Thursday, April 18, 2013

अनुशासित और नियमबद्ध जीवन जीने से सफलता मिलती है

100_1485स्वामी विवेकानन्द जी की 150वीं जयंती के वर्षभर में चलने वाले समारोहों की श्रृंखला में जबलपुर महानगर के कालेज छात्र-छात्राओं हेतु एक दिवसीय ‘‘युवा प्रेरणा शिविर‘‘ का आयोजन विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी, शाखा जबलपुर द्वारा दिनांक 11 अप्रेल 2013 को सरस्वती शिशु मंदिर, शास्त्री पुल के पास, नॅपियर टाउन में प्रातः 8:30 बजे से किया गया। जबलपुर से आर.आई.एम.टी. कालेज, खालसा इंजिनियरिंग कालेज, ज्ञानगंगा इन्स्टीट्युट आफ टेक्नोलाजी कालेज, ग्लोबल इंजिनियरिंग कालेज, मानकुंबर बाई महिला महाविद्यालय, महाकौशल कालेज, आई.टी.आई आदि से कुल 70 छात्र-छात्राओं नें इसमें सहभाग लिया।
शिविर का उद्घाटन विवेकानन्द केंद्र शाखा जबलपुर के विभाग प्रमुख नारायणचन्द्र घोष जी नें किया। अपने उद्घाटन सत्र में उन्होनें युवाओं से कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिये हमारे अंदर स्वामी विवेकानन्द की तरह दृढ़ इच्छाशक्ती की आवश्यकता है। शिविर में बौद्धिक और शारिरीक खेल, बौद्धिक सत्र, राष्ट्रभक्ती गीत, मंथन और प्रस्तुतीकरण हुआ। खेल, गीत और कहानी के माध्यम से युवाओं ने त्याग, संगठन शक्ती, राष्ट्रभक्ती , युवाशक्ती के महत्व को समझा। स्वामी विवेकानन्द के जीवन संदेश को पी.पी.टी और विडियो क्लिप के माध्यम से युवाओं तक पहुचाया गया।
समापन सत्र में विवेकानन्द केंद्र की मध्यप्रांत की प्रांत संगठक शीतल जोषी दिदी नें कहा कि व्यक्तित्व का विकास सकारात्मक विचारशक्ती पर निर्भर है व्यक्तित्व का विकास का आधार बाह्य नहीं अपितु आंतरिक जीवन शक्ती से है। चुंबक में आकर्षण इसिलिये है क्योंकि उसके एक-एक कण आपस में बहुत ही व्यवस्थित, अनुशासित और नियमबद्ध है हमारे व्यक्तित्व में आकर्षण ऐसे ही अनुशासित, नियमबद्ध जीवन जीने से आता है। इस शिविर को संपन्न और सफल बनाने हेतु नगर समिती के सदस्य मनीष नाजवालजी , ड़ा. अखिलेष गुमाष्ता जी, हेमंत मोघे जी, रवि नौग्रहरिया जी, विक्रम सिंह, मोहन चक्रवैष्य, महेष गुप्ता आदि ने सहयोग किया।

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