इस अवसर पर सार्धशती समारोह महाराष्ट्र राज्य के
उपाध्यक्ष श्री विलास काले, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका
वन्दनीय शंताक्का, नागपुर के महापौर अनिल सोले, शैक्षिक आमदार नागो गाणार,
कमलाताई मुखर्जी, रा. स्व.संघ के नागपुर महानगर संघचालक डॉ. दिलीप गुप्ता,
नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.विलास सपकाल, शोभायात्रा के संयोजक एड.
रमण सेनाड, सार्ध शती के संयोजक सोमदत्त करंजेकर, विवेकानन्द केंद्र के
विदर्भ विभाग प्रमुख आनंद बगड़िया मंचासीन थे। शोभायात्रा में अनेक विधायक,
मंत्री, लोकप्रतिनिधि, शिक्षाविद व गणमान्य नागरिक प्रमुखता से उपस्थित थे।
शोभायात्रा में कुल 61 झांकियां थीं, जिनमें सेवा कार्य करने वाली 155 संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
शोभायात्रा में अनेक आकर्षण के केन्द्र थे, जिनमें अंध विद्यालय के
छात्रों तथा विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा लेजिम पथक, युवाओं
द्वारा खड्ग युद्ध तथा दांड पट्टा प्रात्याक्षिक के साथ ही विद्यालयीन
छात्र-छात्राओं द्वारा बैंड पथक प्रमुख थे। झाँसी रानी चौक पर राष्ट्र
सेविका समिति की बहनों ने तलवारबाजी तथा लाठी युद्ध द्वारा के माध्यम से
समाज में स्वरक्षण, शीलरक्षण व समाज रक्षण का संदेश दिया। स्वामी
विवेकानन्द के विविध चित्रों तथा विचारों पर आधारित 61 झांकियों थीं। झांसी
रानी चौक पर बर्फ से बनी स्वामीजी की मूर्ति भी इस यात्रा का आकर्षण का
केंद्र रहा। इसके साथ ही चलते रथ पर सूर्यनमस्कार का प्रदर्शन, मेहाडिया
चौक पर दही हांडी का प्रात्यक्षिक तथा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर अनेक
संस्थाओं द्वारा पथनाट्य प्रस्तुत किये गये। यात्रा में विविध संस्थाओं
द्वारा 61 चित्ररथ के माध्यम से समाज परिवर्तन व जागृति का संदेश दिया ।
शोभायात्रा में नागपुर महापालिका द्वारा संचालित शालाएं तथा निजी विद्यालय व
महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भारी संख्या में सम्मिलित हुए। शोभायात्रा
को सफल बनाने के लिए मनपा ने पूर्ण सहयोग किया। महेश्वरी समाज द्वारा 10
हजार लड्डू, झेप संस्था द्वारा समोसे, बापट परिवार तथा नानिवडेकर सभागृह
द्वारा प्रसाद वितरित किया गया।
विवेक विचार साहित्य सेवा' के रथ के माध्यम से स्वामी
विवेकानन्दजी की जीवनी तथा विचारों पर आधारित हिन्दी, मराठी तथा अंग्रेजी
में साहित्य की भरी मात्रा में विक्री की। शोभायात्रा में बनवारीलाल
पुरोहित, मा. गो. वैद्य निखिल मुंडले, भरत जोशी, संदीप जोशी, मुक्ताताई
पत्तार्किने, सारिका पेंडसे, विवेकानन्द केंद्र की जीवनव्रती कार्यकर्ता
प्रियंवदा दीदी, गौरीताई खेर, अरुणा ताई देशपांडे अपर्णा केसकर, गुलाबराव
वंजारी आदि अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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