथा संपूर्ण ब्रह्माण्ड की ऊर्जा का स्रोत सूर्य है। घेरण्ड संहिता में वर्णित सूर्यनमस्कार बारह आसनों का ऐसा सम्मिश्रण है जिसके अभ्यास से समस्त चराचर जगत में व्याप्त सकारात्मक ऊर्जा से न केवल शरीर अपितु मन, बुद्धि एवं प्राण भी ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाते हैं। यह अभ्यास मन को साधने का कार्य करता है जिससे स्थिरता पूर्वक आसन एवं मंथरता पूर्वक प्राणायाम करने की क्षमता विकसित होती है। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख डॉ0 स्वतन्त्र शर्मा ने केन्द्र की अजमेर शाखा की ओर से शहीद भगत सिंह उद्यान, वैशाली नगर चल रहे योग प्रशिक्षण के दूसरे दिन के सत्र में व्यक्त किए।

आज साधकों को चरणबद्ध रूप से श्वासों की गति को नियंत्रित करते हुए मंत्रोच्चार के साथ सूर्यनमस्कार का प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. शर्मा ने बताया कि मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का माध्यम योग है। इसके अभाव में हमारे मन में नैसर्गिक रूप से नकारात्मक विचार घर करने लगते हैं और यह प्रकृति का स्वभाविक नियम भी है, इसलिए हमें योग अभ्यास की समाहित अवस्था को शेष दिन की गतिविधियों के लिए व्युत्थान अवस्था में बदलने की कला आनी चाहिए। जीवन जीने की यह कला ही योग कहलाती है।

आसनों के अभ्यास से स्थिर होता है मन

आसनों से शरीर के जोड़ लचीले होते हैं। मांसपेशियों की सुदृढ़ता बढ़ती है तथा साथ ही मन भी स्थिर होने लगता है। मन की चंचलता कम होने से चित्त की वृत्तियाँ निर्मूल होती हैं। शांत मन के लिए श्वास की मंथरता आवश्यक है। इसके लिए देर तक एक मुद्रा में बैठना आवश्यक होता है जिसका अभ्यास केवल आसन सिद्धि से ही हो सकता है। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख डाॅ स्वतन्त्र शर्मा ने शहीद भगत सिंह उद्यान, वैशाली नगर में चल रहे योग प्रशिक्षण सत्र के दौरान व्यक्त किए।

Yoga Shiksha Shivir & Certificate Course at Kanyakumari

All India Yoga  Shiksha  Shivir was held in Vivekananda Puram, Kanyakumari from 05th   to 19th May 2017.

The reporting day was 4th May and most of the participants had arrived and reported during the day. Thirty nine  participants from Five different states viz, Maharastra,Tamil Nadu, Kerala, Karnataka, and West Bengal are reported.

From December 2016 Vivekananda Kendra Introduced Six Month’s Yoga Certificate Course i.e. YCC. Participants of YCC also reported on 4th May 2017, Twenty five participants from different Nine states, viz Maharashtra, Bihar, Karnatak, Kerala, Madhya Prant, Odisha, Rajasthan, Tamil Nadu and Uttar Pradesh. One Sister from Indonesia also participate in camp.

On the same day the participants  attended the Bhajan Sandhya and Introductory session, wherein the participants were given orientation for the camp. The medium of the camp was in Hindi and English. The 39 participants of Yoga Shiksha Shivir and 25 participants of Yoga Certificate Shivir were organized into Six  different groups, The Names of Holy Rishies related to Darshan Shastra given to groups.   Three English Group – Kanad, Jaimini and Ved Vyas & Three groups for Hindi – Kapil, Patanjali and Gautam

The Fifteen Day camp had Morning Prayers, Gita-Pathan, Yoga Abhyas, Shram-Samskar, two Lecture sessions, Manthan, Geet-Abhyas, Yoga Abhyas, Pranayam Abhyas,Yoga Varg,Omkar Dhyan, Cyclic Meditation,  Bhajan Sandhya, and concluded with Prerna se Punuruthhan. All Yogabhays sessions are conducted by last year’s (Dec 2016) YCC students and Shiksharthi as this is the part of their studies.

The lecture sessions were on the topics of: Concepts of Yoga, Rajayoga, Bhakti Yoga,  Jnana Yoga and Karma Yoga Shlok Sangrah, Bharateeya Samkriti, Concepts of Dharma, Kendra Prarthana, Maneeya Eknathaji, Swami Vivekananda, Story of Vivekananda Rock Memorial, Challenges and Response, Vivekananda Kendra-Concepts.

On 10th May there was session on Adi Shanka and Rama Krishna Paramhansa and Maa Sharada by Dr. K. Subramaniyam which was combined for both groups. In This Camp  two new subjects added one is Gauravshali Bharat and Tyaga aur Seva which was guided by Ma. Nivediata Didi. There was a Q & A session based on questions on Bhartiya Samskruti – All questions answered by VRMVK 's VicePresident, Ma. Nivediata Didi, who was conferred with PadmaShree Award recently.

During Manthan session Participants discussed on the subject based on various  lecture sessions. During Shram-Samskar, participants took care of the cleanliness, arrangement and management of the premises, accommodation, class rooms and dining hall displaying team-spirit and selfless service.

ON 9th May Participants visited Vivekananda Rock Memorial, Kanyakumari Amman Temple, Wandering Monk. On 15th May Participants went to Marutva Malai and afternoon visited Vivekananda Pictorial, Gramodaya and Gangotri exhibition and Ramayanam

Darshnam. That day Bhajan sandhya was arranged in front of Shri Hanuman Statue at Aramayana Darshnam. 

The Shivir went on well in a congenial, spiritual atmosphere with moderate discipline and affection.  On 11th  May  Prearna se Punuruthhan  was conducted by Ma. Hanuji at  Vivekanand Mandapam. All Participants enjoyed it. Many of the participants have expressed their willingness to devote their time and energy for the Service of the society through Vivekananda Kendra. Some are enrolled as Patrons thus joining the large family of Vivekananda Kendra.