
कार्यकर्ताओं ने इस शिविर में सहभाग लिया।
शिविर की जानकारी तथा परिचय के पश्चात राष्ट्रभक्त स्वामी विवेकनन्द इस बौद्धिक सत्र के साथ शिविर का क्रम आगे बढ़ा। माननीय एकनाथजी तथा शिलास्मारक, प्रार्थना, कार्यकर्ता और अनुशासन इन विषयों पर भी बौद्धिक सत्र हुए। व्यवहार में राष्ट्रभक्ति तथा केन्द्र प्रार्थना इन विषयों पर मंथन हुआ। दोपहर के अभ्यास सत्र में भजन और देशभक्ति गीतों के साथ कार्यपद्धति, कार्यपत्रक, कार्यक्रम तथा उत्सव इन विषयों पर अभ्यास हुआ। सायं. खेल सत्र के पश्चात भजन संध्या का आयोजन नारायण नगर स्थित शिव मंदिर में किया गया था। 'प्रेरणा से पुनरुत्थान' में संगठन यह विषय सूत्र बांधते हुए मा. विश्वासजी ने प्रेरणादायी प्रसंगों को मध्य रखकर वैचारिक आदान प्रदान किया।
कार्यकर्ता के जीवन में भारत मा का कार्य सतत रूप से करने का संकल्प अत्यंत महत्वपूर्ण है ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र तथा गोवा प्रान्त संगठक मा. विश्वासजी लपालकर ने समापन सत्र में किया। इस सत्र में विदर्भ विभाग प्रमुख श्री आनंदजी बगड़िया उपस्थित थे।
लखेश्वर चंद्रवंशी, शोभाताई पितले, गौरीताई खेर, क्षमाताई दाभोलकर इन कार्यकर्ताओं ने शिविरार्थियों को मार्गदर्शन किया। शिविर प्रमुख का दायित्व गौरीताई खेर और सहशिविर प्रमुख का दायित्व क्षमाताई दाभोलकर ने निभाया।
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