विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बिलासपुर द्वारा 12 अगस्त 2019 को एक भारत विजयी भारत विषय में विमर्श का आयोजन किया गया l कार्यक्रम की मुख्य वक्ता विवेकानंद केंद्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता रघुनाथ भिड़े (पद्मश्री से सम्मानित) रही, वे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि स्थानों में अपना वक्तव्य दे चुकी है एवं शिक्षा के क्षेत्र में एशिया का प्रतिनिधित्व की किया है उत्तर पूर्वांचल क्षेत्र में आपने जनजातियों के विकास उत्थान एवं सामंजस्य हेतु विशिष्ट कार्य किए हैं । कार्यक्रम की अध्यक्षता विवेकानंद केंद्र के नगर संचालक अधिवक्ता प्रतीक शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह रही l तीन ओमकार एवं सहनाववतु प्रार्थना से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ. अभ्यागतों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं पौधों से किया गया। विभाग संपर्क प्रमुख डॉ उल्हास वारे ने इस अवसर पर सभी मोचित पुस्तिका एक भारत विजयी भारत विषय से संबंधित सिलाई स्मारक सास्वत प्रेरणा स्त्रोत्र नामक पुस्तिका के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी जो हमारी मुख्य वक्ता के द्वारा संकलित है एवं श्री वारे में अतिथियों का परिचय भी दिया।
नगर प्रमुख डॉ संजय आयदे ने विवेकानंद केंद्र का परिचय बताते हुए बिलासपुर शाखा के कार्य पद्धतियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया जिसमें प्रमुख रुप से संस्कार वर्ग योग वर्ग स्वाध्याय वर्ग तथा केंद्र वर्ग का भी उल्लेख किया गया एवं वर्तमान में विवेकानंद की 1000 से अधिक शाखाएं एवं प्रकल्प देश में सेवा कार्य कर रही है । एकल गीत श्रीमती सरिता दीदी ने सुमधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा कार्यपद्धती प्रमुख विवेक पांडे द्वारा विवेक वाणी की प्रस्तुति के बाद मुख्य वक्ता का उद्बोधन एवं
मार्गदर्शन प्राप्त हुआ शिला स्मारक के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आगामी सितंबर माह से 31 अगस्त 2020 तक महा संपर्क अभियान के दौरान लोक संपर्क लोक संग्रह लोक संस्कार और लोक व्यवस्था को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु विस्तार से बताया जिसका उद्घाटन आगामी 1 सितंबर 2019 को माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा होना है सिलाई स्मारक के निर्माण में आई बाधाओं में सिलाई स्मारक समिति से तत्कालीन सचिव श्री एकनाथ जी रानाडे की कुशलता एवं एक निष्ठा से संबंधित विभिन्न उदाहरणों से श्रोता अवगत हो सके । आरंभिक बाधाओं को 3 दिन में 323 सांसदों के हस्ताक्षर करा कर एक राष्ट्रीय स्मारक घोषित हुआ तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वी वी गिरी एवं प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने स्मारक की पूर्णता उपरांत उद्घाटन सितंबर 1970 में किया । उद्घाटन सत्र की प्रक्रिया आगामी 2 माह तक चलती रही । स्मारक निर्माण हेतु सिर्फ कुछ लोगों से धनराशि ना लेते हुए पूरे भारत से एक एवं दो रुपए स्वेच्छा से दिया गया l जनमानस को जोड़ते हुए जीवंत स्मारक का निर्माण को पत्थर में प्रकटे प्राण से भी संबोधित किया जाता है । विशिष्ट अतिथि
श्रीमती रश्मि आशीष सिंह ने अपने मधुर स्मृतियों को सुनाते हुए मुख्य वक्ता द्वारा बताए गए मार्गग को अपनेेेे जीवन में उतारने का प्रयास करूंगी कहा । इस कार्यक्रम मेंं उन्होंने एक अलग अनुभूति को स्पर्श किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता प्रतीक शर्मा ने कहा सभी को जोड़ते हुए राष्ट्रहित में कार्य करना ही हमारे संगठन का प्रमुख उद्देश्य एवं लक्ष्य है तथा सभी का आभार प्रदर्शन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन भी किया । कार्यक्रम में विवेकानंद केंद्र की प्रांत संगठन सुश्री रचना जानी का विशेष सहयोग रहा इस अवसर पर जेष्ठ नागरिक संघ के डॉक्टर प्रकाश देवराज एवं गोरे जी का भी सम्मान किया गया । कार्यक्रम का संचालन रश्मि द्वारा किया गया ।व्यवस्था प्रमुख अनिल साहू नगर संपर्क प्रमुख कैलाश त्यागी महामाया
विस्तार प्रमुख डॉक्टर संतोष ठाकुर कार्यपद्धती प्रमुख विवेक पांडे तथा बिलासा विस्तार प्रमुख राकेश पांडे तथा कार्यालय प्रमुख प्रभाकर लिडबिङे संरक्षक डॉ एस पी सिंह विभिन्न संगठनों से आए हुए गणमान्य नागरिक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे नगर सह संपर्क प्रमुख टिकेश्वर कौशिक गौरीशंकर कौशिक के साथ समस्त दायित्व वान कार्यकर्ताओं के माध्यम से इस कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान किया गया । संपूर्ण कार्यक्रम विवेकानंद केंद्र के विभाग संचालक डॉ किरण देवरस के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
नगर प्रमुख डॉ संजय आयदे ने विवेकानंद केंद्र का परिचय बताते हुए बिलासपुर शाखा के कार्य पद्धतियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया जिसमें प्रमुख रुप से संस्कार वर्ग योग वर्ग स्वाध्याय वर्ग तथा केंद्र वर्ग का भी उल्लेख किया गया एवं वर्तमान में विवेकानंद की 1000 से अधिक शाखाएं एवं प्रकल्प देश में सेवा कार्य कर रही है । एकल गीत श्रीमती सरिता दीदी ने सुमधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा कार्यपद्धती प्रमुख विवेक पांडे द्वारा विवेक वाणी की प्रस्तुति के बाद मुख्य वक्ता का उद्बोधन एवं
मार्गदर्शन प्राप्त हुआ शिला स्मारक के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आगामी सितंबर माह से 31 अगस्त 2020 तक महा संपर्क अभियान के दौरान लोक संपर्क लोक संग्रह लोक संस्कार और लोक व्यवस्था को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु विस्तार से बताया जिसका उद्घाटन आगामी 1 सितंबर 2019 को माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा होना है सिलाई स्मारक के निर्माण में आई बाधाओं में सिलाई स्मारक समिति से तत्कालीन सचिव श्री एकनाथ जी रानाडे की कुशलता एवं एक निष्ठा से संबंधित विभिन्न उदाहरणों से श्रोता अवगत हो सके । आरंभिक बाधाओं को 3 दिन में 323 सांसदों के हस्ताक्षर करा कर एक राष्ट्रीय स्मारक घोषित हुआ तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वी वी गिरी एवं प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने स्मारक की पूर्णता उपरांत उद्घाटन सितंबर 1970 में किया । उद्घाटन सत्र की प्रक्रिया आगामी 2 माह तक चलती रही । स्मारक निर्माण हेतु सिर्फ कुछ लोगों से धनराशि ना लेते हुए पूरे भारत से एक एवं दो रुपए स्वेच्छा से दिया गया l जनमानस को जोड़ते हुए जीवंत स्मारक का निर्माण को पत्थर में प्रकटे प्राण से भी संबोधित किया जाता है । विशिष्ट अतिथि
श्रीमती रश्मि आशीष सिंह ने अपने मधुर स्मृतियों को सुनाते हुए मुख्य वक्ता द्वारा बताए गए मार्गग को अपनेेेे जीवन में उतारने का प्रयास करूंगी कहा । इस कार्यक्रम मेंं उन्होंने एक अलग अनुभूति को स्पर्श किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता प्रतीक शर्मा ने कहा सभी को जोड़ते हुए राष्ट्रहित में कार्य करना ही हमारे संगठन का प्रमुख उद्देश्य एवं लक्ष्य है तथा सभी का आभार प्रदर्शन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन भी किया । कार्यक्रम में विवेकानंद केंद्र की प्रांत संगठन सुश्री रचना जानी का विशेष सहयोग रहा इस अवसर पर जेष्ठ नागरिक संघ के डॉक्टर प्रकाश देवराज एवं गोरे जी का भी सम्मान किया गया । कार्यक्रम का संचालन रश्मि द्वारा किया गया ।व्यवस्था प्रमुख अनिल साहू नगर संपर्क प्रमुख कैलाश त्यागी महामाया
विस्तार प्रमुख डॉक्टर संतोष ठाकुर कार्यपद्धती प्रमुख विवेक पांडे तथा बिलासा विस्तार प्रमुख राकेश पांडे तथा कार्यालय प्रमुख प्रभाकर लिडबिङे संरक्षक डॉ एस पी सिंह विभिन्न संगठनों से आए हुए गणमान्य नागरिक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे नगर सह संपर्क प्रमुख टिकेश्वर कौशिक गौरीशंकर कौशिक के साथ समस्त दायित्व वान कार्यकर्ताओं के माध्यम से इस कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान किया गया । संपूर्ण कार्यक्रम विवेकानंद केंद्र के विभाग संचालक डॉ किरण देवरस के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
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