Friday, March 27, 2015

भारतीय नारी और उसके समक्ष चुनौतियाँं

विवेकानन्द केन्द्र इस वर्ष माननीय एकनाथ जी रानाडे जन्मशती पर्व मना रहा है इस उपलक्ष्य में देश में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में विवेकानन्द केन्द्र की राष्ट्रिय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिडे बीना क्षेत्र में प्रवास किया। दिनांक 5 मार्च 2015 को महिला विमर्श कार्यक्रम हजूरिया कम्यूनिटी हाॅल में सायं 4 बजे आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में रिफाइनरी के रिहायशी परिसर में रहने वाले लोगों के अतिरिक्त बीना नगर के सम्मान्नीय नागरिक भी बड़ी संख्या में उपस्थित हुये।

कार्यक्रम का प्रारम्भ मंगलाचरणम् के साथ हुआ। डाॅ मंजरी जोशी ने सुश्री निवेदिता दीदी का स्वागत तथा सम्मान व परिचय दिया। डाॅ सुवर्णा आचवल बीना, ने डाॅ शोभा शाह, वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ का स्वागत व सम्मान किया। कार्यक्रम के दौरान विवेकानन्द केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियों का परिचय दिया तथा एकल और सामूहिक गीत भी प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम का संचालन विवेकानन्द केन्द्र हास्पिटल में कार्यरत् डाॅ प्रगति शर्मा ने किया व आभार व आव्हान श्री गिरीश पाल हास्पि. प्रशासनिक अधि. ने किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डाॅ शोभा दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गर्भवती महिलाओं को योग को नियमित तौर पर करना चाहिए। प्राणायाम तथा अन्य योगाभ्यास से सामान्य प्रसव होने की संभावना तो होती ही है साथ ही प्रसव पीडा भी कम की जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान अस्पताल के चैमासिक समाचार पत्र “आरोग्य संकल्प“ का विमोचन उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की विशेष अतिथि एवं वक्ता विवेकानन्द केन्द्र की राष्ट्रिय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता दीदी ने भारतीय परिवार व स्त्री व वर्तमान समय में नारी के समक्ष चुनौतियाॅं जैसे विषयों को बहुत सरलता से विभिन्न उदाहरणों से समझाया। दीदी ने बताया कि वर्तमान में नारी की सक्रियता बढी है। एक ओर जहाॅं उसे परिवार को संस्कार देना है तो दूसरी ओर उसका अपने समाज की प्रति समर्पण भी बढ़ा है । ऐसे समय में स्वयं को पूरे आत्मविश्वास के साथ बढ़ा कर संस्कार और संस्कृति की सच्ची संवाहक नारी कैसे बने, कैसे वह हर चुनौती का मुकाबला करे ताकि देश और समाज के लिए आधुनिक और समर्पित समाज के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें, ऐसे अन्य बिंदुओं पर निवेदिता दीदी ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं ने आवश्यक प्रश्न किये जिनमें डाॅ सुवर्णा आचवल, प्रोफेसर संध्या टिकेकर, बीना ने भी

प्रश्न किये और निवेदिता दीदी द्वारा उनके संतोषजनक उत्तर दिये गये।

कार्यक्रम में बीना नगर से करीब 100 महिलायें/पुरूष उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम में भाग लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। विवेकानन्द केन्द्र बीना शाखा आगे भी इस तरह के कार्यक्रम नियमित तौर पर करती रहेगी। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य नागरिकों में बी.ओ.आर.एल. के सीनियर मैनेजर एच.आर. के.पी.मिश्रा, सुश्री किरण लोधी राष्टं सेविका समिति की नगर कार्यवाहिका, विभिन्न शालाओं की शिक्षिकाऐ, श्रीमती भार्गव, श्रीमती भंडारी, प्रो. संध्या टिकेकर, डाॅ सुवर्णा आचवल, डाॅ एन. के. पाण्डे, महेश अग्रवाल, वरिष्ठ समाजसेवी बीना, डाॅ के.के.तिवारी माया दीदी पूर्णकालिक प्रचारिका विवेकानन्द केन्द्र, आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

होली के पावन अवसर पर माननीय निवेदिता दीदी ने बीना प्रवास के दौरान नगर में विवेकानन्द केन्द्र की कार्यकर्ता श्रीमती निमिषा उदैेनिया के निवास पर प्रवास किया व परिवार के अन्य सदस्यों श्री जे.पी.उदैनिया, राहुल उदैनिया से आत्मियता से मिलीं इस प्रवास पर परिवार के सभी सदस्यों ने बहुत प्रसन्नता व्यक्त की।

6 मार्च को सुश्री निवेदिता दीदी का प्रवास विश्व धरोहर एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थल साॅची मे हुआ जहाॅ साॅची के प्रसिद्ध बौद्ध स्तूपों को देखकर दीदी ने बहुत ही जिज्ञासा व्यक्त की साथ ही साॅची की वास्तुकला के संबंध में रूचि दिखाई। साॅची में विभिन्न कालों में निर्मित तोरण द्वार, परिक्रमा, सूचिकाएं व सूचिकाओं पर स्तूपों के निर्माण की अवधि में लगने वाले धन देने वाले दानदाताओं के नाम जो मौर्यकालीन भाषा ब्राहमी 1⁄41 शताब्दी  ई.पू. 1⁄2 व गुप्तकालीन ब्राहमी 1⁄44 शताब्दी ई.पू. 1⁄2 में उत्कीर्ण है। माननीय दीदी ने इस संबध में बहुत उत्सुकता के साथ-साथ अपने विचार व्यक्त कियें। अशोक कालीन प्रस्तर अभिलेख, बौद्ध विहार व गुप्त  कालीन मंदिर, प्रतिहार कालीन मंदिर 1⁄48 वी शताब्दी 1⁄2 आदि के विषय में जाना व अपने विचार व्यक्त कियें साथ ही उन्होंने बताया कि स्तूपों के निर्माण के पश्चात् बुद्ध के अहिंसा के संदेश से प्रेरणा लेते हुए भिक्षुणियों ने समाज मे अपना योगदान दिया व स्त्री की समाज व धर्म के प्रसार में भूमिका का सुंदर वर्णन किया।

साॅची के समीप ही विदिशा स्थित लोह्यद्री पहाडी से निकलने वाले लौह अयस्क व उससे बनने वाले अस्त्र-शस्त्र के विषय मे जानकारी ली। आदरणीय दीदी ने साॅची व विदिशा के प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा की व प्रवास को सुखद बताया। प्रवास के दौरान दीदी के साथ श्रीमती शोभादीदी 1⁄4 स्त्री रोग विषेषज्ञ सोलापुर 1⁄2, श्री गिरीशपाल, प्रवीण शर्मा, व सौरभ मराठे विदिशा उपस्थित थे।

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