विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी जोधपुर विभाग द्वारा २० जून २०२१ को "व्यक्तित्व विकास मे आत्मवलोकन की भूमिका " पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य वक्त के रूप में डॉ बेला भनोट, शिक्षाविद एवं पूर्व प्रधानाचार्य, डूंगर कॉलेज बीकानेर का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।
वेबिनार का विधिवत प्रारम्भ तीन ओमकार प्रार्थना से हुआ। गीत और विवेक वाणी का वचन के पश्चात वेबिनार की मुख्या वक्ता डॉ बेला भनोट जी का उद्बोधन प्रारम्भ हुआ ।
डॉक्टर बेला भनोट ने आत्मावलोकन से होने वाले मानसिक तथा आध्यात्मिक परिवर्तन का महत्व बताया।आत्मावलोकन के अर्थ तथा महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि किसी कार्य को करने या होने के बाद उसके करने में हमारे द्वारा अपनाई गई क्रिया और विचार पद्धति का विश्लेषण बहुत आवश्यक है। इसलिए हमें अपने बुद्धि, चिंतन एवं आत्म अवलोकन से अपने जीवन को प्रकाशित करने का निरंतर प्रयास करना चाहिए।
वेबिनार में उपस्थित संख्या ४५ रही। बीकानेर कार्र्यस्थन की संयोजिका डॉ दिव्या जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात सूचना देते हुए कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के साथ किया ।
वेबिनार का विधिवत प्रारम्भ तीन ओमकार प्रार्थना से हुआ। गीत और विवेक वाणी का वचन के पश्चात वेबिनार की मुख्या वक्ता डॉ बेला भनोट जी का उद्बोधन प्रारम्भ हुआ ।
डॉक्टर बेला भनोट ने आत्मावलोकन से होने वाले मानसिक तथा आध्यात्मिक परिवर्तन का महत्व बताया।आत्मावलोकन के अर्थ तथा महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि किसी कार्य को करने या होने के बाद उसके करने में हमारे द्वारा अपनाई गई क्रिया और विचार पद्धति का विश्लेषण बहुत आवश्यक है। इसलिए हमें अपने बुद्धि, चिंतन एवं आत्म अवलोकन से अपने जीवन को प्रकाशित करने का निरंतर प्रयास करना चाहिए।
वेबिनार में उपस्थित संख्या ४५ रही। बीकानेर कार्र्यस्थन की संयोजिका डॉ दिव्या जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात सूचना देते हुए कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के साथ किया ।
No comments:
Post a Comment