विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा रायपुर द्वारा 19 जुलाई, 2015 को पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग सभागार में विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका विषय “धर्म भारत की आत्मा” था। इस कार्यक्रम में 150 प्रबुद्धजन उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा. सुश्री निवेदिता दीदी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि धर्म, समयकाल और परिस्थितियों को लेकर चलने वाला है। धर्म सत्य है और सत्य समाज के अनुसार बदलने वाला नहीं है। अपितु समाज को सत्य के अनुसार बदलना पड़ेगा, नही तों नष्ट हो जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के अनुसार प्रत्येक राष्ट्र का अपना एक ध्येय होता है। भारत का नियत ध्येय आध्यात्म के क्षेत्र में विश्व का मार्गदर्शन करना है अर्थात् मनुष्य को उसके दिव्य स्वरुप का बोध कराना है। हमारा जन्म भारत में होने के कारण हमारे जीवन का लक्ष्य अपने राष्ट्र के ध्येय से जुड़ा है। एकात्मता पर आधारित समाज में विभिन्न प्रणालियों को विकसित करने, उसे परम वैभव तक पहुँचाने, अपने दिव्य स्वरुप को समझने की भूमिका मिली है। हमारा ध्येय भारत को इतना सक्षम बना देना है कि पुरे विश्व को अध्यात्म का संदेश दे सकें। उन्होंने एकनाथ जी के संदेश को लेते हुए कहा कि “एक जीवन एक ध्येय” का अर्थ जीवन को इधर – उधर ना भटकाते हुए सीधे लक्ष्य तक पहुँचाना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द आश्रम, रायपुर के सचिव स्वामी सत्यरुपानंद जी महाराज ने की और मुख्य अतिथि के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाण्डेय जी उपस्थित थे।
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