Tuesday, May 30, 2017

असंभव शब्द नहीं था एकनाथजी के शब्दकोश में

कन्याकुमारी में विवेकानन्द शिला स्मारक और विवेकानन्द केन्द्र  को साकार रुप देने वाले रा.स्व.सं. के वरिष्ठ प्रचारक एकनाथजी रानाडे के व्यक्तित्व और कृतित्व पर हाल ही में एक चलती चित्र तैयार हुआ है इस मौके पर केन्द्र की उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े से पांचजन्य के सहयोगी संपादक आलोक गोस्वामी ने बातचीत की।
http://panchjanya.com/arch/2017/02/26/default.aspx

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