विवेकानंद केंद्र, गुजरात प्रान्त द्वारा, प्रान्त सुर्यवंदना कार्यक्रम के अभियान अंतर्गत स्थानीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिबिर का आयोजन दिनांक ९ से १४ - ऑगस्ट २०१९ के मध्य हुआ। वर्ग का आयोजन भावनगर विभाग के पालीताणा नगर स्थान में हुआ, जो की अपने आप में अद्वितीय जैन तीर्थ है , जो की शेत्रुंजय एवं हस्तगीरी जैसे पर्वत एवं शेत्रुंजय नदी के सुरम्य एवं पवित्र वातावरण के मध्य स्थित है। शिबिर का उद्धेश्य ऐसे युवा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित करना था जो अपने स्थान में केंद्र वर्ग के सञ्चालन में वर्ग शिक्षक, गट प्रमुख के रूप में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। शिबिर सूत्र “बने हम राष्ट्र के योगी” था, एवं पांचो दिवस के दिन विशेष क्रमशः नियमितता, सकारात्मकता, निर्भयता, आत्मीयता एवं कटिबद्धता रखे गए थे।
अखण्ड भारत के स्वप्न द्रष्टाओ के नमो से मंडल एवं गणो की रचना की गई। इन गणों का सञ्चालन गणप्रमुख एवं सह गणप्रमुखो की चमु ने किया। साथ में मंडल प्रमुख भी गणों के प्रशिक्षण का सतत निरिक्षण कर रहे थे।
शिबिर का उद्घाटन प्रान्त सहसंचालक माननीय डॉ. कमलेशभाई उपाध्याय ने " स्वामी विवेकानंद - राष्ट्रभक्त सन्यासी " विषय से एवं स्थान महात्म्य बताते हुए किया। बौद्धिक विभाग के नियोजन में “एक जीवन एक ध्येय ”, “कार्यपद्धति", "हमारे उत्सव ", "कार्यकर्ता गुण ओर विकास", "अनुशासन”, "चुनौतियां एवं प्रतिसाद", "केंद्र प्रार्थना" एवं “विवेकानंद केंद्र एक सकारात्मक प्रतिसाद” विषयों पर सत्र, “ नाट्य प्रस्तुति ”, “पर्सनालिटी के प्रवाह में कही खो न जाये व्यक्तिव”, "स्वदेशी बनाम विदेशी व आधुनिकता बनाम सांस्कृतिक" विषयों पर स्वाध्याय, गीत मंत्र अभ्यास सत्र, “बैठक, चमु निर्माण एवं संपर्क” विषयों पर नैपुण्य सत्रों, भजन संध्या व नित्य आशीर्वचन सत्रों का आयोजन किया गया। प्रेरणा से पुनरुत्थान सत्र में "माननीय एकनाथजी चलचित्र", “भारत माता पूजन” एवं “ “ कथा शिला स्मारक” की कहानी विशेष प्रेरणास्पद रही।
शारीरिक विभाग द्वारा सूर्यनमस्कार के गहन प्रशिक्षण हेतु प्रातः केन्द्रवर्ग, श्रम संस्कार एवं सायं आग्याभ्यास, संस्कार वर्ग का आयोजन किया गया। अंतिम दिवस सभी कार्यकर्ताओ ने 108 सूर्यनमस्कार उत्साह से किये।
आहुति सत्र गुजरात प्रान्त संगठक आदरणीय शीतलबेन जोशी द्वारा लिया गया एवं शिबिर में पूर्ण समय आपकी गरिमामय उपस्थिति। शिबिर में शिबिराधिकारी आदरणीय श्रीमती मंजुबेन गौर की प्रेरक उपस्थिति भी पूर्ण समय रही। साथ ही गुजरात प्रान्तप्रमुख आदरणीय नरेन्द्रभाई त्रिवेदी, प्रान्त व्यवस्था प्रमुख आदरणीय दिव्येशभाई मेहता, प्रान्त साहित्य सेवा प्रमुख आदरणीय श्री महिपतभाई खुमाण की उत्साहवर्धक उपस्थिति रही।
वर्ग में प्रान्त के १९ स्थानो से ६२ सहभागी एवं ६२ सञ्चालन चमु कुल १२४ कार्यकर्ता रहे। इस प्रकार एक २ प्रांतीय अधिकारी, सञ्चालन चमू एवं सहभागियों के साथ वर्ग की पूर्ण समय उपस्थिति १२६ रही।
शिबिर में एक नित्य सायं आशीर्वचन सत्र का अभिनव आयोजन किया गया, जिसमे आध्यात्म क्षेत्र के ४ सेवाभावी सन्यासिओ का आशीर्वचन प्राप्त हुआ।
द्वितीय दिवस सहभागी हस्तगिरि पर्वत पर ट्रेकिंग करते हुए मंदिर के दर्शन हेतु गए जहा सूर्यनमस्कार एवं सत्र का भी आयोजन हुआ।
रिक्त समय में सहभागी सूर्यनमस्कार मंत्रो एवं स्थितियों की पूर्णता, गण गीत आदि का अभ्यास अपने गण में करते थे ।
शिबिरार्थीओ एवं सञ्चालन चमु की उपस्थिति सामान होने के कारण शिबिर का वातावरण उत्साह पूर्ण रहा।
शिबिर दर्शन हेतु आने वाले शुभचिंतक, शिबिर के अनुशासित एवं उत्साह पूर्ण वातावरण से प्रभावित हुए। सत्र हेतु एवं शिबिर दर्शन हेतु कुल ६९ कार्यकर्ता एवं शुभचिंतक आये।
अखण्ड भारत के स्वप्न द्रष्टाओ के नमो से मंडल एवं गणो की रचना की गई। इन गणों का सञ्चालन गणप्रमुख एवं सह गणप्रमुखो की चमु ने किया। साथ में मंडल प्रमुख भी गणों के प्रशिक्षण का सतत निरिक्षण कर रहे थे।
शिबिर का उद्घाटन प्रान्त सहसंचालक माननीय डॉ. कमलेशभाई उपाध्याय ने " स्वामी विवेकानंद - राष्ट्रभक्त सन्यासी " विषय से एवं स्थान महात्म्य बताते हुए किया। बौद्धिक विभाग के नियोजन में “एक जीवन एक ध्येय ”, “कार्यपद्धति", "हमारे उत्सव ", "कार्यकर्ता गुण ओर विकास", "अनुशासन”, "चुनौतियां एवं प्रतिसाद", "केंद्र प्रार्थना" एवं “विवेकानंद केंद्र एक सकारात्मक प्रतिसाद” विषयों पर सत्र, “ नाट्य प्रस्तुति ”, “पर्सनालिटी के प्रवाह में कही खो न जाये व्यक्तिव”, "स्वदेशी बनाम विदेशी व आधुनिकता बनाम सांस्कृतिक" विषयों पर स्वाध्याय, गीत मंत्र अभ्यास सत्र, “बैठक, चमु निर्माण एवं संपर्क” विषयों पर नैपुण्य सत्रों, भजन संध्या व नित्य आशीर्वचन सत्रों का आयोजन किया गया। प्रेरणा से पुनरुत्थान सत्र में "माननीय एकनाथजी चलचित्र", “भारत माता पूजन” एवं “ “ कथा शिला स्मारक” की कहानी विशेष प्रेरणास्पद रही।
शारीरिक विभाग द्वारा सूर्यनमस्कार के गहन प्रशिक्षण हेतु प्रातः केन्द्रवर्ग, श्रम संस्कार एवं सायं आग्याभ्यास, संस्कार वर्ग का आयोजन किया गया। अंतिम दिवस सभी कार्यकर्ताओ ने 108 सूर्यनमस्कार उत्साह से किये।
आहुति सत्र गुजरात प्रान्त संगठक आदरणीय शीतलबेन जोशी द्वारा लिया गया एवं शिबिर में पूर्ण समय आपकी गरिमामय उपस्थिति। शिबिर में शिबिराधिकारी आदरणीय श्रीमती मंजुबेन गौर की प्रेरक उपस्थिति भी पूर्ण समय रही। साथ ही गुजरात प्रान्तप्रमुख आदरणीय नरेन्द्रभाई त्रिवेदी, प्रान्त व्यवस्था प्रमुख आदरणीय दिव्येशभाई मेहता, प्रान्त साहित्य सेवा प्रमुख आदरणीय श्री महिपतभाई खुमाण की उत्साहवर्धक उपस्थिति रही।
वर्ग में प्रान्त के १९ स्थानो से ६२ सहभागी एवं ६२ सञ्चालन चमु कुल १२४ कार्यकर्ता रहे। इस प्रकार एक २ प्रांतीय अधिकारी, सञ्चालन चमू एवं सहभागियों के साथ वर्ग की पूर्ण समय उपस्थिति १२६ रही।
शिबिर में एक नित्य सायं आशीर्वचन सत्र का अभिनव आयोजन किया गया, जिसमे आध्यात्म क्षेत्र के ४ सेवाभावी सन्यासिओ का आशीर्वचन प्राप्त हुआ।
द्वितीय दिवस सहभागी हस्तगिरि पर्वत पर ट्रेकिंग करते हुए मंदिर के दर्शन हेतु गए जहा सूर्यनमस्कार एवं सत्र का भी आयोजन हुआ।
रिक्त समय में सहभागी सूर्यनमस्कार मंत्रो एवं स्थितियों की पूर्णता, गण गीत आदि का अभ्यास अपने गण में करते थे ।
शिबिरार्थीओ एवं सञ्चालन चमु की उपस्थिति सामान होने के कारण शिबिर का वातावरण उत्साह पूर्ण रहा।
शिबिर दर्शन हेतु आने वाले शुभचिंतक, शिबिर के अनुशासित एवं उत्साह पूर्ण वातावरण से प्रभावित हुए। सत्र हेतु एवं शिबिर दर्शन हेतु कुल ६९ कार्यकर्ता एवं शुभचिंतक आये।
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