विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा, गया के द्वारा स्थान धर्म सभा रमना मे प्रातः 6:30 से 8 बजे तक एक विमर्श कार्यक्रम किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ तीन ओंकार शांति पाठ से किया गया। जिसमें शिथिलीकरण व्यायाम, आसन, प्राणायाम, गीत आदि किया गया।आज के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कोषा अध्यक्ष माननीय प्रवीण दाभोलकर जी प्रांत अधिकारी माननीय मुकेश कीर माननीय सुधीर अम्बष्ट रहे।
प्रवीण दाभोलकर जी ने कहा कार्यपद्धती आयाम के चार प्रकार योग वर्ग , केंद्र वर्ग , स्वाध्याय वर्ग, एवं संस्कार वर्ग को कैसे सुदृढ़ किया जाए एवं इसे कैसे विस्तारित रूप दिया जाए। इन्होंने कहा किस तरह समाज मे संगठन काम करेगा
ऐसे दो आयाम स्वामी विवेकानंद जी ने हमारे सामने रखे थे। मनुष्य निर्माण के साथ ही साथ सेवा के माध्यम से इस राष्ट्र का पुनरुत्थान हो सेवा के लिए प्रस्तुत होने के लिए मनुष्य निर्माण यह बहुत ही आवश्यक है। इन्होंने कहा अच्छे कार्यों के लिए लोगों को जोड़े। मैं और मेरा सीमित परिवार ही मेरा दायित्व नहीं है मैं इस समाज का राष्ट्र का इस संस्कृति का इस विश्व का अंग हूं ऐसा सोचना यह तरीका है संगठन को संगठित करने का ।कार्यक्रम का संचालन एवं शांति मंत्र बीना भदानी के द्वारा किया गया समापन केंद्र प्रार्थना से वीणा गुप्ता ने किया। इस अवसर पर आनंद कुमार, गणेश सेठ, रविंद्र कुमार, मनीष कुमार, राजेश कुमार, विजय सेठ अंजना नवादिया सुनीता कंधवे, गया के कई कार्यकर्ता एवं शहर के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।