विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी शाखा पटना द्वारा 19 जुलाई को गुरुपूर्णिमा कार्यक्रम केंद्र कार्यालय पर आयोजित किया गया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ तीन ओमकार प्रार्थना से किया गया तत्पश्चात कार्यकर्ताओं को तीन गण क्रमशः गुरु समर्थ रामदास,ठाकुर रामकृष्ण परमहंस,और चाणक्य में विभाजित किया गया गण चर्चा का विषय हमारी केंद्र प्रार्थना का भावार्थ पर विस्तार से चर्चा की गई केंद्र प्रार्थना के मर्म को सभी कार्यकर्ताओं नें चर्चा के माध्यम से समझने का प्रयास किया गया |
केंद्र प्रार्थना की प्रस्तुतिकरण में प्रार्थना की प्रथम चार पंक्तियों पर श्री ज्ञानेश्वर शर्मा (नगर प्रमुख) द्वारा प्रस्तुति दी गई , वयं सुपुत्रा अमृतस्य नूनं इन चार पंक्तियों पर उत्सव प्रमुख श्री शिवसंकर शर्मा जी द्वारा प्रस्तुति दी गई,प्रभो देहि देहि बलं धैर्यमन्त: पंक्तियों पर श्रीमती रीता सिंह जी द्वारा प्रस्तुति दी गई |
अंतिम चार पंक्तियों जीवने यावदादानं स्यात् प्रदानं तत:अधिकम् पर प्रस्तुति सहा नगर संचालक श्रीमती शिखा सिंह परमार द्वारा दी गई उन्होंने सम्पूर्ण प्रार्थना का सर बताते हुए कहा की हमें व्यष्टि से समष्टि के बारे में सोचना होगा अभी तक हम समाज से लेते ही आये अब हमारी देने के भारी है उन्होंने कहा की सौ हाथों से लो और हजार हाथों से देने का प्रयास करो साथ ही उन्होंने भगवन के छ: गुण क्रमशः ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान ,और अन्त में वैराग्य यह छ: गुण एक आदर्श समाज का विकास करने के लिए भी है इसलिए हमें समाज में अधिक से अधिक देना चाहिए |
तत्पश्चात भजन संध्या आयोजित की गई भजन संध्या में विषेश कर गुरु के भजन लिए गए केंद्र प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया कार्यक्रम में गण प्रमुख से लेकर नगर संचालक तक के सभी कार्यकर्ता उपस्तिथ रहे |
कार्यक्रम का शुभारम्भ तीन ओमकार प्रार्थना से किया गया तत्पश्चात कार्यकर्ताओं को तीन गण क्रमशः गुरु समर्थ रामदास,ठाकुर रामकृष्ण परमहंस,और चाणक्य में विभाजित किया गया गण चर्चा का विषय हमारी केंद्र प्रार्थना का भावार्थ पर विस्तार से चर्चा की गई केंद्र प्रार्थना के मर्म को सभी कार्यकर्ताओं नें चर्चा के माध्यम से समझने का प्रयास किया गया |
केंद्र प्रार्थना की प्रस्तुतिकरण में प्रार्थना की प्रथम चार पंक्तियों पर श्री ज्ञानेश्वर शर्मा (नगर प्रमुख) द्वारा प्रस्तुति दी गई , वयं सुपुत्रा अमृतस्य नूनं इन चार पंक्तियों पर उत्सव प्रमुख श्री शिवसंकर शर्मा जी द्वारा प्रस्तुति दी गई,प्रभो देहि देहि बलं धैर्यमन्त: पंक्तियों पर श्रीमती रीता सिंह जी द्वारा प्रस्तुति दी गई |
अंतिम चार पंक्तियों जीवने यावदादानं स्यात् प्रदानं तत:अधिकम् पर प्रस्तुति सहा नगर संचालक श्रीमती शिखा सिंह परमार द्वारा दी गई उन्होंने सम्पूर्ण प्रार्थना का सर बताते हुए कहा की हमें व्यष्टि से समष्टि के बारे में सोचना होगा अभी तक हम समाज से लेते ही आये अब हमारी देने के भारी है उन्होंने कहा की सौ हाथों से लो और हजार हाथों से देने का प्रयास करो साथ ही उन्होंने भगवन के छ: गुण क्रमशः ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान ,और अन्त में वैराग्य यह छ: गुण एक आदर्श समाज का विकास करने के लिए भी है इसलिए हमें समाज में अधिक से अधिक देना चाहिए |
तत्पश्चात भजन संध्या आयोजित की गई भजन संध्या में विषेश कर गुरु के भजन लिए गए केंद्र प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया कार्यक्रम में गण प्रमुख से लेकर नगर संचालक तक के सभी कार्यकर्ता उपस्तिथ रहे |
No comments:
Post a Comment