नव वर्ष का उत्साह और ऊर्जा के साथ स्वागत
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा जोधपुर द्वारा नव वर्षाभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन युवा प्रमुख श्याम मालवीय ने किया। ओंकार और प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सभी ने एक दूसरे को तिलक लगाया और मौली बांधी, एक दूसरे को भगवा दुपट्टा पहनाया। उसके बाद केंद्र कार्यकर्ता राज भूतड़ा ने सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया। उसके पश्चात ब्यावर के युवा प्रमुख रितेश भैया ने यह कल कल छल छल बहती क्या कहती गंगा धारा गीत गाया।
गीत के पश्चात मुख्य वक्ता विवेकानंद केंद्र के जीवनव्रती दीपक खैरे का उद्बोधन हुआ। अपने उद्बोधन में उन्होंने यह बताया कि तिलक लगाना अपने मनुष्यत्व को जागृत करना, स्वयं को मनुष्य होने का एहसास दिलाना, और अपने अंदर छुपी आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करने का प्रतीक है। एक दूसरे को मौली पहनाना एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य करने का संदेश लाना है जो समाज में एक दूसरे से जुड़ कर इस राष्ट्र के लिए राष्ट्र पुनरुत्थान का कार्य करना है। उद्बोधन के पश्चात सभी ने समाज के लिए कार्य करने का संकल्प लिया और भारत मां के समक्ष अपने संकल्प को दोहरा कर माता के चरणों में पुष्पांजलि की। इसके साथ सर्वे भवंतु सुखिनः की कामना करते हुए प्रार्थना कर कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में उपस्थितों की संख्या 30 रही।
विवेकानंद केंद्र जोधपुर के विभाग संचालक चंद्र प्रकाश अरोड़ा, विभाग प्रमुख प्रेम रतन सोतवाल, योग प्रमुख पंकज व्यास, साहित्य सेवा प्रमुख अनमोल शर्मा, हरि , गजेश भूतड़ा ,प्रिया अग्रवाल, अनीता बोराणा, प्रकाश भाटी, विनीत कपूर, भगवान पंवार,मनीष चौहान कार्यकर्ता गण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा जोधपुर द्वारा नव वर्षाभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन युवा प्रमुख श्याम मालवीय ने किया। ओंकार और प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सभी ने एक दूसरे को तिलक लगाया और मौली बांधी, एक दूसरे को भगवा दुपट्टा पहनाया। उसके बाद केंद्र कार्यकर्ता राज भूतड़ा ने सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया। उसके पश्चात ब्यावर के युवा प्रमुख रितेश भैया ने यह कल कल छल छल बहती क्या कहती गंगा धारा गीत गाया।
गीत के पश्चात मुख्य वक्ता विवेकानंद केंद्र के जीवनव्रती दीपक खैरे का उद्बोधन हुआ। अपने उद्बोधन में उन्होंने यह बताया कि तिलक लगाना अपने मनुष्यत्व को जागृत करना, स्वयं को मनुष्य होने का एहसास दिलाना, और अपने अंदर छुपी आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करने का प्रतीक है। एक दूसरे को मौली पहनाना एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य करने का संदेश लाना है जो समाज में एक दूसरे से जुड़ कर इस राष्ट्र के लिए राष्ट्र पुनरुत्थान का कार्य करना है। उद्बोधन के पश्चात सभी ने समाज के लिए कार्य करने का संकल्प लिया और भारत मां के समक्ष अपने संकल्प को दोहरा कर माता के चरणों में पुष्पांजलि की। इसके साथ सर्वे भवंतु सुखिनः की कामना करते हुए प्रार्थना कर कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में उपस्थितों की संख्या 30 रही।
विवेकानंद केंद्र जोधपुर के विभाग संचालक चंद्र प्रकाश अरोड़ा, विभाग प्रमुख प्रेम रतन सोतवाल, योग प्रमुख पंकज व्यास, साहित्य सेवा प्रमुख अनमोल शर्मा, हरि , गजेश भूतड़ा ,प्रिया अग्रवाल, अनीता बोराणा, प्रकाश भाटी, विनीत कपूर, भगवान पंवार,मनीष चौहान कार्यकर्ता गण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment