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Tuesday, October 21, 2014

जन्माष्टमी के पावन उपलक्ष्य में हुआ दही - हाँडी कार्यक्रम, नागपुर


विवेकनन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा - नागपुर द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में दही हाँडी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
दिनांक 24.08.2014, रविवार को शहर के रवीन्द्र नगर के हनुमान मंदिर में सायं 04.00 बजे यह कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। इस कार्यक्रम में रवीन्द्र नगर संस्कार वर्ग की बहनों व भाइयों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के अभिभावक  उपस्थित थे।
इस दौरान संस्कार वर्ग के बच्चों ने श्रीकृष्ण पर आधारित भजनों व नृत्य की  मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एडवोकेट श्रीमती शिल्पा पथे जी ने बच्चों को जन्माष्टमी पर्व  महत्व बताया। उन्होंने श्रीकृष्ण की विशेषतायें बताते हुए की  "वे एक कुशल संगठक थे,श्री कृष्ण ने धर्म जीत व राष्ट्र के उत्थान हेतु लोगों को संगठित किया। श्रीकृष्ण सभी को सामान महत्व देते थे और सबके साथ एकरस हो जाते थे।"
प्रस्तुतियों के पश्चात उपस्थित सभी बच्चों ने हाँडी फोङने के प्रयास में आनन्द प्राप्त किया। इस दौरान मंदिर परिसर " जय जय भारत मैया की, जय जय कृष्ण कन्हैया की " के जयघोष से गूँज उठा। सभी बच्चों ने संगठित प्रयासों से हाँडी को फोड़ने में सफलता प्राप्त की। इसके पश्चात सभी कार्यकर्ताओ व बच्चों  ने प्रसाद के रूप में गोपाल काला ग्रहण किया।
कार्यक्रम  संचालन संस्कार वर्ग की कार्यकर्ता कु. शारदा ने किया। कार्यक्रम का समापन शान्तिपाठ से हुआ। ,

Sunday, June 29, 2014

नागपुर में अनिवासीय व्यक्तित्व विकास शिविर

नागपुर, 29 अप्रैल, 2014 : विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा नागपुर की ओर से अनिवासीय व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन दो चरणों में, दिनांक 13 अप्रैल से 20 अप्रैल तथा 21 अप्रैल से 28 अप्रैल, 2014 की अवधि में किया गया। शिविर गीत के रूप में "भारत जननी जय" गीत को सभी शिविरार्थियों ने कंठस्थ किया, साथ ही सभी वर्गों में "लिंगाष्टकम" सिखाया गया।

इस अनिवासीय शिविर का आयोजन नागपुर में 7 विस्तारों में 10 स्थानों पर किया गया, जिसमें क्रमशः, प्रताप नगर में 43, लक्ष्मी नगर में 25, सोनेगांव स्कूल में 40, मनीष नगर में 28, सिविल लाइंस में 60, शिवाजी नगर में 80, सक्करदरा में 20, रवीद्र नगर में 60, सावरकर नगर में 25 तथा सोनेगांव में 20, ऐसे कुल 401 शिविरार्थी सहभागी हुए। इन शिविरों में मैदानी खेल, सूर्यनमस्कार, कथाकथन, हस्तकला प्रशिक्षण, कृतिगीत के साथ ही स्वामी विवेकानन्द के संदेशों का पठन किया गया।प्रत्येक विस्तार में समापन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिविरार्थियों ने शिविर के दौरान सिखाए गए सूर्यनमस्कार, कथाकथन, लिंगाष्टकम, गीत, कृति गीत, नाट्य अभिनय तथा अनुभव कथन प्रस्तुत किए। शिविर के समापन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिविरार्थियों के अभिभावक गण सम्मिलित हुए। चयनित शिविरार्थी आवासीय व्यक्तित्व विकास शिविर में सहभागी होंगे।