दिन के सफल नियोजन से ही सफल जीवन संभव - विवेकानन्द केन्द्र कर रहा है संपर्क कार्यक्रम में योग द्वारा जनजागरण
जीवन में सफलता अर्जित करने के लिए प्रत्येक पल महत्वपूर्ण है। समय के पूर्ण नियोजन से ही सबकुछ प्राप्त हो सकता है। विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक एकनाथ रानडे के जीवन को देखते हुए जब हम नियोजन की बात करते हैं तो यह नियोजन इस रूप में हो कि जैसे हम कभी मरने वाले ही नहीं है किंतु जब इस पर क्रियान्वयन की बात आए तब ऐसा भाव हो कि हमारे पास केवल एक ही दिन है और वह है आज। प्रत्येक घंटे के अंतराल पर नियोजन का पुनरावलोकन भी बहुत आवश्यक है। स्वामी विवेकानन्द कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता असीमित होती है लेकिन उसे पहचानना कठिन होता है। अपनी क्षमताओं की तुलना जब दूसरों होने लगती है तब हम कमजोर हो जाते हैं जबकि यह बात वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुकी है कि कठिनतम परिस्थितियों में भी व्यक्ति अपनी विलक्षण क्षमताओं का परिचय देता है किंतु यदि हम मुसीबत से घबरा जाते हैं तब वह क्षमता भी विलुप्त हो जाती है। जीवन की श्रेष्ठता के लिए कुछ बातों को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिन में सर्वप्रथम प्रातःकाल उठकर योग प्राणायाम इत्यादि करना तथा उसके बाद अपने स्वयं को अपडेट करना। जीवन में निरंतर संवाद चलता रहना चाहिए जिससे हम अपने व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों का प्रगटन कर सकें। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र के जीवनव्रती कार्यकर्ता दीपक खैरे ने हिंदुस्तान मशीन टूल्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जीवन कार्य संतुलन विषय पर प्रकट किए। वे विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के शिला स्मारक के 50 वर्ष के अवसर केन्द्र की अजमेर शाखा द्वारा आयोजित संपर्क कार्यक्रम के तहत अपना संबोधन दे रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एचएमटी के जनरल मैनेजर श्री नवीन जी गोखरू ने की। उन्होंने विवेकानंद केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्य की आवश्यकता तथा स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के समाज में प्रचार और उनसे युवाओं को प्राप्त प्रेरणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु इंगित किया। नगर प्रमुख अखिल शर्मा ने विवेकानंद केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों की संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभाग संपर्क प्रमुख रविंद्र कुमार जैन, युवा प्रमुख अंकुर प्रजापति तथा कार्यालय प्रमुख कुलदीप कुमावत भी उपस्थित थे।
जीवन में सफलता अर्जित करने के लिए प्रत्येक पल महत्वपूर्ण है। समय के पूर्ण नियोजन से ही सबकुछ प्राप्त हो सकता है। विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक एकनाथ रानडे के जीवन को देखते हुए जब हम नियोजन की बात करते हैं तो यह नियोजन इस रूप में हो कि जैसे हम कभी मरने वाले ही नहीं है किंतु जब इस पर क्रियान्वयन की बात आए तब ऐसा भाव हो कि हमारे पास केवल एक ही दिन है और वह है आज। प्रत्येक घंटे के अंतराल पर नियोजन का पुनरावलोकन भी बहुत आवश्यक है। स्वामी विवेकानन्द कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता असीमित होती है लेकिन उसे पहचानना कठिन होता है। अपनी क्षमताओं की तुलना जब दूसरों होने लगती है तब हम कमजोर हो जाते हैं जबकि यह बात वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुकी है कि कठिनतम परिस्थितियों में भी व्यक्ति अपनी विलक्षण क्षमताओं का परिचय देता है किंतु यदि हम मुसीबत से घबरा जाते हैं तब वह क्षमता भी विलुप्त हो जाती है। जीवन की श्रेष्ठता के लिए कुछ बातों को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिन में सर्वप्रथम प्रातःकाल उठकर योग प्राणायाम इत्यादि करना तथा उसके बाद अपने स्वयं को अपडेट करना। जीवन में निरंतर संवाद चलता रहना चाहिए जिससे हम अपने व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों का प्रगटन कर सकें। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र के जीवनव्रती कार्यकर्ता दीपक खैरे ने हिंदुस्तान मशीन टूल्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जीवन कार्य संतुलन विषय पर प्रकट किए। वे विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के शिला स्मारक के 50 वर्ष के अवसर केन्द्र की अजमेर शाखा द्वारा आयोजित संपर्क कार्यक्रम के तहत अपना संबोधन दे रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एचएमटी के जनरल मैनेजर श्री नवीन जी गोखरू ने की। उन्होंने विवेकानंद केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्य की आवश्यकता तथा स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के समाज में प्रचार और उनसे युवाओं को प्राप्त प्रेरणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु इंगित किया। नगर प्रमुख अखिल शर्मा ने विवेकानंद केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों की संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभाग संपर्क प्रमुख रविंद्र कुमार जैन, युवा प्रमुख अंकुर प्रजापति तथा कार्यालय प्रमुख कुलदीप कुमावत भी उपस्थित थे।
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