Monday, April 3, 2017

योग का प्रथम अध्याय है अनुसाशन

21 फरवरी से 2 मार्च 2017 तक दस दिवसीय योग शिविर का बिहार - पटना में किया गया। इस योग शिविर में उपस्थित प्रतिभागियों को शिथलीकरण, सूर्यनमस्कार ,और आसन ,प्राणायाम के अभ्यास के  साथ- साथ पतंजलि ऋषि के आठ सूत्र यम, नियम ,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार ,धारणा, ध्यान,और समाधी के बारे में बताया गया किस प्रकार ये हमारे जीवन से जुड़े हुए है साथ ही इनका हमारे जीवन में कितना महत्त्व है ये बताया गया। इस शिविर में 21 प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।

शिविर के समापन में श्री किशोर टोकेकर ( सयुंक्त महासचिव विवेकानन्द केंद्र ) उपस्थित रहे उन्होंने योग सत्र के समापन में मार्गदर्शन करते हुए बताया की योग  वह विधि है जिसमें मनुष्य पशु-मानव के स्तर से विकास करता हुआ मानव-मानव,अति-मानव और उससे आगे दिव्य-मानव के पद की ओर अग्रसर होता है आगे उन्होंने बताया की वैयक्तिक उपलब्धियों तथा सामाजिक समरसता की प्राप्ति हेतु योग,स्पष्टत:,एक वास्तविक समाधान है।

मुकेश कीर (प्रान्त संगठक बिहार+झारखण्ड) द्वारा विवेकानन्द केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया साथ ही उन्होंने केंद्र से जुड़कर इस राष्ट्र यज्ञं में अपना योगदान देने के लिए आह्वान किया।

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