विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा-भागलपुर द्वारा विश्वबंधुत्व दिवस के सुअवसर पर विमर्श का आयोजन रविवार,05 सितम्बर 2021 को संध्या 5:00 - 6:15 बजे ऑनलाइन गूगल मीट पर आयोजन किया गया। कुल उपस्थिति 102 रही।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलाचरण से किया गया बाँका नगर कार्यलय प्रमुख द्वारा केन्द्र परिचय में संचालित गतिविधयों की जानकारी दी गई। मुख्य वक्ता डॉ. रमाशंकर दुबे, कुलपति केंद्रीय विश्वद्यालय, गांधीनगर, गुजरात ने विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा -
"विवेकनन्द शिलास्मारक : एक भारत-विजयी भारत' के एक मात्र ऐसा उदाहरण बन गया है; जहां ग्रेनाइट स्मारक ने एक जीवित संगठन को जन्म दिया है।
आगे उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 11 सितम्बर 1893 को धर्म संसद में विश्व को शांति को संदेश दिया था जब हम स्वतंत्रा दिवस के 75 वर्ष पूरे होने का समारोह मना रहे हैं तो हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि 2047 तक भारत स्वतंत्रा के 100 वर्ष पूर्ण करेगा। उस समय भारत की आत्मा सभी क्षेत्रों में प्रकट होगी। भारत विश्व का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करेगा। स्वामी विवेकानंद का दृष्टिकोण जो कहता है कि प्रत्येक धर्म अपने अनुयायियों के लिए सही है दुनिया में शांति ल सकता है। यह दृष्टिकोण समावेशी द्रष्टिकोण है । इएलिये प्रत्येक राष्ट्र या धर्म, पुरुष,महिला,परिवार या समुदाय को दूसरों को न केवल सहन करना चाहिए अपितु स्वीकार करना चाहिए और सभी की भलाई के लिए योगदान देना चाहिए।
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