Tuesday, December 19, 2017

नवम्बर माह की गतिविधि - दिब्रुगढ

साधना दिवस

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की शाखा-दिब्रुगढ़ केन्द्र कार्यालय में मा० एकनाथजी की जयंती 19 नवम्बर को साधना दिवस के रूप में मनायी गयी। कार्यक्रम की शरुआत तीन ॐकार एवं शांति पाठ से की यी। उसके बाद केन्द्र प्रार्थना के सभी पंक्तियों को क्रमशः पढ़ते हुए उसकी अर्थ सहित व्याख्या की भी गयी। चर्चा में कार्यकर्ताओं ने प्रार्थना के भाव को हृदयंगम करते हुए अपने दायित्व को शरीर का एक अभिन्न अंग मानते हुए उसे पूरी निष्ठा के साथ पालन करने का संकल्प लिया। साथ ही साथ एकनाथजी के उस वाणी को भी स्मरण किया कि हमारा भारतवर्ष में जन्म क्यों हुआ ? हम इस संगठन में क्यों आएँ? अतः हमारे मानव जीवन का कुछ निश्चित ही अद्वितिय उद्देश्य हैं!

कार्यक्रम में नगर व विभाग समिति के सदस्यों के अलावा आनन्दालय तथा VKVए०पी०टी० के सदस्यगण भी उपस्थित रहे । इस प्रकार कुल 30 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में व्याख्यान सत्र का समापन हुआ। उसके पश्चात् भजन संध्या का भी आयोजन किया गया।

मासिक अध्ययन चक्र (एम०टी०एस०)

हर महीने की भाँति इस बार भी एम०टी०एस० का आयोजन केन्द्र कार्यालय में 25 नवम्बर को किया गया। भगिनी निवेदिता के भारतवर्ष के प्रति अतीव योगदान को देखते हुए जैसा कि पिछले माह में तय किया गया था कि आगामी 12 महीने के विमर्ष का विषय भगिनी निवेदिता से संबंधित रखा जाएगा। अतः कार्य क्रम के मुख्य वक्ता डाॅ० महेष्वर हाजरिका जी ने भी विशेषतः भगिनी निवेदिता के बारे में ही व्याख्यान दिया। उन्होंने भगिनी निवेदिता द्वारा स्वामीजी को लिखे पत्रों का स्मरण करवाते हुए यह बात साझा करने का प्रयास किया कि भारतीय संस्कृति को गहनता से समझने के प्रति कितना भगिनी निवेदिता का आग्रह था? भारत में आने पर इतने सारे कष्टों को सहने के बावजूद भी वह अविचलित रहीं तथा स्वामीजी के निर्देषानुसार महिलाओं के उत्थान के लिए हरसंभव योगदान देने में किंचित मात्र भी पीछे नहीं हठी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी उनका योगदान अवर्णनीय है।

कार्यक्रम में संस्कार वर्ग के 8 बच्चों ने सामूहिकतः ‘चन्दन है इस देश की माटी’ गीत गाकर शोभा बढ़ाया। चर्चा के दरम्यान कार्यक्रम प्रमुख श्री पवन गाड़ोदिया जी ने बताया कि भगिनी निवेदिता के योगदान को अधिकाधिक लोगों तक पहुचाने की जरूरत है। नगर प्रमुख डाॅ० भारती दत्त जी ने भगिनी निवेदिता द्वारा भारत में किए गए कार्यो की विशेष सराहना की। दिब्रुगढ़ व तिनसुकिया के विभाग प्रमुख श्री शान्तनू देब दादा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में कुल 40 की संख्या में लोग उपस्थित रहे ।

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