"शिक्षा का आधार प्रेम हो और अपने विद्यार्थियों को राष्ट्र से प्रेम करने की शिक्षा प्रदान करना यह शिक्षक का सर्वोत्तम ज्ञान दान होगा" - यह विचार विवेकानन्द केंद्र जोधपुर द्वारा आयोजित "गुरुजन सम्मान समारोह" के मुख्य वक्ता स्वामी समानन्द गिरिजी, संवित गंगायन प्रन्यास कनखल हरिद्वार, ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने उनकी प्रिय शिष्या भगिनी निवेदिता को – ‘भारत से प्रेम करो’ यही शिक्षा दी। यह जानकारी विवेकानंद केंद्र के नगर प्रमुख और कार्यक्रम के संचालक डॉ अमित व्यास ने दी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ राम गोयल, कमला नगर अस्पताल, ने सम्मानित शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए शिक्षा को वर्तमान व्यावसायिक स्वरूप से मुक्त कर परंपरागत सेवा भाव की ओर ले जाने का आवाहन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. महेंद्र शर्मा, प्राचार्य आयुर्वेद शिक्षा और शोध संस्थान जोधपुर और विशिष्ट अतिथि डॉ. दशरथ सोलंकी, वित्तीय सलाहकार एम बी एम विश्वविद्यालय, ने भी सम्मानित शिक्षकों को संबोधित किया। विवेकानंद केंद्र के विभाग संचालक चंद्रप्रकाश अरोरा भी मंचासीन थे। समारोह में जोधपुर के शिक्षण संस्थानों से चयनित 21 गुरुजनों को सम्मान पत्र एवं साहित्य भेंट कर उनके द्वारा की जा रही सार्थक समर्पित प्रेरक शिक्षा सेवा का संज्ञान लेते हुए