आज दिनांक 18/12/22 को विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की शाखा पटना द्वारा नगर के 'जे. डी. वीमेन्स कॉलेज' के सभागार में युवा नेतृत्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि यह कार्यशाला युवा नेतृत्व विकास अभियान के द्वितीय चरण के रूप में पटना के विभिन्न महाविद्यालयों में नवम्बर महीने में स्वामी विवेकानन्द के शिला स्मारक संबंधी पुस्तक से प्रतियोगिता ली गयी थी। जिसमें से 6 महाविद्यालयों के चयनित 126 बहन विद्यार्थियों को एक दिवसीय कार्यशाला में बुलाया गया। जिसमें से 98 उपस्थित रहें।
इस युवा सम्मेलन की शुरूआत 3 ओमकार, शान्ति मन्त्र और राष्ट्रभक्ति गीत से हुई। उसके बाद उद्घाटन सत्र के वक्ता शिखा सिंह परमार दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यशाला के बारे में बताया। उसके बाद सभी बहनों को एक चमू रचना के अनुसार अलग-अलग 6 गणों में विभाजित करके उन्हें खेल कूद और सूर्यनमस्कार के अभ्यास के लिए क्रीडांगण में भेज दिया गया। जहाँ विद्यार्थियों ने गणसह एक निर्दिष्ट विषय पर चर्चा किया कि मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है, सफल और सार्थक जीवन में क्या अंतर है?
गीत के बाद गणसह चर्चा के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की प्रस्तुति हुई। उसके बाद समापन सत्र में केन्द्र के जीवनव्रती कार्यकर्ता श्री मुकेश कीर जी (बिहार-झारखण्ड प्रान्त संगठक) ने बताया कि हम युवाओं को सफलता और सार्थकता की समझ होनी चाहिए। हमारे देश जिन्होंने भी समाज, राष्ट्र का चिंतन करते हुए नेतृत्व किया है सभी ने अपने जीवन को सार्थक किया। हम भी युवा अवस्था से ही अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए परोपकारी गतिविधि से जुड़े तथा महापुरुषों के आदर्श को अपनाते हुए भारतीय होने का उद्देश्य पूर्ण करें। शान्ति मंत्र के साथ इस कार्यशाला का समापन हुआ। उसके बाद भोजन और अभियान के अगले चरण, भागलपुर में होने वाली 5 दिवसीय आवासीय शिविर की सूचना दी गई।
कार्यक्रम में केन्द्र कार्यकर्ता श्री अरविंदजी, शिव शंकर शर्मा, शोभा चौबे, शिखा सिंह परमार, रीता सिंह, कविता रानी समेत अन्य कई सारे युवा कार्यकर्ता और महाविद्यालय के कर्मचारी गण उपस्थित रहें जिनके समय दान और आत्मीयता के कारण यह युवा सम्मेलन सफल हो सका।