विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी शाखा - उज्जैन द्वारा दस दिवसीय योगसत्र दिनांक 24/2/2019 से 5/3/2019 प्रातः 5:15बजे से 6:30बजे तक,विक्रम युनिवर्सिटी के कालीदास छात्रावास में संपन्न हुआ । विवेकानंद केन्द्र शाखा उज्जैन के कार्यपद्धति प्रमुख डॉ० नरेन्द्र चौरसिया के मार्गदर्शन में इस योगसत्र में छात्रावास प्रपालक श्री मनु गौराहा सहित कुल 18 छात्रों की उपस्थिति रही।
जिसमें क्रमशः
1-श्वसनिक व्यायाम
2-शरीर शिथिलीकरण व्यायाम
3-त्वरित शिथिलीकरण तकनीक
4-सूर्यनमस्कार बीजमंत्रोच्चारण सहित
5-अग्निसार क्रिया
6-खड़े होकर आसन
7-बैठकर आसन
8-पेट के बल आसन
9-पीठ के बल आसन
10-यौगिक श्वसन और कपालभांति क्रिया
11-प्राणायाम सहित
योग के सैद्धांतिक पक्ष जैसे योग की विविध परिभाषाएं व योग का महत्व ,योगशास्त्र,भारतीय संस्कृतिःयोग जीवन पद्धति,अष्टांग योग आदि का विस्तृत अभ्यास किया गया।
इस योगसत्र का समापन दिनांक 6/3/19 सुबह6:00बजे कालिदास छात्रावास के सभागार में संपन्न हुआ। इस समापन कार्यक्रम में युवाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उनकी दिनचर्या व्यवस्थित हुई है और दिनभर की थकान से मुक्त होकर एकाग्र हुए है जिसका फायदा उन्हे अपने अध्ययन में अनुभव हो रहा है।कुछ रोगों से मुक्त हुए है तो कोई अपनेआप को ऊर्जावान अनुभव कर रहा है। नियमित योगाभ्यास के लिये सभी तत्पर होकर आगे आये है। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता विवेकानंद केन्द्र के जीवनवृत्ति कार्यकर्ता श्री अतुल गभणे (विभाग संगठक ) ने सभी युवाओं से वैचारिक स्पष्टता होने की बात प्रमुख रुप से कही जो योग द्वारा सरलता से प्राप्त की जा सकती है । दिनचर्या के समान ही जीवनचर्या निर्धारित कर लक्ष्यपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण जीवन गठित करने की बात कही ।अंत में सभी प्रतिभागी छात्रों को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया । आभार छात्रप्रमुख दीपक पटले ने माना।
जिसमें क्रमशः
1-श्वसनिक व्यायाम
2-शरीर शिथिलीकरण व्यायाम
3-त्वरित शिथिलीकरण तकनीक
4-सूर्यनमस्कार बीजमंत्रोच्चारण सहित
5-अग्निसार क्रिया
6-खड़े होकर आसन
7-बैठकर आसन
8-पेट के बल आसन
9-पीठ के बल आसन
10-यौगिक श्वसन और कपालभांति क्रिया
11-प्राणायाम सहित
योग के सैद्धांतिक पक्ष जैसे योग की विविध परिभाषाएं व योग का महत्व ,योगशास्त्र,भारतीय संस्कृतिःयोग जीवन पद्धति,अष्टांग योग आदि का विस्तृत अभ्यास किया गया।
इस योगसत्र का समापन दिनांक 6/3/19 सुबह6:00बजे कालिदास छात्रावास के सभागार में संपन्न हुआ। इस समापन कार्यक्रम में युवाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उनकी दिनचर्या व्यवस्थित हुई है और दिनभर की थकान से मुक्त होकर एकाग्र हुए है जिसका फायदा उन्हे अपने अध्ययन में अनुभव हो रहा है।कुछ रोगों से मुक्त हुए है तो कोई अपनेआप को ऊर्जावान अनुभव कर रहा है। नियमित योगाभ्यास के लिये सभी तत्पर होकर आगे आये है। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता विवेकानंद केन्द्र के जीवनवृत्ति कार्यकर्ता श्री अतुल गभणे (विभाग संगठक ) ने सभी युवाओं से वैचारिक स्पष्टता होने की बात प्रमुख रुप से कही जो योग द्वारा सरलता से प्राप्त की जा सकती है । दिनचर्या के समान ही जीवनचर्या निर्धारित कर लक्ष्यपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण जीवन गठित करने की बात कही ।अंत में सभी प्रतिभागी छात्रों को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया । आभार छात्रप्रमुख दीपक पटले ने माना।